World Cancer Day: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 में करीब 10 लाख लोगों की मौत कैंसर से हुई यानी कि औसतन हर छह में से एक मौत इसका खतरनाक बीमारी से हुई. भारत की बात करें तो इंडिया काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के मुताबिक हर दिन 1300 से अधिक भारतीयों की कैंसर के चलते मौत हो जाती है. इसका इलाज बहुत महंगा होता है और 5-25 लाख रुपये तक खर्च आता है. इसके खतरे को देखते हुए जरूरी हो जाता है कि अगर बदकिस्मती से कैंसर से ग्रसित हो जाएं तो इसका असर आर्थिक सेहत पर ना पड़े, इसकी तैयारी पहले से कर लेनी चाहिए. इसके लिए ऐसा इंश्योरेंस कवरेज लिया जा सकता है, जिसमें कैंसर के इलाज का खर्च कवर हो सके. आज विश्व कैंसर दिवस के मौके पर आफको हेल्थ इंश्योरेंस में कैंसर कवर के बारे में पूरी जानकारी दी जा रही है-
Cancer Insurance Plan क्या है?
कैंसर इंश्योरेंस प्लान खरीदने पर बीमा कंपनी कैंसर के इलाज पर विभिन्न चरणों में होने वाले खर्च को कवर किया जाता है. जैसे कि कीमोथेरेपी, हॉस्पिटलाइजेशन, सर्जरी, रेडिएश इत्यादि का खर्च कवर होता है.
किसे खरीदना चाहिए?
- जिनकी कैंसर फैमिली हिस्ट्री हो यानी कि परिवार के सदस्यों के आनुवांशिक कारणों से कैंसर से ग्रसित होने की आशंका हो, उन्हें कैंसर कवरेज प्लान जरूर लेना चाहिए.
- अब यह बीमारी लाइफस्टाइल के चलते भी फैल रही है. माइनिंग, फायरफाइटर्स, पालट्स इत्यादि हाई रिस्क वाले पेशे के लोगों को भी कैंसर कवरेज प्लान लेना चाहिए.
- अपने परिवार में अकेले कमाने वाले हों तो किसी भी प्रकार की अनिश्चितता के चलते आर्थिक बोझ न पड़े, इसके लिए यह प्लाल लेना चाहिए.
दो प्रकार के होते हैं ये प्लान
इंडेम्निटी वाले कैंसर प्लान के तहत सम एश्योर्ड के हिसाब से अस्पताल से जुड़े खर्चों को कवर किया जाता है और अस्पताल में भर्ती होने से पहले के 30 दिन और अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद 60 दिनों तक का खर्च कवर होता है. वहीं दूसरी तरफ कैंसर फिक्स्ड बेनेफिट प्लान में कैंसर का पता चलने पर कैंसरधारक को सम एश्योर्ड का भुगतान किया जाता है.
कैंसर इंश्योरेंस कवर लेने से पहले इन बातों का रखें ख्याल
- जितना अधिक संभव हो सके, अधिकतम कवरेज वाला प्लान चुनें. कम से कम 15-20 लाख रुपये का कैंसर कवरेज प्लान लेना बेहतर होगा.
- प्लान खरीदते समय वेटिंग पीरियड का भी ख्याल रखें. वेटिंग पीरियड का मतलब है कि उसके बाद ही आप क्लेम कर सकते हैं. आमतौर पर कैंसर इंश्योरेंस प्लान का वेटिंग पीरियड 3-6 महीने का होता है यानी कि पॉलिसीधारक पॉलिसी खरीदने के 3-6 महीने बाद ही क्लेम कर सकते हैं.
- पॉलिसी खरीदते समय ड्यूरेशन पर भी गौर करें यानी कि कितनी उम्र तक कवर हासिल होगा. कैंसर का इलाज लंबे समय तक चलता है तो ऐसे में जरूरी है कि लंबी अवधि के लिए कैंसर कवरेज प्लान लें.
- कई कैंसर इंस्योरेंस प्लान इलाज के समय प्रीमियम में राहत देते हैं तो इस फीचर को पॉलिसी खरीदते समय जरूर देख लें. इससे कठिम समय में परिवार को प्रीमियम चुकाने के लिए मशक्कत नहीं करनी होगी.
- ऐसी बीमा कंपनी से कैंसर कवरेज प्लान लें जहां क्लेम सेटल करने में दिक्कत न हो.
पॉलिसी में क्या नहीं होता है कवर?
जिन्हें कैंसर हो चुका है यानी कि इस बीमारी के संपर्क में आ चुके हैं, वे कैंसर कवरेज प्लान नहीं खरीद सकते हैं. इस प्लान में स्किन कैंसर कवर नहीं होता है. किसी कांजिनेंटरल डिजीज या बॉयोलॉजिकल, न्यूक्लियर या केमिकल कंटेमिनेशन, रेडिएशन के चलते कमजोरी या एचआईवी है, तो यह प्लान नहीं ले सकते हैं.
(Article: Amit Chhabra, Head- Health Insurance, Policybazaar.com)