जब कोई शख्स लोन के लिए अप्लाई करता हैं तो कर्ज मुहैया कराने वाला बैंक या वित्तीय संस्थान लोन जारी करने से पहले मिले एप्लिकेशन फार्म मूल्यांकन करता है. साथ ही जमा किए गए दस्तावेजों को चेक करता है. बैंक तमाम जरूरी दस्तावेजों में से एक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) की भी मांग करता है. नौकरी-पेशेवर शख्स आईटीआर डाक्यूमेंट आसानी से उपलब्ध करा देता है. दरअसल नौकरी वाले शख्स के सैलरी से टैक्स की कटौती हो जाती है. मगर जो लोग नौकरी-पेशे में नहीं हैं. टैक्स जमा नहीं करते हैं. ऐसे लोगों को लोन के लिए अप्लाई करते समय इनकम प्रूफ या आईटीआर जैसे डाक्यूमेंट्स उपलब्ध कराने में काफी परेशानी आती है. ऐसे में उन्हें लोन के लिए क्या करना चाहिए. आइए जानते हैं कि कैसे बिना आईटीआर के लोन हासिल कर सकते हैं.
पर्सनल लोन
पर्सनल लोन एक अनसिक्योर लोन है. इसमें कर्ज लेने वाले शख्स को लोन जारी कराने के लिए किसी तरह की प्रापर्टी को गिरवी नहीं रखने की जरूरत पड़ती है. ये लोन कैंडिडेट के इनकम और कस्टमर डिटेल (केवाईसी – KYC) के आधार पर अप्रूव हो जाती है. कुछ बैंक या वित्तीय संस्थानों ने पर्सनल लोन के लिए मिनिमम इनकम और क्रेडिट स्कोर जरूरी अनिवार्य कर रखा है. ऐसे में जिन लोगों के पास रेगुलर और स्थायी इनकम का जरिया है. वे किसी वित्तीय संस्थान से लोन नहीं लिये हैं, अगर लिये भी हैं तो उसे सही समय पर चुका दिए हैं. और उस लोन का रिपेमेंट प्रूफ उपलब्ध करा देते हैं तो ऐसे में उन्हें लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है. खास बात ये भी है कि पर्सनल लोन के मामले में मंथली सैलरी आने का जरिया अनिवार्य साबित होता है. इस केस में कर्ज देने वाला वित्तीय संस्थान लोन देने के लिए राजी हो जाता है. दरअसल उसे इस बात का भरोसा होता है कि सैलरी वाले कैंडिडेट के पास फंड का फ्लो बना रहेगा और वह लोन अमाउंट चुकता कर सकेगा.
जो लोन स्वरोजगार के जरिए आए इनकम पर निर्भर होते हैं उनको लोन के लिए अप्लाई करते समय आईटीआर दस्तावेज जमा करना जरूरी होता है. खासकर तब जब ऐसे लोन ज्यादा अमाउंट के लोन के लिए अप्लाई करते हैं. मगर सैलरी वाले शख्स के मामले में ऐसा नहीं है. क्योंकि नौकरी पेशेवर लोगों के पास इनकम प्रूफ, फार्म 16 जैसे दस्तावेज दिखाने के लिए होते हैं. स्वरोजगार से जुड़े लोगों के इनकम से अगर कर्ज देने वाला वित्तीय संस्थान संतुष्ट है और उस कैंडिडेट की फाइनेंशियल हिस्ट्री दुरूस्त है तो बिना आईटीआर कागजात के पर्सनल लोन आसानी से मिल सकती है.
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एफडी या म्यूचुअल फंड जैसे सिक्योरिटी पर लोन
लोन लेने के लिए अगर आप किसी कोलेटेरल या सिक्योरिटी का इस्तेमाल करते हैं तो ऐसे में लोन आसानी से मिल जाता है. ऐसे में बिना आईटीआर डाक्यूमेंट के भी वित्तीय संस्थान लोन देने के लिए राजी हो जाते हैं. इस तरह के लोन पर जोखिम कम होता है. कर्ज के लिए अप्लाई किए कैंडिडेट द्वारा किए गए निवेश के रूप में एफडी या म्यूचुअल फंड जैसे कोलेटेरल होते हैं. इस तरह के सिक्योरिटी कोलेटेरल के बदले लोन बिना आईटीआर के मिल जाते हैं.
(Article : Sanjeev Sinha)