
Annuity Plan: मौजूदा दौर में जब फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर गिर रही है, तो रिटायरमेंट के बाद अच्छी लाइफ जीने के लिए एक निश्चित आय जुटाना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है. ऐसे में जीवन बीमा कंपनियों से एन्यूटी खरीदना एक समाधान हो सकता है जो रिटायरमेंट के बाद रेगुलर कैश फ्लो का जरिया बन सकता है. आखिर क्या है एन्यूटी और कैसे यह रिटायरमेंट के बाद आपका मददगार हो सकता है. यहां इस बारे में जानते हैं सबकुछ…..
क्या है एन्यूटी
एक एन्यूटी एक सब्सक्राइबर के लाइफ टाइम के लिए पेड की गई गारंटी राशि है. बीमाकर्ता कई तरह के एन्यूटी प्लान आफर कर रहे हैं, मसलन पेंशन फॉर लाइफ, एन्यूटी खरीदने वाले की डेथ होने पर उसके स्पाउस यानी पति या पत्नी को पेंशन, फिर भी किसी इमरजेंसी में धन की आवश्यकता के मामले में पॉलिसी सरेंडर करने का यहां कोई प्रावधान नहीं है. ऐसे विकल्प हैं जहां प्लान खरीदने वाले की डेथ के बाद कॉर्पस को निवेशक के कानूनी उत्तराधिकारी को लौटा दिया जाता है, लेकिन यह प्रभावी रिटर्न को कम करता है.
किसके लिए है बेहतर
एन्यूटी प्लान उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है जो अपनी जमा पूंजी को इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश नहीं करना चाहते हैं. यानी जो बाजार का जोखिम नहीं लेना खहते हैं. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के प्रोडक्ट हेड बी श्रीनिवास का कहना है कि जीवन बीमा कंपनियों द्वारा एन्यूटी प्रोडक्ट्स रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को ध्यान रखते हुए आदर्श हैं. वे बाजार में उतार-चढ़ाव हो या ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव, इन्हें लेकर सेंसिटिव नहीं होते. इससे इन पर कोई असर नहीं होता है. एन्यूटी प्रोडक्ट पॉलिसीधारक के पूरे जीवन के लिए गारंटेड इनकम प्रदान करते हैं जिससे वे अपने गोल्डेन ईयर्स में वित्तीय रूप से स्वतंत्र रह सकें.
एक्साइड लाइफ इंश्योरेंस के डायरेक्टर, स्ट्रैटेजी, संजय तिवारी का कहना है कि बचत योजनाओं के बारे में फैसला करना महत्वपूर्ण है ताकि फंड जुटाया जा सके. जिसे बाद के स्तर पर एन्यूटी में बदल दिया जाए. जीवन बीमा एक विकल्प है जो दोहरी सुरक्षा प्रदान करता है. एकुमुलेशन फेज में अगर किसी वजह से निवेशक की डेथ हो जाए तो परिवार को एकमुश्त राशि का भुगतान किया जाता है, जो वार्षिक प्रीमियम का 10 गुना होगा. इस टैक्स फ्री फंड को ग्राहक की पसंद के अनुसार एन्यूटी में भी बदला जा सकता है. अगर निवेशक एकुमुलेशन फेज में रहता है तो वह मेच्योरिटी राशि को एन्यूटी में बदल कर जीवन भर इनकम का लाभ उठा सकता है.
2 तरह की एन्यूटी
जीवन बीमाकर्ता 2 तरह की एन्यूटी प्लान की पेशकश करते हैं- डेफर्ड और इमेडिएट. इमेडिएट एन्यूटी प्लान में निवेशक मंथली, तिमाही, छमाही जैसे नियमित अंतराल पर पेंशन पाने के लिए एकमुश्त राशि का भुगतान करता है. यह उन लोगों के लिए बेहतर है, जिन्हें रिटायरमेंट के बाद ग्रेच्युटी या कर्मचारी भविष्य निधि से फंड मिला है या उनके पास एक कॉर्पस है. डेफर्ड एन्यूटी प्लान में एक निवेशक पेंशन योजना में निवेश कर बीमा कंपनी के साथ धन जमा करता है और फिर रिटायरमेंट के बाद पेंशन या रेगुलर भुगतान प्राप्त करता है. डेफर्ड एन्यूटी भी ग्राहक को एकमुश्त के रूप में कॉर्पस टैक्स का एक तिहाई वापस लेने और शेष दो-तिहाई को एन्यूटी में बदलने का विकल्प प्रदान करता है.
कब कौन सा चुनें प्लान
श्रीनिवास कहते हैं कि अगर कोई 40 के अंत में या 50 की शुरूआती उम्र में है तो डेफर्ड एन्यूटी प्लान बेहतर है, जबकि अगर कोई रिटायरमेंट के करीब है तोउसके लिए एक इमेडिएट एन्यूटी प्लान सबसे अच्छा विकल्प है.
वहीं, संजय तिवारी के अनुसार 20 के उम्र के शुरूआत के साथ ही रिटायरमेंट के लिए निवेश शुरू कर देना चाहिए. कम उम्र में निवेश करना है तो डेफर्ड एन्यूटी प्लान पर विचार कर सकते हैं. हालांकि, अगर कोई नियमित रूप से कम उम्र में बचत करने में सक्षम नहीं है, तो उसे इमेडिएट एन्यूटी प्लान चुनना चाहिए.
शॉर्ट टर्म ब्याज दरें लांग टर्म की दरों से अधिक होती हैं, इसलिए बीमाकर्ताओं के लिए एन्यूटी के लिए हायर इंटरेस्ट रेट का भुगतान करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है. क्योंकि वे लांग टर्म पेमेंट होते हैं. बाजार में लांग टर्म बांड हमेशा उपलब्ध नहीं होते हैं, इसलिए बीमाकर्ताओं को कम दरों पर रीइन्वेस्टिंग का जोखिम उठाना पड़ता है. नतीजतन, एन्यूटी प्राइसिंग अधिक हो जाता है और कई निवेशक मौजूदा एन्यूटी दरों के प्रति आकर्षक नहीं होते हैं.
(लेखक: Saikat Neogi)
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