आज के इस महंगाई के दौर में लोगों के लिए अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है. तेजी से बढ़ रही महंगाई ने लोगों के घरों के बजट को बिगाड़ कर रख दिया है. इस महंगाई का असर बच्चों की एजुकेशन पर भी पड़ा है. हर माता-पिता अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं, लेकिन कई बार पैसों की तंगी के चलते लोग अपने बच्चों को हायर एजुकेशन नहीं दिला पाते है. ऐसे में एजुकेशन लोन उनके आशा की किरण की तरह है.
सबसे सस्ता लोन
एजुकेशन लोन दूसरे लोन के मुकाबले में सबसे सस्ता लोन तो होता ही है, साथ ही आयकर अधिनियम के तहत इसमें टैक्स बैनिफिट भी मिलते हैं. ज्ञानधन के सीईओ और संस्थापक अंकित मेहरा के मुताबिक, “आयकर अधिनियम की धारा 80E के तहत एजुकेशन लोन के एवज में दिये गए ब्याज पर टैक्स बेनिफिट की मांग की जा सकती है. लेकिन ये ध्यान में रखना होगा कि टैक्स बेनिफिट सिर्फ ब्याज की राशि पर मिल सकता है न कि लोन की मूल राशि पर.”
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माता-पिता भी ले सकते हैं टैक्स बेनिफिट
मेहरा ने बताया कि “जिन माता-पिता ने भारत या विदेश में अपने बच्चे को पढाने के लिए एजुकेशन लोन लिया है वे भी टैक्स बेनिफिट की मांग कर सकते हैं. इससे उन्हें अपनी टोटल इनकम पर टैक्स बचाने में मदद मिलेगी. यह टैक्स बेनिफिट सेक्शन 80C के तहत मिलने वाले कर लाभ से अलग है. इसके लिए माता-पिता द्वारा दावा लोन की किस्ते शुरू किये जाने या 8 साल पूरे हो जाने पर किया जा सकता है. इसके लिए आप अपने बैंक से एक सर्टिफिकेट ले सकते हैं, जिसमें आपके द्वारा मौजूदा वित्त वर्ष में दी गई लोन की किस्तों के बारे में विवरण मौजूद होगा. इस सर्टिफिकेट के जरिए आप ITR भरते समय इस कटौती की मांग कर सकते हैं. इसके साथ ही अगर आप सैलरी पाते हैं तो आप अपनी कंपनी को एजुकेशन लोन के बारे में सूचना देकर टीडीएस में कटौती करा सकते हैं.