दिनों कोरोना वायरस की वजह से देश में लॉकडाउन जैसी स्थिति हो गई है. दैनिक बाजार शॉपिंग माल, सिनेमाघर, आटो, टैक्सी से लेकर कई जरूरी सर्विस बंद पड़ी हैं. ऐसे में लोगों के काम धंधे और रोजगार पर भी असर पड़ रहा है. वहीं, कोरोना वायरस के मामले आगे भी खिंचने की आशंका है, जिससे एक इमरजेंसी फंड रखना जरूरी है. फिलहाल ऐसी स्थिति आ सकती है. इसके लिए लोगों को अभी से इमरजेंसी फंड की तैयारी कर लेनी चाहिए. लेकिन सवाल उठता है कि मौजूदा स्थिति में ऐसा फंड बनाने के लिए पैसे कहां लगाएं. वह भी तब, जब इक्विटी मार्केट के साथ ही म्यूचुअल फंड बाजार मेंं भी निवेशकों का बुरा हाल है.
Orowealth के को—फाउंडर विजय कुप्पा का कहना है कि मौजूदा स्थिति में निवेशकों को आर्बिट्राज फंड से लिक्विड फंड की ओर स्विच करना चाहिए. जिस तरह की वौलैटिलिटी शेयर बाजार में चल रही है, उस लिहाज से आर्बिट्राज फंड अंडरपरफॉर्म कर सकते हैं. फ्यूचर कांट्रैक्ट के लिए मार्जिन रिक्वायरमेंट बढ़ेगी, जिसका मतलब है कि फ्यूचर कांट्रैक्ट में रिटर्न कमजोर होगा. वहीं, शॉर्ट सेलिंग पेाजिशन पर रोक से भी आर्बिट्राज फंड का रिटर्न कमजोर होगा. इसकी तुलना में लिक्विड फंड बेहतर विकल्प होंगे.
BPN फिनकैप कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ एंड डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि मौजूदा स्थिति में नए निवेशकों को डेट फंडों में एसआईपी के जरिए पैसा लगाने की सलाह है. इनमें भी ओवरनाइट फंड और शॉर्ट टर्म फंड बेहतर विकल्प हैं. मौजूदा समय में शेयर बाजार का अनुमान लगाना आसान नहीं है. ऐसे में जरूरी है कि सुरक्षित निवेश का विकल्प तलाशें.
ओवरनाइट फंड: जहां कैपिटल मार्केट में लोगों का नुकसान हुआ है, वहीं ओवरनाइट फंड ने पिछले एक हफ्ते, एक महीने और 3 महीने में पॉजिटिव रिटर्न दिया है. यह डेट फंड है जो एक दिन में मेच्योर होने वाले बॉन्ड में निवेश करता है. हर कारोबारी दिन की शुरुआत में बॉन्ड खरीदे जाते हैं जो अगले कारोबारी दिन मेच्योर होते हैं. सुरक्षित रिटर्न चाहने वालों के लिए ओवरनाइट फंड बेहतर विकल्प है, जहां मेच्योरिटी 1 दिन की होती है. 1 दिन की मेच्योरिटी होने से 100 फीसदी रकम कोलैटरलाइज्ड बॉरोइंग और लेंडिंग ऑब्लिगेशन मार्केट में निवेश करने के चलते यहां रिस्क कम हो जाता है. हालांकि 1 दिन मेच्योरिटी होने से इनमें रिटर्न कुछ कम है.
लिक्विड फंड: लिक्विड फंड ने भी पिछले एक हु्ते, एक महीने और 3 महीने में पॉजिटिव रिटर्न दिया है. इस सेग्मेंट में 3 महीने का रिटर्न 1.37 फीसदी रहा है. ये ओपन एंडेड फंड होते हैं, जो डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में 30 दिन से 91 दिन के लिए निवेश करते हैं.
अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड: ये फंड डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में 3 महीने के लिए निवेश करते हैं. पिछले 3 माह में इस सेग्मेंट में 0.62 फीसदी और एक साल में 5.60 फीसदी रिटर्न मिला है.
शॉर्ट ड्यूरेशन फंड: इसमें आमतौर पर 6 महीने से 1 साल के लिए पैसा लगाया जाता है. पिछले एक साल की बात करें तो डेट शॉर्ट टर्म कटेगिरी में करीब 2.5 फीसदी रिटर्न मिला है. इसमें भी पिछले 3 महीने का रिटर्न पॉजिटिव रहा है.
1 साल की FD: 1 साल के लिए एफडी करने का भी विकल्प है. अधिकांश बैंकों में न्यूनतम एफडी 1000 रुपये से शुरू होती है. अधिकतम राशि कुछ भी हो सकती है.
रेकरिंग डिपॉजिट (RD): 1 साल तक की अवधि वाले आरडी को 10 साल तक के लिए आगे बढ़ा सकते हैं. पोस्ट ऑफिस में आरडी पर 7.3 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. वहीं, अलग अलग बैंकों में 7.5 फीसदी तक ब्याज है. इसे कम से कम 10 रुपये से शुरू किया जा सकता है.
(सोर्स: वैल्यू रिसर्च, बैंक बाजार और इंडिया पोस्ट की वेबसाइट )
डिस्क्लेमर: फाइनेंशियल एक्सप्रेस किसी भी तरह के निवेश की सलाह नहीं देता है. निवेश करने से पहले अपने स्तर पर पड़ताल करें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श अवश्य करें.