Rakesh Jhunjhunwala’s 5 Investment Strategies: दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का आज सुबह 62 साल की उम्र में निधन हो गया. झुनझुनवाला हमेशा आशावादी होते थे और उनका मानना था कि बाजार का सबसे अच्छा समय आना अभी बाकी है. वे भारतीय बाजार और अपनी निवेश रणनीतियों के दम पर शेयर बाजार के बिग बुल बन गए. राकेश झुनझुनवाला हमेशा भारत की भविष्य की संभावनाओं को लेकर बेहद आशावादी रहते थे. वे अपने पोर्टफोलियो में ऐसी कंपनियों को रखते थे, जिन्हें भारत में तेजी से बदलाव और विकास से फायदा होगा. वे न सिर्फ ट्रेडर थे बल्कि इन्वेस्टर भी थे. उनमें मंदी के समय में भी मार्केट सेंटीमेंट के खिलाफ ट्रेड करने का साहस था. इसके चलते उन्हें कई मौकों पर जबरदस्त मुनाफा भी हुआ.
हम यहां बिग बुल की उस स्ट्रैटेजी की बात करेंगे जिसके दम पर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है. आइए जानते हैं कि वो कौन सी खास 5 रणनीतियां हैं जिसे बिग बुल फॉलो करते थे.
सही जगह निवेश करें और इंतजार करें
झुनझुनवाला हमेशा सही खरीदारी करने और इंतजार करने में विश्वास करते थे. उनका मानना था कि अपनी खुद की रिसर्च करें, सही स्टॉक खरीदें और फिर उस पर बने रहें. कंपनी के बिजनेस में भरोसा रखें. घबराहट में कोई भी फैसला ना लें.
अपने स्टॉक को लेकर भावुक न हों
जब राकेश झुनझुनवाला 50 साल के हो गए, तो उनसे एक रिपोर्टर ने पूछा कि क्या एक निवेशक के रूप में वे कभी-कभी अपने किसी स्टॉक को लेकर भावुक हो जाते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अगर उनमें कोई भावना है, तो वह बच्चों और उनकी पत्नी के लिए हैं, और हो सकता है कि उनकी प्रेमिका के लिए हों. उनका कहना था कि अपने किसी भी स्टॉक को लेकर वे कभी भावुक नहीं होते. यह झुनझुनवाला के इन्वेस्टमेंट फिलॉसफी का सार है. शेयर बाजार में निवेश करें (आमतौर पर लंबी अवधि के लिए), लेकिन अगर आप अमीर बनना चाहते हैं, तो कभी भी अपने स्टॉक को लेकर भावुक न हों और जरूरत पड़ने पर सही समय पर बेच दें.
धैर्य रखें, सफलता निश्चित है
Groww के अनुसार, झुनझुनवाला एक दिन में इतने अमीर नहीं हो गए. वह जहां थे वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने कई वर्षों तक रिसर्च और मेहनत की है. झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में कई बार 25-30% तक करेक्शन हुआ, लेकिन उन्होंने हमेशा इस करेक्शन को खरीदने के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया.
जब दूसरे बेच रहे हों तब खरीदें और जब दूसरे खरीद रहे हों तब बेचें
झुनझुनवाला का मानना था कि जब दूसरे अपने शेयर बेच रहे हों तब खरीदना चाहिए और जब दूसरे खरीद रहे हों तब बेच देना चाहिए. इस प्रकार, वे भीड़ की मानसिकता के खिलाफ थे और चाहते थे कि बाजार के निवेशक निवेश करते समय अपने दिमाग का इस्तेमाल करें.
सही वैल्यूशन पर करें निवेश
‘कभी भी अनुचित वैल्यूएशन पर निवेश न करें. झुनझुनवाला का मानना था कि जो कंपनियां सुर्खियों में हैं उन पर कभी दांव न लगाएं. इस तरह, जब भी आप अनुचित वैल्यूएशन पर स्टॉक ट्रेडिंग देखते हैं, तो उसे खरीदने से बचें. ऐसा नहीं करने पर आप अपनी मेहनत की कमाई को खो सकते हैं.
(Article: Sanjeev Sinha)