Tax Loss Harvesting Calculation: निवेशक जब भी स्टॉक या म्यूचुअल फंड में अपना निवेश बेचते हैं तो उन्हें कैपिलट गेन या लॉस होता है. कैपिटल गेन्स पर टैक्स आपके निवेश की होल्डिंग पीरियड के आधार पर लगाया जाता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर किसी निवेशक को कैपिटल गेन हुआ है, जिस पर उसकी टैक्स देनदारी बन रही है तो वह टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग मेथड का इस्तेमाल कर अपनी टैक्स लायबिलिटी को कम कर सकता है. इसका मतलब है कि टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग मेथड के ज़रिए आप अपनी टैक्स देनदारी को कुछ हद तक कम कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार, टैक्स हार्वेस्टिंग टैक्स देनदारी कम करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है. आइए जानते हैं कि यह क्या है और इसका फायदा आप कैसे उठा सकते हैं.
क्या है टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग मेथड
ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ट्रेडस्मार्ट के सीईओ विकास सिंघानिया ने FE ऑनलाइन को बताया, “टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग एक ऐसा तरीका है जिसके ज़रिए निवेशक अपने ट्रेडिंग गेन पर लगने वाले टैक्स को कम कर सकता है. मान लीजिए कि एक वर्ष के दौरान एक ट्रेडर ने कई ट्रेडिंग किए हैं और उसे इसमें काफी मुनाफा हुआ है. ऐसे में, साल के अंत में ट्रेडर को अपने मुनाफे पर लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म टैक्स देना होगा.” टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग मेथड का इस्तेमाल ज्यादातर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स के भुगतान को कम करने के लिए किया जाता है. सिंघानिया ने आगे कहा, “मान लीजिए कि किसी ट्रेडर को कुछ शेयरों पर नुकसान हो रहा है. वह उन शेयरों को नुकसान में बेच सकता है और उन्हें अन्य शेयरों पर बुक किए गए मुनाफे के साथ एडजस्ट कर सकता है. ऐसा करने से कैपिटल गेन्स पर आपकी टैक्स देनदारी कम हो जाएगी.”
टैक्स और फाइनेंशियल सर्विसेज सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म क्लियर (पूर्व में क्लियरटैक्स) के फाउंडर और CEO अर्चित गुप्ता ने कहा, “टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग के लिए आपको अपने स्टॉक/फंड यूनिट्स को घाटे में बेचना होगा ताकि कैपिटल गेन पर आपकी टैक्स देनदारी कम हो सके.” 1 अप्रैल 2018 से, 1 लाख रुपये से ऊपर के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) पर बिना इंडेक्सेशन के 10% की दर से टैक्स लगता है. इसकी तुलना में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) पर 15% की दर से टैक्स लगता है.
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टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग कैसे काम करता है
इसे आप उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लीजिए कि किसी निवेशक को इस साल 1 लाख रुपये का शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन हुआ है तो उसे 15,000 रुपये टैक्स देना होगा. अगर वह निवेशक 60,000 रुपये के लॉस के साथ स्टॉक रखता है और उन्हें बेचता है, तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन 40,000 रुपये तक आ जाएगा. नतीजतन, निवेशक को केवल 6,000 रुपये का टैक्स देना होगा, जो कि 40,000 रुपये का 15 प्रतिशत है. इस मेथड से निवेशक को घाटा कम करने और 9,000 रुपये का टैक्स बचाने में मदद मिलेगी.
टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग के फायदे
गुप्ता के अनुसार, घाटे में चल रहे स्टॉक/इक्विटी फंड की बिक्री से प्राप्त राशि का इस्तेमाल आकर्षक स्टॉक/इक्विटी फंड खरीदने के लिए किया जा सकता है. पोर्टफोलियो के ओरिजनल एसेट एलोकेशन को बनाए रखने के लिए यह करना जरूरी है. उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा, यह पोर्टफोलियो के रिस्क-रिटर्न प्रोफ़ाइल को बरकरार रखता है. टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग टैक्स बचाने के लिए एक अहम टूल है. इसके अलावा, आपको हाई रिटर्न हासिल करने के लिए अपने पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेश लाने के तरीकों के बारे में पता चलता है. यह नुकसान को कम तो नहीं करता है, लेकिन टैक्स बचाने में आपकी मदद जरूर करता है.”
टैक्स हार्वेस्टिंग: इन बातों का रखें ध्यान
एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग मेथड का इस्तेमाल करते समय इनकम टैक्स नियमों का पालन करना चाहिए. टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग का उपयोग करके नुकसान की भरपाई करते समय, आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना होगा. लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉस को केवल लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के खिलाफ सेट-ऑफ किया जा सकता है. आप लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉस को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के साथ सेट-ऑफ नहीं कर सकते. शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के खिलाफ सेट-ऑफ किया जा सकता है.
(Article: Rajeev Kumar)