RT PCR-based kit for Monkeypox Virus: मंकीपॉक्स के मामले दुनिया भर में बढ़ते जा रहे हैं. भारत में अब तक इसके कुल 4 केस सामने आ चुके हैं. इस बीच एक अच्छी खबर यह है कि इस वायरस का पता लगाने के लिए रीयल-टाइम पीसीआर-बेस्ड किट डेवलप कर लिया गया है. इसे डायग्नोस्टिक कंपनी Genes2Me प्राइवेट लिमिटेड ने डेवलप किया है. Genes2Me भारत में मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स स्पेस की लीडिंग कंपनियों में से एक है. यह NABL से मान्यता प्राप्त डायग्नोस्टिक लैब हैं, जिसका मुख्यालय गुड़गांव में है. कंपनी का दावा है कि किट को बीमारी का पता लगाने में 50 मिनट से भी कम समय लगता है.
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जानिए किट के बारे में
कंपनी के प्रेस स्टेटमेंट के अनुसार, यह किट किसी भी सामान्य रूप से उपलब्ध रीयल-टाइम पीसीआर इंस्ट्रूमेंट के लिए स्टैंडर्ड वर्ज़न के साथ-साथ Genes2Me Rapi-Q HT रैपिड RT-PCR डिवाइस पर पॉइंट-ऑफ-केयर फॉर्मेट में उपलब्ध है. कंपनी ने आगे कहा है, “प्वाइंट-ऑफ-केयर सॉल्यूशन का उपयोग अस्पतालों, एयरपोर्ट्स, डायग्नोस्टिक लैब्स, हेल्थ कैंपस सहित कई साइटों पर स्क्रीनिंग के लिए किया जा सकता है.” हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स को हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है. ग्लोबल हेल्थ एजेंसी के अनुसार, अब तक 75 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं.
कंपनी का बयान
Genes2Me के सीईओ और संस्थापक श्री नीरज गुप्ता ने एक बयान में कहा, “हम इस वायरस के लिए समय से पहले तैयार रहना चाहते थे. समय के मूल्य को समझते हुए, हमने मंकीपॉक्स के लिए यह आरटी पीसीआर लॉन्च किया है जो सटीकता के साथ 50 मिनट से भी कम समय में रिजल्ट देगा. Genes2Me हमेशा गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों में समाधान का प्रयास करता है जो किसी भी हेल्थ इमरजेंसी के दौरान जनता के लिए जरूरी है. हमारे पास वर्तमान में एक सप्ताह में 50 लाख टेस्ट किट बनाने की क्षमता है, हालांकि, इसे एक दिन में 20 लाख टेस्ट किट तक और बढ़ाया जा सकता है.”
कंपनी ने अपने बयान में आगे कहा है, “Genes2Me के वैज्ञानिक मंकीपॉक्स वायरस का पता लगाने के लिए “पॉक्स-क्यू मल्टीप्लेक्स आरटी-पीसीआर किट” विकसित करने में सक्षम हैं. साथ ही वेरिसेला जोस्टर वायरस (चिकन पॉक्स) से एकल ट्यूब मल्टीप्लेक्स रिएक्शन फॉर्मेट में अलग करते हैं. अपनी तरह का पहला यह ‘मेड इन इंडिया’ प्रोडक्ट केवल रिसर्च उपयोग के लिए (RUO) उपलब्ध है और गोल्ड स्टैंडर्ड टैकमैन केमिस्ट्री बेस्ड आरटी पीसीआर मेथड पर आधारित है.”