What is target maturity fund, who should invest | The Financial Express

TMF: क्‍या हैं टारगेट मैच्योरिटी फंड, बाजार के मौजूदा माहौल में निवेश का बेहतर विकल्‍प, समझें इसके फायदे

Target Maturity Fund: पिछले 2 साल में डेट फंड निवेशकों का सफर आसान नहीं रहा है, क्योंकि बढ़ती यील्ड ने बॉन्ड फंड्स के रिटर्न को प्रभावित किया है.

TMF: क्‍या हैं टारगेट मैच्योरिटी फंड, बाजार के मौजूदा माहौल में निवेश का बेहतर विकल्‍प, समझें इसके फायदे
Debt Funds: टारगेट मैच्योरिटी फंड डेट म्यूचुअल फंड स्कीम हैं जो इक्विटी इंडेक्स फंड की तरह है.

Target Maturity Funds/Fixed Income Scheme: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने फरवरी मॉनेटरी पॉलिसी में फिर रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ा दिया है. मई 2022 से अबतक रेपो रेट 2.50 फीसदी बढ़ चुका है. असल में कोविड महामारी के चलते दुनियाभर के लिए महंगाई चुनौती बन गई. कई बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में महंगाई कई साल के पीक पर पहुंच गई. जिससे दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की, ताकि मॉनेटरी और फिस्कल इंसेंटिव से महंगाई कंट्रोल हो सके. ऐसे में जब बाजार अस्थिर है, एक्‍सपर्ट टारगेटेट मैच्‍योरिटी फंड और फिक्‍स्‍ड इनकम विकल्‍पों को तरजीह दे रहे हैं. इस बारे में पीजीआईएम इंडिया म्‍यूचुअल फंड के हेड- फिक्‍स्‍ड इनकम, पुनीत पाल ने जानकारी दी है.

फिक्‍स्‍ड इनकम निवेश में स्थिर होगा रिटर्न

बॉन्ड यील्ड अभी स्थिर है. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रेट हाइक साइकिल के अंत की उम्मीदों को देखते हुए, फिक्‍स्‍ड इनकम निवेश विकल्पों से रिटर्न भी स्‍टेबल हो सकता है. भारत में यील्ड कर्व फ्लैट है और अमेरिका में यह इससे उलट है. इसका मतलब है कि बाजार महंगाई में गिरावट की उम्मीद कर रहा है. आगे केंद्रीय बैंकों द्वारा दरों में कटौती की जा सकती है, तो फिक्‍स्‍ड इनकम वाले निवेशकों को फायदा होगा.

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अभी निवेश का सही है समय

पिछले 2 साल में डेट फंड निवेशकों का सफर आसान नहीं रहा है, क्योंकि बढ़ती यील्ड ने बॉन्ड फंड्स के रिटर्न को प्रभावित किया है. जैसे जैसे हम रेट हाइक साइकिल में ठहराव और आगे ब्याज दरों में कटौती की ओर बढ़ रहे हैं, डेट फंड निवेशकों को ज्‍यादा फायदा पहुंचा सकते हैं. बॉन्ड यील्ड का मौजूदा स्तर फिक्स्ड इनकम फंड्स में निवेश का अच्छा मौका है.

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टारगेट मैच्योरिटी फंड बेहतर विकल्‍प

निवेशकों को सलाह है कि वे प्रमुख सॉवरेन होल्डिंग्स के साथ 3-5 साल की अवधि वाले फंडों पर विचार करें. क्योंकि वे वर्तमान में बेहतर रिस्क-रिवार्ड की पेशकश कर सकते हैं. गवर्नमेंट सिक्‍योरिटीज के लिए प्रमुख एलोकेशन के साथ टारगेट मैच्योरिटी फंड उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प हैं जो वर्तमान में बढ़ी हुई यील्ड का लाभ उठाने के लिए सुरक्षित और लिक्विड रूट की तलाश कर रहे हैं.

टारगेट मैच्योरिटी फंड डेट म्यूचुअल फंड स्कीम हैं जो इक्विटी इंडेक्स फंड की तरह है. टीएमएफ के पोर्टफोलियो में ऐसे बॉन्ड होते हैं जो तय मैच्योरिटी डेट वाले अंडरलाइंग बॉन्ड इंडेक्स का हिस्सा होते हैं. पोर्टफोलियो के बॉन्ड मैच्योरिटी तक रखे जाते हैं और होल्डिंग अवधि के दौरान भुगतान किए गए ब्याज को फंड में फिर से निवेश कर दिया जाता है.

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क्यों करना चाहिए निवेश

सवाल उठता है कि वर्तमान में टारगेट मैच्योरिटी फंड में निवेश क्‍यों करना चाहिए? इन फंडों की एक परिभाषित मैच्‍योरिटी तिथि होती है. एसेट एलोकेशन पूर्व-निर्धारित है और वे गवर्नमेंट सिक्‍योरिटीज, पीएसयू बॉन्ड, कॉरपोरेट बॉन्ड और स्टेट डेवलपमेंट लोन्स में निवेश कर सकते हैं.

इस कैटेगिरी में उतार चढ़ाव का असर कम

इन फंडों को या तो एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स या इंडेक्स फंड्स के रूप में डिजाइन किया गया है. उन्हें रोल डाउन स्‍ट्रैटेजी के साथ पैसिवली मैनेज्‍ड किया जाता है, जिसमें बॉन्‍ड मैच्‍योरिटी तक रखे जाते हैं. नतीजतन, हर गुजरते साल के साथ रिस्‍क कम होता जाता है. इसलिए इस कैटेगिरी में अस्थिरता कम होती है.

इमरजेंसी में भी आ सकता है काम

अगर निवेश को 3 साल से अधिक समय तक रखा जाता है, तो निवेशकों को लंबी अवधि में कैपिटल गेंस पर इंडेक्सेशन का बेनेफिट मिलता है. ये ओपन-एंडेड फंड हैं, इसलिए किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में निवेशक इन्हें मैच्योरिटी से पहले रिडीम कर सकते हैं. इस तरह, टारगेटेड मैच्योरिटी फंड में वे सभी खासियत हैं जो उन्हें मौजूदा माहौल में निवेश का आइडियल विकल्‍प बना सकती हैं.

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First published on: 09-02-2023 at 14:18 IST

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