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How to Buy Insurance: बीमा पॉलिसी खरीदते समय रहें सावधान, लुभावनी बातों में फंसे तो हो सकता है नुकसान!

इंश्योरेंस यानी बीमा पॉलिसी खरीदना अपनी और अपनों की भविष्य वित्तीय सुरक्षा के लिए जरूरी है. लेकिन उतना ही जरूरी यह जानना भी है कि लुभावनी बातों के चक्कर में आए बिना सही बीमा पॉलिसी का चुनाव कैसे किया जाए.

How to Buy Insurance: बीमा पॉलिसी खरीदते समय रहें सावधान, लुभावनी बातों में फंसे तो हो सकता है नुकसान!
इंश्योरेंस पॉलिसी के ग्राहकों को सिर्फ एजेंटों पर भरोसा कर बीमा पॉलिसी नहीं खरीदना चाहिए

How to select correct insurance policy: इंश्योरेंस पॉलिसी ( Insurance Policy) के मामले में अक्सर मिस सेलिंग (Misselling) के वाकये सुनने को मिलते हैं. मिस सेलिंग का मतलब किसी ग्राहक को गुमराह कर इंश्योरेंस पॉलिसी बेचना. बीमा पॉलिसी बेचते समय कई एजेंट अपनी लुभावनी बातों के जरिये ऐसी पॉलिसी बेचने की कोशिश करते हैं जो दरअसल ग्राहक के हित और जरूरत के हिसाब से सही नही होती है. ग्राहक ने अगर उनकी बातों में आकर गलत पॉलिसी ले ली, तो उन्हें वित्तीय नुकसान हो सकता है. कई बार ग्राहकों को आधी-अधूरी जानकारी देकर भी गलत पॉलिसी बेच दी जाती है. मसलन, गारंटीड रिटर्न वाली पॉलिसी बेचने की भरपूर कोशिश होती है. ग्राहकों को यह नहीं बताया जाता कि जीवन बीमा पॉलिसी असल में निवेश का तरीका नहीं, बल्कि अपनी और अपनों के भविष्य की वित्तीय सुरक्षा का साधन है.

गारंटीड रिटर्न वाली पॉलिसी बेचने की कोशिश

अक्सर एजेंट ग्राहकों को गारंटीड रिटर्न वाली पॉलिसी (( guaranteed return insurance plan) बेचने की कोशिश करते हैं.  दरअसल इस तरह की पॉलिसी बीमा और निवेश का मिलाजुला प्रोडक्ट होती है. लेकिन दस साल से ज्यादा की मैच्योरिटी वाले इस प्लान में लगभग पांच फीसदी का रिटर्न मिलता है, जो महंगाई से एडजस्ट करने पर कुछ भी नहीं होता है. अगर इस तरह की पॉलिसी तीन साल से पहले सरेंडर कर दी जाती है तो कोई रकम वापस नहीं मिलती. इसके बाद भी पॉलिसी सरेंडर करते हैं तो आपको बहुत कम रकम मिलती है.

यूलिप का क्या है पेंच

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान यानी यूलिप (ULIP) एक ऐसा लाइफ इंश्योरेंस प्लान है, जिसके तहत कंपनी म्यूचुअल फंड में निवेश करती है. इसमें बेहतर रिटर्न मिल सकता है लेकिन यूलिप की लागत बहुत अधिक होती है. इससे आपका रिटर्न घट जाता है. यूलिप में टैक्स लाभ के लिए 5 साल का लॉक इन भी होता है. आप इससे पहले निवेश को भुना नहीं सकते. यह भी जानना जरूरी है कि यूलिप में टैक्स लाभ हासिल करने के लिए आपका प्रीमियम पॉलिसी के सम एश्योर्ड के दस फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए.

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सिंगल प्रीमियम प्लान को भी ठीक से समझ लें

यूलिप और ट्रेडिशनल प्लान के लिए प्रीमियम तीन तरह से दिया जा सकता है. पहला नियमित पेमेंट, दूसरा सीमित अवधि के पेमेंट के जरिये औैर तीसरा सिंगल प्रीमियम पेमेंट (single premium pension plan) के जरिये. सिंगल प्रीमियम प्लान (single premium pension plan) में आपको पॉलिसी की कुल अवधि के लिए एक बार ही प्रीमियम चुकाना होता है. इससे आपका वित्तीय बोझ फौरन बढ़ जाता है. इस पॉलिसी को वास्तव में बेहतरीन रिटर्न वाले टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) की तरह बेचा जाता है. 45 साल से अधिक उम्र के शख्स के लिए सम एश्योर्ड प्रीमियम का सिर्फ 1.1 गुना होता है. सीनियर सिटीजन के लिए यह टैक्स बचत का विकल्प नहीं हो सकता. टैक्स लाभ लेने के लिए जरूरी है कि बीमा पॉलिसी का प्रीमियम सम एश्योर्ड के दस फीसदी अधिक नहीं होना चाहिए.

दरअसल सबसे ज्यादा मिस सेलिंग ऐसे बुजुर्गों के मामले में देखने को मिलती है, जो रिटायरमेंट ले चुके होते हैं. ऐसे लोगों को एकमुश्त रकम मिलती है. लेकिन सही जानकारी न होने की वजह से ऐसे लोग कई बार लुभावनी बातों में फंस कर अपनी पूंजी ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसी में लगा देते हैं, जो उनके किसी वित्तीय उद्देश्य को पूरा नहीं करती. इसलिए सिर्फ पॉलिसी बेचने वाले की बातों पर भरोसा करके इंश्योरेंस पॉलिसी न खरीदें. इसके लिए जरूरी है कि आप विश्वसनीय स्त्रोत से जानकारी इकट्ठा करें.

सबसे बेहतर है टर्म प्लान

यह जानना भी जरूरी है कि जीवन बीमा का मुख्य मकसद यानी भविष्य की वित्तीय सुरक्षा के लिए सबसे बेहतर और किफायती प्लान होता है टर्म प्लान. लेकिन आम तौर पर इसे बेचने की कोशिश कम की जाती है. लोग भी समझते हैं कि टर्म प्लान में भरा गया प्रीमियम बेकार चला जाता है, क्योंकि इसमें प्रीमियम के तौर पर चुकाई गई रकम वापस नहीं मिलती. लेकिन दरअसल टर्म प्लान में जितनी बड़ी रकम का बीमा जितने प्रीमियम पर मिलता है, उतना किसी और इंश्योरेंस स्कीम में नहीं मिलता.

टर्म प्लान + एसआईपी के विकल्प पर विचार करें

एक बेहतर रणनीति तो यह हो सकती है कि बीमा के तरह सुरक्षित भविष्य का मकसद पूरा करने के लिए कम प्रीमियम पर बड़ी रकम का टर्म प्लान खरीदा जाए और प्रीमियम कम होने के कारण बचने वाली रकम को नियमित रूप से किसी अच्छे म्यूचुअल फंड में SIP के तौर पर जमा किया जाए. ऐसा करने पर उतने ही निवेश से दोनों मकसद बेहतर ढंग से पूरे हो जाएंगे. ज्यादा बड़ी रकम का बीमा भी मिलेगा और आप यूलिप या ज्यादातर इंश्योरेस स्कीम्स के मुकाबले बेहतर रिटर्न भी हासिल कर पाएंगे.

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First published on: 18-06-2021 at 14:34 IST

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