
अगले साल 1 अप्रैल से एक्सीडेंटल कवर के लिए बेहतर प्लान चुनने में अधिक उलझन नहीं होगी. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि बीमा नियामक संस्था भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ( IRDAI) ने यह निर्देश दिया है कि सभी जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां अब एक स्टैंडर्ड पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस प्रोडक्ट पेश करेंगी. यह आदेश 1 अप्रैल 2021 से लागू हो जाएगा. इस स्टैंडर्ड प्रोडक्ट के साथ एक न्यूनतम कवरेज अनिवार्य रूप से मिलेगा. बीमित व्यक्ति इसे एडिशनल कवर लेकर बढ़वा सकेगा. हालांकि प्रीमियम बीमा कंपनियां ही निर्धारित करेंगी. इस प्रोडक्ट के तहत 1 करोड़ तक का कवरेज मिल सकेगा.
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इस समय कई पॉलिसी से होती है दिक्कत
वर्तमान में इंश्योरेंस मार्केट में कई प्रकार के एक्सीडेंट इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं. सभी प्रोडक्ट के अपने खास फीचर्स हैं. इस वजह से इंश्योरेंस कवर लेने वाले लोगों के सामने सबसे बेहतर प्लान चुनने में बहुत समस्याएं आती हैं. अब आईआरडीएआई के इस फैसले से लोगों को पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस प्रोडक्ट चुनने में आसानी होगी. सभी जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को इस तरह का प्रोडक्ट अनिवार्य रूप से ऑफर करना जरूरी होगा.
इस तरह मिलेगा फायदा
इस प्रकार की स्टैंडर्ड पॉलिसी में मृत्यु, स्थायी तौर पर पूर्ण विकलांगता और स्थाई तौर पर आंशिक विकलांगता को बेसिक कवर के रूप में ऑफर किया जाएगा. स्थायी तौर पर पूर्ण विकलांगता के तहत पॉलिसी पीरियड के दौरान अगर बीमित व्यक्ति को किसी दुर्घटना की वजह से स्थायी पूर्ण विकलांगता की समस्या आ गई तो सम इंश्योर्ड का पूरा पैसा मिलेगा.
अगर दुर्घटना के दौर पर अस्थाई तौर पर पूर्ण विकलांगता की परिस्थितियों के लिए अस्पताल का खर्च, एजुकेशन ग्रांट जैसे कुछ ऑप्टिमल कवर्स के लिए बीमा कंपनी प्रॉडक्ट में प्रावधान कर सकती है. स्टैंडर्ड प्रोडक्ट के बेस कवर और टेंपररी टोटल डिजेबलमेंट बेनेफिट व एजुकेशन ग्रांट जैसे ऑप्टिमल कवर को लाभ के आधार पर ऑफर किया जाएगा. दूसरी तरफ एक्सीडेंट की वजह से अस्पताल के खर्च जैसे ऑप्टिमल कवर को हर्जाने के आधार पर ऑफर किया जाएगा.
2.5 लाख से 1 करोड़ तक का कवर
स्टैंडर्ड पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस के तहत न्यूनतम 2.5 लाख और अधिकतम 1 करोड़ तक का सम इंश्योरेंड रहेगा. इस रेंज के अलावा भी बीमा कंपनी अपनी तरफ से समान टर्म एंड कंडीशंस के साथ समान नाम से अन्य प्रोडक्ट भी ऑफर कर सकती हैं. इस प्रोडक्ट के लिए न्यूनतम प्रवेश आयु 18 साल और अधिकतम प्रवेश आयु 70 साल की रहेगी.
कम्युलेटिव बोनस का भी प्रावधान
इस नए स्टैंडर्ड प्रोडक्ट में कम्युलेटिव बोनस का भी प्रावधान होगा. कम्युलेटिव बोनस के बगैर सम इंश्योर्ड को हर क्लेम फ्री पॉलिसी इयर के बाद 5 फीसदी बढ़ा सकेंगे. इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी पॉलिसी इयर में क्लेम नहीं किया है तो सम इंश्योर्ड के अधिकतम 50 फीसदी के बराबर इसे बढ़ा सकेंगे. हालांकि अगर किसी इयर में क्लेम किया है तो कम्युलेटिव बोनस को उसी दर से कम किया जा सकता है.
(Article: Sunil Dhawan)
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