UPI AutoPay Service: नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बुधवार को कहा है कि उसने रिकरिंग पेमेंट के लिए UPI AutoPay को लॉन्च किया है. इस नई सुविधा को UPI 2.0 के तहत लॉन्च किया गया है. बयान में बताया गया है कि ग्राहक अब किसी भी UPI ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल करके रिकरिंग पेमेंट जैसे मोबाइल बिल, बिजली के बिल, EMI भुगतान, एंटरटेनमेंट/ओटीटी सब्सक्रिप्शन, इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड और लोन पेमेंट आदि के लिए रिकरिंग ई-मेंडेट को इनेबल कर सकते हैं. 2000 रुपये तक की राशि में UPI पिन की जरूरत नहीं होगी. जबकि अगर यह राशि 2000 रुपये से ज्यादा होती है, तो व्यक्ति को हर मैंडेट को UPI पिन के साथ करना होगा.
ई-मेंडेट बनाने का भी विकल्प
किसी भी यूपीआई-इनेबल्ड एप्लिकेशन में एक ‘मैंडेट’ सैक्शन भी होगा, जिसके जरिए ग्राहक ऑटो डेबिट मेंडेट तय कर सकते हैं, उसे अनुमोदित कर सकते हैं, संशोधित कर सकते हैं, रोक सकते हैं या उसे रद्द कर सकते हैं. इसमें ग्राहकों को उनके संदर्भ और रिकॉर्ड के लिए अपने पिछले ‘मैंडेट’ देखने की सुविधा भी मिलेगी. यूपीआई यूजर यूपीआई आईडी, क्यूआर स्कैन या इंटेंट के माध्यम से ई-मेंडेट बना सकते हैं. पिछले पेमेंट पर ग्राहकों के खर्च को ध्यान में रखते हुए ऑटो डेबिट मेंडेट का पैटर्न बनाया गया है. मेंडेट एक बार के लिए, दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, द्वि-मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक रूप से निर्धारित किए जा सकते हैं.
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एक बार प्रमाणित करना होगा
यूजर और व्यापारियों दोनों को इस सुविधा से काफी लाभ हो सकता है, क्योंकि मेंडेट तुरंत जनरेट होता है और भुगतान अधिकृत तारीख पर स्वयं काट लिया जाता है. ग्राहकों को एक बार के लिए यूपीआई पिन के जरिए अपने खाते को प्रमाणित करना होगा और बाद में मासिक भुगतान अपने आप डेबिट हो जाएंगे.
कुछ बैंक, विक्रेता और एग्रीगेटर जो UPI AutoPay के साथ लाइव जा चुके हैं, उनमें एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक, एचएसबीसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक, ऑटोपे-दिल्ली मेट्रो, ऑटोपे- डिश टीवी, सीएएमएस पे, फुरलेंको, ग्रोफिटर, पॉलिसी बाजार, टेस्टबुक डॉट कॉम, द हिंदू, टाइम्स प्राइम, पेटीएम, पेयू, रेजरपे शामिल हैं. इसके अलावा, जियो पेमेंट्स बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और येस बैंक भी यूपीआई ऑटो-पे के साथ जल्द ही जुड़ जाएंगे.