Term Insurance: मौजूदा दौर में टर्म इंश्योरेंस तेजी से लोकप्रिय हो रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि बीमाधारक की असमय मौत पर यह उसके परिवार को मजबूत आर्थिक सहारा मुहैया कराता है और वह भी बहुत कम प्रीमियम पर. कम प्रीमियम में बड़े कवरेज के चलते टर्म इंश्योरेंस बहुत तेजी से पसंदीदा विकल्प बन रहा है और बीमा कंपनियां भी प्रतिस्पर्धी दरों पर इसे पेश कर रही है. इस पॉलिसी को खरीदते समय आमतौर पर मेडिकल टेस्ट करवाना होता है. कुछ कंपनियां मेडिकल टेस्ट में ढील दे सकती हैं लेकिन जानकारों का मानना है कि ऐसी पॉलिसी खरीदने से बचना चाहिए जिसे खरीदने से पहले पूरा मेडिकल चेक-अप न हो. अगर पूरा मेडिकल चेक-अप न हो तो बीमाधारक को पॉलिसी खरीदते समय थोड़ी राहत तो मिल जाती है लेकिन इससे क्लेम के समय बहुत दिक्कतें आ सकती हैं.
प्रॉपर मेडिकल चेक-अप के बिना क्लेम में आ सकती हैं दिक्कतें
टर्म प्लान कम प्रीमियम में अधिकतम कवरेज उपलब्ध कराते हैं. ऐसे में बीमा कंपनियां पॉलिसी बेचने से पहले गहराई से मेडिकल टेस्ट कराती हैं. हालांकि कुछ मामलों में बीमा कंपनियां इस पर जोर नहीं देतीं और बीमाधारक की तरफ से अच्छे स्वास्थ्य का डिक्लेरेशन देने से ही काम चल जाता है. लेकिन बीमाधारकों को इससे बचना चाहिए. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि पॉलिसी खरीदने के बाद अगर कुछ समय में ही पॉलिसीधारक की मौत हो गई तो कई बार बीमा कंपनियां जानकारी छिपाने के आधार पर क्लेम खारिज भी कर सकती हैं. बीमा कंपनियां ये दलील दे सकती हैं कि पॉलिसी खरीदते समय बीमाधारक ने अपनी सेहत की सही जानकारी नहीं दी थी, लिहाजा वे क्लेम की रकम अदा नहीं करेंगी.
Term Insurance Plan खरीदते समय बचें इन गलतियों से, परिवार को इंश्योरेंस का मिलेगा पूरा फायदा
पूरे मेडिकल टेस्ट के बाद ही खरीदें टर्म इंश्योरेंस प्लान
टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदने से पहले अगर आप मेडिकल टेस्ट कराते हैं तो मेडिकल रिपोर्ट की जिम्मेदारी बीमा कंपनी और चेकअप करने वाले डॉक्टर की हो जाती है. ऐसे में पॉलिसीधारक के नॉमिनी को क्लेम के सेटलमेंट में अधिक दिक्कतें नहीं आती हैं. यानी समझदारी इसी में है कि टर्म इंश्योरेंस प्लान वही खरीदा जाए, जिसके लिए पूरा मेडिकल चेकअप कराना जरूरी हो.