Senior Citizens Monthly Income: अगर आप रिटायर हो चुके हैं और उसके बाद अपने जमा पैसों से मंथली इनकम का रास्ता तलाश रहे हैं तो ध्यान दें. आप अपनी पूरीं पूंजी सुरक्षित रखते हुए हर महीने 51 हजार रुपये की इनकम कर सकते हैं. इसमें पोस्ट ऑफिस की 2 शानदर स्कीम आपके काम आएंगी. ये स्कीम हैं सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS) और नेशनल सेविंग मंथली इनकम स्कीम (POMIS). बजट 2023 के बाद से अब पहले से ज्यादा आकर्षक हो गई हैं. अब जानते हैं कि इन स्कीम के जरिए आप कैसे हर महीने 51 हजार रुपये अपने खाते में मंगा सकते हैं.
SCSS New Calculator
अजट 2023 में पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS) में जमा की अधिकतम लिमिट 15 लाख की जगह 30 लाख रुपये कर दी गई है. आप अपने स्पाउस के साथ अलग अलग अकाउंट के जरिए अधिकतम 60 लाख रुपये इसमें जमा कर सकते या सकती हैं. केंद्र सरकार ने 1 जनवरी से इस स्कीम के लिए ब्याज दर भी बढ़ाकर 8 फीसदी सालाना कर दिया है.
अधिकतम जमा: 60 लाख रुपये
नई ब्याज दर: 8 फीसदी सालाना
मैच्योरिटी पीरियड: 5 साल
मंथली ब्याज: 40,000 रुपये
तिमाही ब्याज: 120000 रुपये
सालाना ब्याज: 4,80,000 रुपये
कुल ब्याज का फायदा: 24 लाख रुपये
एक्सटेंशन की भी है सुविधा
इस स्कीम में सरकार हर तिमाही ब्याज ट्रांसफर करती है. इस अकाउंट को आप 5 साल की मैच्योरिटी के बाद 3 साल के लिए और बढ़ा सकते हैं. ये एक्सटेंशन विकल्प सिर्फ एक बार मिलता है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक निवेश पर टैक्स छूट है. इसमें 60 साल से अधिक उम्र के लोग निवेश कर सकते हैं.
POMIS New Calculator
बजट 2023 में केंद्र सरकार ने पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम (POMIS) के लिए जमा की अधिकतम लिमिट बढ़ाकर डबल कर दी है. इसमें अब सिंगल अकाउंट के जरिए 9 लाख और ज्वॉइंट अकाउंट के जरिए 18 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं. पहले यह लिमिट 4.50 लख और 9 लाख रुपये थी. फिलहाल इसके बाद आपको होने वाली मंथली इनकम भी बढ़कर डबल हो जाएगी. 1 जनवरी से इस पर ब्याज दर भी बढ़कर 7.1 फीसदी कर दी गई है.
ब्याज दर: 7.1 फीसदी सालाना
ज्वॉइंट अकाउंट से अधिकतम निवेश: 18 लाख रुपये
सालाना ब्याज: 127800 रुपये
मंथली ब्याज: 10650 रुपये
इसमें जमा पैसों पर जो भी सालाना ब्याज होता है, उसे 12 हिस्से में बांट दिया जाता है, और वह हर महीने आपके अकाउंट में आ जाता है. इस स्कीम की मैच्योरिटी 5 साल है, लेकिन 5 साल बाद नए ब्याज दर के हिसाब से इसे आगे बढ़ा सकते हैं.