IPL 2021 Revenue: इंडियन प्रीमियम लीग (IPL) का चौदहवां सीजन अब शुरू होने ही वाला है. टाइटल स्पांसर के रूप में वीवो (Vivo) की फिर एंट्री हो गई है. इसी के साथ बोर्ड आफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (BCCI) की नजर इस साल तगड़ी कमाई पर है. इंडस्ट्री का अनुमान है कि BCCI को आईपीएल के 14वें सीजन में टाइटल स्पांसरशिप के जरिए करीब 4000 करोड़ का रेवेन्यू हासिल हो सकता है. बता दें कि आईपीएल का 14वां सीजन 9 अप्रैल से शुरू हो रहा है. पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के चलते आईपीएल को देश के बाहर कराना पड़ा था, जिससे रेवन्यू में कमी आई थी.
इंडस्ट्री का अनुमान है कि आईपीएल के पिछले सीजन में BCCI के रेवेन्यू में 30-40 फीसदी की कमी आई थी. इसलिए BCCI ने अबतक 5 स्पांसर साइन किए हैं और आगे एक या दो स्पांसर और जोड़ने का विचार है. Entertainment, Sports and LIVE Events, GroupM के बिजनेस हेड, विनीत कार्निक ने BrandWagon Online को बताया कि यह बहुत साफ है कि आईपीएल की डिमांड बढ़ रही है और इसलिए स्पांसरशिप रेवेन्यू भी बढ़ा है. BCCI ने इसके लिए साल 2020 में 2 आफिशियल पार्टनर और 2021 में आफिशियल पार्टनर जोड़ा है. दोनों सीजन में सिर्फ चार-पांच महीनों के अंतराल पर विचार करें तो यह अविश्वसनीय है.
किससे कितने मिलेंगे
केंद्रीय पूल के रेवेन्यू में ऑन-ग्राउंड एक्टिवेशन के साथ स्पांसरशिप से मिलने वाली रकम शामिल होती है. इस साल की बात करें तो प्रसारण अधिकार के लिए स्टार इंडिया बीसीसीआई को 3,269.5 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा. जबकि Vivo से 440 करोड़ रुपये मिलेंगे और 5 आफिशियल स्पांसर्स से 220 करोड़ रुपये मिलेंगे. वहीं अंपायर और स्ट्रैटेजिक टाइमआउट स्पांसरशिप से BCCI को 60 करोड़ रुपये की कमाई होगी. वर्तमान में, IPL 14 ने आफिशियल स्पांसर के रूप में अपस्टॉक्स, ड्रीम 11, अनएकेडमी, टाटा मोटर्स और क्रेड को जोड़ा है.
बता दें कि बीसीसीआई कुल रेवेन्यू का 50 फीसदी हिस्सा फ्रेंचाइजियों के साथ केंद्रीय पूल के हिस्से के रूप में साझा करता है. बदले में, फ्रेंचाइजी बीसीसीआई को अपने कुल राजस्व का 20 फीसदी देती हैं.
फ्रेंचाइजी टीमों की कमाई बढ़ने की उम्मीद
BCCI के साथ ही आईपीएल फ्रेंचाइजी टीमों के रेवेन्यू में भी इस साल 10-15 फीसदी ग्रोथ का अनुमान है. इंडस्ट्री के अनुमान के मुताबिक 8 फ्रेंचाइजी ने पिछले साल स्पांसरशिप रेवून्यू के रूप में 450-500 करोड़ रुपये कमाए थे. इसमें से, क्लास ए मसलन चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके), मुंबई इंडियंस (एमआई), रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) और शाहरुख खान की सह-स्वामित्व वाली टीम कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) जैसी टीमों ने 60-75 करोड़ रुपये के बीच कमाई की. बाकी टीमों का अनुमान है कि उन्होंने 40 करोड़ रुपये से 50 करोड़ रुपये कमाए हैं. चेन्नई सुपर किंग्स के सीईओ केसी विश्वनाथन ने कहा कि जबकि स्पॉन्सरशिप रेवेन्यू प्री कोविड लेवल पर वापस नहीं आया है, हमने इस साल रेवून्यू में 25-30 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी है और पिछले साल की तुलना में बेहतर पोजिशन पर हैं.
जर्सी पर कितने में बिके स्लॉट
सूत्र बताते हैं कि टीमों के आधार पर, अलग अलग ब्रांड ने टीम जर्सी के सामने एक स्लॉट के लिए 15-25 करोड़ रुपये के बीच और जर्सी के पीछे की जगह के लिए 7-13 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. हेलमेट का फ्रंट 2-4 करोड़ रुपये में बेचा गया है, जबकि टीम की जर्सी के कंधे की स्थिति 1.5 करोड़ रुपये से 3 करोड़ रुपये में बेची गई है.
डिजिटल रास्ते तलाश रही हैं फ्रेंचाइजी
दिलचस्प बात यह है कि दर्शक-रहित टूर्नामेंट में फ्रेंचाइजी डिजिटल रास्ते तलाश रही हैं. दिल्ली कैपिटल्स के अंतरिम सीईओ विनोद बिष्ट ने डिजिटल साझेदारी पर बताया कि डिजिटल कटेंट मार्केटिंग और दिल्ली कैपिटल्स की संपत्ति के बढ़ते मूल्यांकन को भुनाने की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए, हम बोर्ड OctaFX पर लाए, जो DCTV अंब्रेला के तहत 6 डिजिटल IP डीसी ऑल एक्सेस, पिच पर डीसी, कैपिटल अनप्लग्ड, डीसी स्पेशल, सलाम दिली और फैनकाम को प्रायोजित करेगा. इसके अलावा, ब्रांड को अपने प्रमुख संचार को विकसित करने और अपने ग्राहक जुड़ाव को बढ़ाने के लिए टीम के खिलाड़ियों तक पहुंच प्रदान की जाएगी. सूत्रों का दावा है कि डिजिटल और लाइसेंसिंग सौदे प्रति खिलाड़ी 40 से 50 लाख रुपये के बीच हो रहे हैं.
(लेखक: Vainavi Mahendra)