IIFL म्यूचुअल फंड ने भारत का पहला टैक्स सेवर इंडेक्स फंड लॉन्च किया है, जिसका नाम IIFL ELSS निफ्टी 50 टैक्स सेवर इंडेक्स फंड है. यह न्यू फंड ऑफर (NFO) एक ओपन-एंडेड पैसिव इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम है, जिसमें 3 साल की लॉक इन पीरियड है. निवेशकों के पास इसमें टैक्स बेनिफिट के साथ बड़ा फंड जनरेट करने का मौका है. यह NFO 1 दिसंबर को खुलेगा और 21 दिसंबर को बंद हो जाएगा. एक्टिव फंड्स की तुलना में इसका एक्सपेंस रेश्यो भी कम है. यह स्कीम 02 जनवरी, 2023 से सब्सक्रिप्शन और रिडेम्पशन के लिए फिर से खुलेगी. पारिजात गर्ग IIFL ELSS निफ्टी 50 टैक्स सेवर इंडेक्स फंड के लिए डेडिकेटेड फंड मैनेजर हैं.
धारा 80सी के तहत कर सकेंगे टैक्स बचत
यह योजना धारा 80 सी के तहत कर बचत का दोहरा लाभ प्रदान करेगी और इक्विटी बाजारों में विविध जोखिम से लाभ की संभावना प्रदान करेगी. इंडेक्स फंड होने के नाते, इसका मकसद एक ऐसा पोर्टफोलियो बनाना है जो निफ्टी 50 इंडेक्स को प्रतिबिंबित करे, जिसमें लार्ज कैप भारतीय कंपनियां शामिल हैं. यह एक पैसिव फंड है जो एक्टिव रूप से प्रबंधित स्कीम्स की तुलना में कम लागत वाला है, जिनमें खर्च का अनुपात भी ऊंचा होता है.
NFO के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए आईआईएफएल एएमसी के फंड मैनेजर पारिजात गर्ग ने कहा, ‘‘निफ्टी 50 भारत के मार्केट कैप का लगभग 50 प्रतिशत है. (स्रोत- ब्लूमबर्ग, 30 नवंबर 2022 तक). पेसिव फंड के माध्यम से निफ्टी कंपनियों में निवेश करना निवेशकों के लिए इक्विटी की विकास क्षमता का दोहन करने, टैक्स व्यय को कम करने, निवेश की लागत को कम करने और डायवर्सिफिकेशन प्राप्त करने का एक अवसर है.’’
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निवेश का मकसद
यह फंड उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो लॉन्ग टर्म में बड़ा फंड जनरेट करना चाहते हैं. निवेश का उद्देश्य – योजना का निवेश उद्देश्य निफ्टी 50 इंडेक्स वाले शेयरों में उसी अनुपात में निवेश करना है, जो निफ्टी 50 इंडेक्स के कुल रिटर्न इंडेक्स (ट्रैकिंग त्रुटि के अधीन) के बराबर रिटर्न प्राप्त करने के लिए इंडेक्स में है. योजना में किया गया ऐसा निवेश आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80-सी के तहत टैक्स बेनिफिट प्रदान करता है. इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि स्कीम का निवेश उद्देश्य प्राप्त हो जाएगा. इस योजना में निवेश धारा 80-सी के लाभ प्राप्त करने के लिए आवंटन की तारीख से 3 साल के वैधानिक लॉक-इन के अधीन होगा. पारिजात गर्ग ने आगे कहा, ‘‘इस तरह के ऑफर का बाजार लंबे समय से इंतजार कर रहा था. समय-समय पर, भारतीय इक्विटी बाजार ने घरेलू और साथ ही वैश्विक परिस्थितियों के खिलाफ जबरदस्त फ्लेक्सिबिलिटी का प्रदर्शन किया है. निवेशकों के लिए, भारत के विकास के अवसर का लाभ उठाने का एक तरीका टैक्स-सेविंग बेनिफिट के साथ एक पेसिव निवेश होगा.”