Tax Saving for FY23 : सभी टैक्सपेयर्स को हर साल इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर (ITR) दाखिल करना जरूरी होता है. आईटीआर में टैक्सपेयर्स के एनुअल इनकम की डिटेल होती है. उसमें इनकम पर लागू टैक्स देनदारी भी शामिल होती है, दरअसल टैक्सपेयर्स को इनकम पर टैक्स जमा करना जरूरी है. इनकम टैक्स एक्ट 1961 के धाराओं के तहत सरकार टैक्स में छूट भी देती है. जिसके बारे में एक टैक्सपेयर्स को जानना जरूरी है. नए साल में टैक्स बचत कैसे की जाए उसके लिए एक्सपर्ट ने 5 सुझाव दिया है. इनकम पर टैक्स में छूट का लाभ लेने के लिए आइए एक नजर देखें.
इन 5 तरीकों से आप अपनी कमाई पर टैक्स सेविंग कर सकते हैं
टैक्स सेविंग स्कीम में करें निवेश
इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत निवेश किए गए अमाउंट सरकार टैक्स डिडक्शन की अनुमति देती है. इन स्कीम में अपनी सेविंग निवेश करके आप अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के अमाउंट पर टैक्स डिडक्शन का दावा कर सकते हैं. कैलेंडर ईयर 2022 में इन स्कीम में निवेश करने पर टैक्सपेयर्स को टैक्स छूट का लाभ मिला है. आपको ये स्कीम नए साल में भी पैसे बचाने में मददगार साबित होगी. इनकम टैक्स के नियम के तहत पब्लिक पॉविडेंट फंड (PPF), एंप्लाई पॉविडेंट फंड (EPF), इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS) और 5 या उससे अधिक टेन्योर वाली फिक्स्ड डिपॉजिट (FDs) स्कीम पर टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. टैक्स एक्सपर्ट के मुताबिक इन स्कीम में अपनी सेविंग निवेश करके लागू शर्त के हिसाब से टैक्स में छूट का दावा कर सकते हैं. साथ ही इससे आप लंबी अवधि में अपने लिए अधिक फंड का इंतजाम कर सकते हैं.
सही टैक्स रिजीम का करें चुनाव
देश में फिलहाल दो तरह का टैक्स रिजीम उपलब्ध हैं- पुराना टैक्स रिजीम और नया टैक्स रिजीम. आप अपनी सहूलियत के हिसाब से मनमुताबिक टैक्स रिजीम का चुनाव करें. दोनों में से वह विकल्प चुनें जो आपको ज्यादा टैक्स सेविंग कराए. नई टैक्स रिजीम में टैक्स रेट कम है. लेकिन इसमें टैक्सपेयर्स को डिडक्शन का लाभ नहीं मिलता है. इसकी तुलना में पुराने टैक्स रिजीम में टैक्स रेट ज्यादा है और इसमें टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. आप चाहें तो टैक्स पर कम खर्च करने के लिए नई टैक्स रिजीम का विकल्प चुन सकते हैं. इस काम में ऑनलाइन इनकम टैक्स कैलकुलेटर आपकी मदद कर सकता है. इस कैलकुलेटर की मदद से आप नई और पुरानी टैक्स रिजीम के बीच अंतर को समझ सकते हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में करें निवेश
नए साल में टैक्स सेविंग के लिए आप खुद और फैमिली के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीद सकते हैं. ऐसा करके आप धारा 80D के तहत इंश्योरेंस प्लान की प्रीमियम पेमेंट करने के लिए 25000 हजार रुपये तक के टैक्स डिडक्शन का दावा कर सकते है. सीनियर सिटिजन इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80D के तहत 50,000 तक टैक्स में छूट का दावा कर सकते हैं. जब आप अपने पैरेंट के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते हैं तो ऐसा करके आप अतिरिक्त 50 हजार की टेक्स बचत कर सकते हैं.
होम लोन पर उठाएं टैक्स सेविंग का लाभ
अगर आपने किसी बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट से होम लोन लिया है तो आप अपने लोन के इंटरेस्ट और लोन अमाउंट से जुड़े नियमों के तहत टैक्स डिडक्शन का दावा करने के पात्र हो जाते हैं. इनकम टैक्स की धारा 24 के तहत होम लोन इंटरेस्ट पर अधिकतम 2 लाख रुपये की टैक्स डिडक्शन और धारा 80C के तहत होम लोन अमाउंट पर अधिकतम 1.5 लाख रुपये टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है.
समय पर दाखिल करें ITR
हर साल किसी व्यक्ति या कंपनी को 31 जुलाई या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से तय की गई तारीख से पहले आईटीआर फाइल करना होता है. इसे दाखिल करने में चुक होने पर शर्ते के साथ जुर्माना देनी पड़ती है.
(Article By Amit Gupta, MD, SAG Infotech)