
Dhanteras 2020: Why we buy gold on Dhanteras: दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस आता है. इस दिन गोल्ड खरीदने की भारतीय परंपरा रही है. यूं तो गोल्ड के प्रति दुनिया भर में आकर्षण है और इसकी खरीद वर्ष भर होती है लेकिन भारत में धनतेरस को इसकी खरीद का धार्मिक और ज्योतिषिय महत्व है. अमूमन सामर्थ्य के अनुसार लोग सोने की ज्वैलरी, सिक्के आदि की खरीदारी करते हैं. धार्मिक महत्व के बारे में यह कहा जाता है कि सोना समृद्धि एवं वैभव का प्रतीक है. इसलिए धनतेरस के मौके पर इसे खरीदना शुभ होता है.
यह भी पढ़ें- इस तरह तय होती है सोने के गहनों की कीमत
सोना सबसे शुद्ध धातु
ज्योतिषाचार्य पंडित श्याम शंकर मिश्रा का कहना है कि सोना सबसे शुद्ध माना जाता है. इसके कारण धनतेरस जैसे शुभ मौके पर भारतीय इसे खरीदते हैं. इसके अलावा उन्होंने स्वर्णदान को महादान कहा. स्वर्णदान की लंबे समय से परंपरा रही है. हीरा सोने से भी महंगा होता है, फिर भी इसकी बजाय धनतेरस पर सोने की खरीदारी होती है, इसका कारण यह है कि सोना सबसे शुद्ध होता है और यह शुभ माना जाता है. इस कारण इसे न सिर्फ धनतेरस जैसे त्यौहारी मौकौं पर बल्कि किसी भी शुभ कार्य प्रायोजन के समय भी खरीदा जाता है.
यह भी पढ़ें- सोना खरीदते समय जरूर बरतें ये सावधानियां
गुरू का प्रतीक है सोना
ज्योतिषाचार्य पंडित सुजीत श्रीवास्तव ने धनतेरस पर सोने को खरीदने के पीछे की सबसे बड़ी वजह यह बताया कि यह वैभव और समृद्धि का प्रतीक है. सोना लक्ष्मी का प्रतीक है. इसके अलावा सबसे महत्त्वपूर्ण यह है कि यह पीली धातु गुरू का प्रतीक है. इस वजह से धनतेरस के शुभ मौके पर गुरू या लक्ष्मी के तौर पर सोने को खरीदने की परंपरा रही है. हालांकि सिर्फ सोना खरीदने के लिए ही बाध्य नहीं हैं क्योंकि लक्ष्मी धार्मिक पुस्तक या कलम के रूप में भी हो सकती है. इसलिए इस मौके पर धार्मिक पुस्तक या कलम इत्यादि भी खरीद सकते हैं.
Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.