अब केवाईसी अपडेट करवाने के लिए एकाउंटहोल्डर को बार-बार बैंकों का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है. दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कहा है कि अगर खाताधारकों ने बैंक को अपने सभी जरूरी वैलिड डाक्यूमेंट्स जमा करवा दिए हैं और उनके पते में कोई बदलाव नहीं हुआ है तो ऐसे एकाउंटहोल्डर केवाईसी यानी नो योर कस्टमर (Know Yor Customer) डिटेल अपडेट करवाने के लिए बैंक शाखा में जाने की कोई जरूरत नहीं है. इस दौरान सेंट्रल बैंक ने ये भी कहा कि अगर केवाईसी डिटेल में कोई बदलाव नहीं है तो एकाउंटहोल्डर अपनी ईमेल आईडी, पंजीकृत मोबाइल नंबर, एटीएम या किसी दूसरे डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए स्व-घोषणा (सेल्फ डिक्लेरेशन) लेटर जमा करवा सकते हैं.
KYC अपडेट के लिए ग्राहकों पर दबाव न बनाएं बैंक: शक्तिकांत दास
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इससे पहले कहा था कि बैंकों को केवाईसी अपडेट करने के लिए ग्राहकों पर बैंक शाखा में आने का दबाव नहीं बनाना चाहिए. इसके लिए सेंट्रल बैंक आरबीआई की ओर से गुरूवार को गाइलाइन जारी किया गया. RBI गाइडलाइन के मुताबिक अगर केवाईसी डिटेल में कोई बदलाव नहीं है तो दोबारा केवाईसी अपडेट की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एकाउंटहोल्डर का सेल्फ डिक्लेरेशन लेटर ही काफी है.
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बैंक एकाउंटहोल्डर को सेल्फ डिक्लेरेशन के लिए दे ये सेवाएं: RBI
RBI की संबंधित गाइडलाइन में बैंकों से कहा गया कि वे रजिस्टर्ड ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, एटीएम, जैसे ऑनलाइन बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल ऐप जैसे डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से सेल्फ डिक्लेरेशन लेटर जमा करे की सुविधा ग्राहकों को दें ताकि उन्हें बैंक शाखा में जाने की जरूरत न पड़े. RBI गाइडलाइन में ये भी कहा गया कि पते में बदलाव होने की स्थिति में एकाउंटहोल्डर इन उपलब्ध कराए जाने वाले या पहले से उपलब्ध विकल्पों में से किसी भी माध्यम के जरिए बैंक रिकार्ड में अपने पते का चेंज करा सके या अपडेट के लिए आवेदन कर सकें और इस चरण के बाद बैंक 2 महीने के भीतर नए पते को वेरीफाई करेगा.
(इनपुट : भाषा)