Insurance on Education Loan: अगर आप फॉरेन यूनिवर्सिटी से हायर एजुकेशन लेने की इच्छा रखते हैं और इसके लिए एजुकेशन लोन लेने का विचार बना रहे हैं, तो आज हम आपको एजुकेशन लोन से जुड़ी एक अहम बात बताने जा रहे हैं. अकसर फॉरेन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के लिए स्टूडेंट्स को एजुकेशन लोन लेना पड़ता है. ऐसे में माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा फॉरेन में पढ़ाई के दौरान सुरक्षित महसूस करें और देश व घर से दूर रहने के दौरान होने वाले जोखिमों से भी वह बचा रहे. ऐसे में किसी अनहोनी या हादसे की वजह से लोन की रिपेमेंट आपके लिए सिर दर्द न बन जाए. इसके लिए आपको एजुकेशन लोन पर इंश्योरेंस पॉलिसी जरूर लेनी चाहिए.
ज्ञानधन के फाउंडर और सीईओ अंकित मेहरा ने बताया कि एजुकेशन लोन एक बड़ी फाइनेंशियल रिस्पॉन्सिबिलिटी है, खासकर अगर यह फॉरेन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए लिया गया है. एजुकेशन लोन लेते समय अक्सर माता-पिता या तो गारंटी के तौर पर कोई चीज गिरवी रखते हैं या फिर वह लोन के लिए कॉ-अप्लिकेंट बन जाते हैं. ऐसे में कई बार एजुकेशन पर होने वाला कुल खर्च और लोन चुकाने की टेंशन को देखते हुए कभी-कभी स्टूडेंट्स फॉरेन यूनिवर्सिटी में पढ़ने के अपने प्लान को ही कैंसिल करने पर विचार करने लगते हैं. ऐसे में स्टूडेंट्स को होने वाली चिंता को समझा जा सकता है. हालांकि एजुकेशन लोन को मैनेज तरीके से वापस किया जा सकता है. हम अपने व्हीकल के लिए लोन लेते हैं, लेकिन जब एजुकेशन की बात आती है, तो बहुत से लोग एजुकेशन लोन इंश्योरेंस से मिलने वाले बेनिफिट्स को नजरअंदाज कर देते हैं, जो आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है.
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आज हम आपको 4 ऐसी बड़ी वजह बताने जा रहे हैं, जो यह बताती हैं कि एजुकेशन लोन पर इंश्योरेंस लेने के क्या फायदे हैं.
1. माता-पिता को अपने बच्चे के एजुकेशन लोन पर इंश्योरेंस क्यों लेना चाहिए?
जब स्टूडेंट्स एजुकेशन लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो लोन चुकाने की जिम्मेदारी कॉ-अप्लिकेंट पर आ जाती है. एजुकेशन लोन के अधिकतर मामलों में स्टूडेंट्स के माता-पिता ही कॉ-अप्लिकेंट होते हैं, जब तक कि स्टूडेंट लोन चुकाने के लिए फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट हो जाता है. ऐसे में लोन इंश्योरेंस यह भरोसा देता है कि किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना या स्थिति में कॉ-अप्लिकेंट एजुकेशन लोन की पूरी रकम और ब्याज को चुकाने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. कई सरकारी बैंक एजुकेशन लोन पर इंश्योरेंस दे रहे हैं. इसके साथ ही एजुकेशन लोन के प्रोसेस की लागत को देखते हुए एजुकेशन लोन इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत स्टूडेंट्स को ब्याज दरों में छूट भी दी जा रही है, जो स्टूडेंट्स के लिए बड़ी राहत है. ऐसे में अगर स्टूडेंट को किसी दुर्घटना या हादसे में गंभीर चोट लगती है, तो इंश्योरेंस कंपनी एजुकेशन लोन की पूरी रकम का भुगतान करती है, न कि कॉ-अप्लिकेंट.
2. अगर स्टूडेंट एजुकेशन लोन पर इंश्योरेंस लेते हैं तो इसके क्या बेनिफिट्स हैं?
एजुकेशन लोन इंश्योरेंस को कार के एयरबैग के रूप में देखने की जरूरत है. जिस तरह से एयरबैग कार एक्सीडेंट के वक्त कार चला रहे व्यक्ति की सुरक्षा करता है और यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्ति को कम से कम चोट लगे. ऐसे ही लोन इंश्योरेंस आर्थिक संकट से जूझ रहे लोन लेने वाले व्यक्ति को सुरक्षा मौहिया करता है.
लोन इंश्योरेंस किसी हादसे या अचानक घटी घटना से हुए नुकसान, लाइलाज बीमारी और कुछ मामलों में नौकरी छूटने पर अप्लिकेंट को लोन चुकाने की टेंशन से आजादी देता है. ऐसे में फॉरेन एजुकेशन इंश्योरेंस की देयता परिवार के सदस्य के लिए नहीं है, बल्कि इंश्योरेंस कंपनी की होती है. अप्लिकेंट को फॉरेन एजुकेशन लोन इंश्योरंस के प्रीमियम का अलग से भुगतान करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वे पहले से ही एक एजुकेशन लोन की EMI में शामिल होता है. ऐसे में एजुकेशन लोन इंश्योरेंस लेना एक समझदारी वाला फैसला है.
3. स्टूडेंट्स अपने सुरक्षित करियर के लिए किस प्रकार के इंश्योरेंस ले सकते हैं?
जब लोन इंश्योरेंस की बात आती है, तो स्टूडेंट्स अपना करियर सुरक्षित करने के लिए तीन तरीके का इंश्योरेंस ले सकते हैं, पहला हेल्थ इंश्योरेंस, दूसरा एजुकेशन लोन इंश्योरेंस और तीसरा स्टूडेंट ट्रैवल इंश्योरेंस.
4. क्या होगा अगर कोई स्टूडेंट किसी भी कारण से चूक करता है, तो क्या उसके लिए इंश्योरेंस कंपनी उत्तरदायी होगी?
नहीं, बीमा कंपनी लाइलाज बीमारी या अप्लिकेंट की मृत्यु के मामले में लोन की राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है. हालांकि यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि स्टूडेंट ने किस प्रकार का लोन लिया है. नौकरी जाने की स्थिति में कुछ लोन इंश्योरेंस पॉलिसियां इसके लिए उत्तरदायी होती हैं.
(Article by Amitava Chakrabarty)