World Health Day, April 7, 2022 : ‘स्वास्थ्य ही धन है’ – अच्छी सेहत की अहमियत पर जोर देने के लिए अक्सर कहा जाने वाला यह वाक्य तो हम सबने सुना होगा. लेकिन इसके साथ ही हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए ‘धन का सही प्रबंधन’ भी उतना ही जरूरी है. जब हम ऐसा कहते हैं, तो हमारा आशय केवल यह नहीं होता कि पैसों के बल पर स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल की जा सकती है. हमारा मकसद इस बात की ओर ध्यान दिलाना है कि अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मददगार साबित हो सकती है. आइए समझते हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है.
सेहत पर बुरा असर डालता है तनाव
स्टैटिस्टा द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार साल 2020 के दौरान कोविड महामारी के डर और उससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के बाद, वित्तीय अस्थिरता भारत के लोगों में तनाव की दूसरी सबसे प्रमुख वजह थी. लगभग 27 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने वित्तीय अस्थिरता को तनाव की बड़ी वजह बताया.
सही फाइनेंशियल प्लानिंग से तनाव कम हो सकता है
अगर हम सही फाइनेंशियल प्लानिंग करें तो तनाव कम हो सकता है. जाहिर है घटने का स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ सकता है. मिसाल के तौर पर बच्चों की शिक्षा और शादी की योजना बनाने, हमारी सेवानिवृत्ति सुनिश्चित करने और मृत्यु जैसी किसी भी घटना की स्थिति में परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने की चिंता हमारे दिमाग में चलती रहती है. इन लक्ष्यों को हासिल करने से भविष्य के लिए तनाव कम करने में मदद मिल सकती है.
मेडिकल टेस्ट की तरह ही फाइनेंशियल टेस्ट भी जरूरी
जिस तरह समय-समय पर होने वाले मेडिकल टेस्ट हमें बताते हैं कि हम कितने स्वस्थ हैं, उसी तरह वित्तीय जांच यानी फाइनेंशियल टेस्ट कराना भी जरूरी है, ताकि हमें अपनी वित्तीय सेहत की सही जानकारी मिलती रहे और हम समय रहते वित्तीय हालत में सुधार के लिए उपाय कर सकें. आइए समझते हैं कि यह फाइनेंशियल टेस्ट हम कैसे कर सकते हैं. इसके लिए हमें इन अनुपातों पर गौर करना होगा :
बचत अनुपात – यह आपकी सकल आय की तुलना में बचत का प्रतिशत है. अनुपात जितना अधिक होगा, उतना अच्छा होगा. 30 फीसदी से अधिक कोई भी प्रतिशत अच्छा माना जाता है.
तरलता अनुपात – यह इस बात का संकेत है कि किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए आपका पैसा कितना तरल है. यह बचत खाते में जमा पैसा, हाथ में उपलब्ध नकद और अन्य तरल संपत्ति है. किसी भी आपात स्थिति को पूरा करने के लिए आदर्श तरलता अनुपात 15 प्रतिशत है.
कर्ज संपत्ति अनुपात – आपको बताता है कि आपने अधिक उधार लिया है या नहीं. एक आदर्श अनुपात लगभग 50 प्रतिशत है. यानी कुल कर्ज आपकी संपत्ति के 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
ऋण अदायगी अनुपात – यदि यह अनुपात 40 प्रतिशत से अधिक है तो आपकी वित्तीय स्थिति खराब है. यह अनुपात आपकी आय की तुलना में ईएमआई और क्रेडिट कार्ड के भुगतान जैसी आपकी मासिक ऋण देनदारी के आधार पर निकाला जाता है.
फाइनेंशियल हेल्थ की हालत बताने वाले इन अनुपातों के बारे में जानने के बाद अब अब आइए कुछ दीर्घकालिक उपायों के बारे में जानते हैं. जिनकी मदद से हम अपने दीर्घकालीन लक्ष्य को हासिल करके वित्तीय तनाव को कम कर सकते हैं.
बीमा जरूर कराएं
हममें से अधिकांश लोग बीमा सुरक्षा नहीं रखते. यह स्थिति कोई भी अनहोनी होने पर हमारे परिवार को कमजोर बना देती है. पर्याप्त जीवन बीमा परिवार को उनके जीवन स्तर को बनाए रखने और किसी भी ऋण दायित्वों को पूरा करने में मदद कर सकता है. इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि आपको भविष्य के लक्ष्यों से कोई समझौता न करना पड़े.
किसी के पास कितना जीवन बीमा होना चाहिए, इसका पता लगाने के कई तरीके हैं, लेकिन एक साधारण नियम यह है कि आपका जीवन बीमा आपकी वार्षिक आय के कम से कम 10 से 15 गुने के बराबर होना चाहिए. बीमा का दूसरा भाग स्वास्थ्य बीमा है. मेडिकल ट्रीटमेंट की बढ़ती लागत के कारण यह जरूरी है कि आप अपने एंप्लायर से मिलने वाले किसी भी स्वास्थ्य बीमा के अलावा अपना खुद का स्वास्थ्य बीमा भी जरूर करवाएं. 10 लाख रुपये का फैमिली फ्लोटर प्लान आमतौर पर उपयोगी रहता है.
बच्चों की शिक्षा के लिए प्लानिंग
अपने बच्चों की शिक्षा के लिए भी फाइनेंशियल प्लानिंग करना बेहद जरूरी है, ताकि वक्त आने पर आप उन्हें बेस्ट पॉसिबल एजुकेशन दिला सकें. उच्च शिक्षा चाहे भारत में हो चाहे विदेशों में, उसकी बढ़ती लागत को बिना सही फाइनेंशियल प्लानिंग के पूरा करना संभव नहीं है. इस मामले में अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर महीने एक निश्चित रकम का निवेश करना काफी फायदेमंद रहता है. मिसाल के तौर पर अगर आपको बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए 15 साल में 25 लाख रुपये की जरूरत है, तो आपको आज से ही 15,000 रुपये का निवेश शुरू करना होगा.
रिटायरमेंट प्लानिंग
एंप्लॉयर की तरफ से मिलने वाली सुनिश्चित पेंशन योजनाओं का दौर अब पीछे छूटता जा रहा है. आज के जमाने में अधिकांश लोगों के लिए रिटायरमेंट के बाद का इंतजाम करना उनकी खुद की जिम्मेदारी होती है. सेवानिवृत्ति के बाद खर्चों के लिए अगर पहले से प्लानिंग न की जाए, तो उम्र बढ़ने के साथ-साथ यह तनाव बढ़ने की एक बड़ी वजह हो सकती है. अपनी रिटायरमेंट योजना बनाने के लिए यह अनुमान लगाएं कि आपको रिटायरमेंट के बाद अपने मासिक खर्चों के लिए कितनी रकम की जरूरत होगी और इसके लिए तुरंत निवेश करना शुरू कर दें.
सही फाइनेंशियल प्लानिंग के जरिए आप भविष्य की अनिश्चितता को पूरी तरह से समाप्त भले ही न कर सकें, लेकिन इस पर कुछ हद तक काबू पाकर आप अपने मन का तनाव कम जरूर कर सकते हैं. जिसका आपकी और आपके परिवार की सेहत पर अच्छा असर पड़ सकता है. इसलिए विश्व स्वास्थ्य दिवस (World Health Day) के मौके पर आइए हम सेहतमंद जिंदगी के लिए अपने वित्तीय स्वास्थ्य को सुरक्षित करने पर भी ध्यान दें.
(Article : Vikas Singhania, CEO, TradeSmart)