चेक से भुगतान और सुरक्षित हो सके, इसके लिए RBI ने 50000 रुपये या इससे ज्यादा वैल्यू के सभी चेक के लिए ‘पॉजिटिव पे’ मैकेनिज्म लागू करने का फैसला किया है. यह सिस्टम देशभर में जारी किए जाने वाले कुल चेक के 20% वॉल्यूम को कवर करेगा और वैल्यू के आधार पर चेक से लेनदेन की 80% राशि इसके दायरे में आ जाएगी. RBI ने कहा है कि इस बारे में ऑपरेशनल दिशानिर्देश अलग से जारी किए जाएंगे.
पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay system) के तहत, 50,000 रुपये या इससे ज्यादा की रकम का चेक जारी करते समय खाताधारक को चेक के बारे में बैंक को जानकारी देनी होगी. इसके लिए खाताधारक को चेक नंबर, चेक डेट, पेई का नाम, खाता नंबर, रकम आदि डिटेल्स के साथ चेक के अगले और पिछले हिस्से की फोटो साझा करनी होगी. जब लाभार्थी चेक को इनकैश करने के लिए बैंक में जमा करेगा तो बैंक पॉजिटिव पे सिस्टम के जरिए पहले स प्राप्त डिटेल्स से चेक की डिटेल्स मैच करेगा. अगर डिटेल्स मेल खाएंगी तो ही चेक क्लियर होगा. इससे चेक से संबंधित धोखाधड़ी रोकने में मदद मिलेगी.
चेक ट्रंकेशन सिस्टम पर क्या कहा?
चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) को लेकर RBI ने कहा कि CTS वैसे तो पूरे देश में लागू है. लेकिन अभी इसका चलन महज 2 फीसदी है. केवल बड़े क्लीयरिंग हाउस इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. इस सिस्टम के तहत अभी 82,000 रुपये की कीमत वाले चेक क्लीयर किए जाते हैं. सीटीएस में जारी किए गए फिजिकल चेक को एक जगह से दूसरी जगह घूमना नहीं पड़ता है. सीटीएस में फिजिकल चेक के स्थान पर क्लीयरिंग हाउस की ओर से इसकी इलेक्ट्रॉनिक फोटो अदाकर्ता शाखा को भेज दी जाती है. इसके साथ इससे संबंधित जानकारी जैसे एमआईसीआर बैंड के डेटा, प्रस्तुति की तारीख, प्रस्तुत करने वाले बैंक का ब्योरा भी भेज दिया जाता है. ऐसे में सीटीसी के माध्यम से कुछ अपवादों को छोड़कर फिजिकल इंस्ट्रूमेंट्स की एक शाखा से दूसरी शाखा में जाने की जरूरत खत्म हो जाती है. यह चेक के एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में लगने वाली लागत को खत्म करता है. उनके कलेक्शन में लगने वाले समय को भी यह कम करता है. लिहाजा चेक की प्रोसेसिंग की तमाम प्रक्रियाएं आसान और सुविधानजक हो जाती है.