How to Save Tax: इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में ऐसे कई नियम हैं जिसका इस्तेमाल कर आपके माता-पिता को टैक्स में कई तरह की छूट मिल सकती है. अगर आप निवेश की योजना बना रहे हैं तो निवेश ऐसी जगह करें जहां ओवरऑल टैक्स एक्सपेंस कम से कम हो.हालांकि ऐसा तब होगा जब आप अपना निवेश अपने माता-पिता के जरिये करेंगे. जानकार बताते हैं कि टैक्स प्लानिंग इस तरह से की जानी चाहिए कि परिवार पर कुल टैक्स का बोझ पिछले टैक्स के बोझ से ज्यादा न हो. आपको बताते हैं कुछ ऐसे टिप्स जो करेंगे टैक्स बचाने में आपकी मदद.
माता-पिता के नाम पर करें निवेश
टैक्स से बचने के लिए आप कुछ पैसे अपने माता-पिता को उपहार के रूप में दे सकते हैं. अगर आप अपने माता-पिता को कोई उपहार देते हैं तो उस पर गिफ्ट टैक्स नहीं लगता है. इतना ही नहीं, आपके माता-पिता को उस पैसे पर अगर कोई रिटर्न मिलता है, तो उस पर भी आपको टैक्स नहीं देना पड़ेगा. अगर आपके माता-पिता सीनियर सिटीजन हैं और नॉन टैक्सेबल ब्रैकेट में आते हैं तो आप और ज्यादा टैक्स बचा सकते हैं. सीनियर सिटीजन द्वारा बैंक/डाकघर में जमा राशि पर 50,000 रुपये तक की इंट्रेस्ट इनकम पर आयकर अधिनियम की धारा 80TTB के तहत कटौती की अनुमति है. इसके अलावा, सीनियर सिटीजन को नॉन-सीनियर सिटीजन एफडी की तुलना में फिक्स्ड डिपोजिट पर अधिक ब्याज मिलता है. यही नहीं, आप अपने माता-पिता के नाम पर एफडी में निवेश कर सकते हैं और टैक्स लाभ के साथ-साथ अधिक इंट्रेस्ट का फायदा उठा सकते हैं.
माता-पिता को दें किराया और HRA करें क्लेम
अगर आप अपने माता-पिता के घर में रहते हैं, तो आप उन्हें किराए का भुगतान कर सकते हैं और धारा 10(3ए) के तहत एक्जेम्पशन लिमिट के भीतर होम रेंट अलाउंस (HRA ) का लाभ उठा सकते हैं. यह तरीका तब ज्यादा कारगर है जब आपके माता-पिता आपसे कम टैक्स स्लैब में आते हैं. अगर आपके माता-पिता सीनियर सिटीजन हैं या उनकी कोई टैक्स योग्य आय नहीं है, तो आप एक परिवार के रूप में ठीक-ठाक टैक्स बचा सकते हैं. हालांकि, संपत्ति का मालिकाना हक आपके माता-पिता या किसी एक के पास होना चाहिए. अपने एचआरए कटौती का ठीक से दावा करने के लिए आपको किराए को उनके बैंक खाते में ट्रांसफर करना होगा या चेक के माध्यम से भुगतान करना होगा.
माता पिता का कराएं हेल्थ इंश्योरेंस
अगर आप अपने माता-पिता के लिए स्वास्थ्य बीमा खरीदते हैं, तो इससे आपको टैक्स में छूट मिल सकती है. टैक्समैन के डीजीएम नवीन वाधवा कहते हैं कि टैक्सपेयर पिता के रखरखाव और सपोर्ट के लिए किए गए खर्चों के कारण आप टैक्स में छूट का दावा कर सकता है. हालांकि यह राहत कुछ शर्तों और सीमाओं के तहत मिलता है और आयकर अधिनियम की धारा 80D, 80DD और 80DDB के तहत उपलब्ध है. आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत, एक टैक्सपेयर अपने माता-पिता के लिए किये गए भुगतान पर मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए कटौती का दावा कर सकता है. अधिकतम कटौती 25,000 रुपये है और अगर माता-पिता वरिष्ठ नागरिक हैं तो यह सीमा बढ़कर 50,000 रुपये हो जाती है. इसके अलावा, यदि सीनियर सिटिज़न माता-पिता के पास हेल्थ इंश्योरेंस कवर नहीं है तो टैक्सपेयर उनपर किए गए मेडिकल खर्चे के लिए 50,000 रुपये तक की कटौती का दावा भी कर सकता है.
समय पर करें इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल
टैक्स बचाने के लिए अपने माता-पिता की मदद लेते समय, हालांकि, आपको हर लेन-देन के रिकॉर्ड को ठीक से मैनेज चाहिए और हर साल समय पर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने में अपने अपने माता-पिता की मदद करनी चाहिए. इसके अलावा, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय गिफ्ट ट्रांजेक्शन की रिपोर्ट करना न भूलें.