
डाकघर (Post Office) की सेविंग्स स्कीम, बचत का एक पॉपुलर विकल्प हैं. इसकी एक वजह है कि इन छोटी बचत योजनाओं में लगा पैसा 100 फीसदी सेफ रहता है और रिटर्न भी अच्छा मिलता है. पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग्स स्कीम के डिपॉजिटर के साथ अनहोनी की स्थिति में उसके नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी के पास, जमा रकम पर दावा करने का अधिकार है. क्लेम उस डाकघर में जमा किया जा सकता है, जिसमें अकाउंट/अकाउंट्स हैं. पोस्ट ऑफिस में खाताधारक की मौत होने पर क्लेम सेटलमेंट तीन तरीकों से निपटाया जा सकता है.
1. पहले से नॉमिनेशन होने पर
अगर डाकघर में खाता खुलवाने वाला अपने अकाउंट या सर्टिफिकेट के लिए पहले से किसी को नॉमिनी बनाकर गया है तो नॉमिनी को जमा रकम पर दावा करने के लिए केवाईसी दस्तावेजों के साथ खाताधारक का मृत्यु प्रमाण पत्र (डेथ सर्टिफिकेट) व नामांकन दावा (नॉमिनेशन क्लेम) फॉर्म सबंधित डाकघर में जमा करना होगा.
2. कानूनी साक्ष्य के आधार पर
मृत खाताधारक का कानूनी उत्तराधिकारी कानूनी साक्ष्यों के आधार पर दावा कर सकता है. इन साक्ष्यों में इच्छा संप्रमाण (प्रोबेट ऑफ विल), प्रशासन का पत्र (लेटर ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन), उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (सक्सेशन सर्टिफिकेट) शामिल हैं. कानूनी साक्ष्य के आधार पर दावा करने के लिए दावाकर्ता को केवाईसी दस्तावेजों के साथ क्लेम फॉर्म, कानूनी साक्ष्य और खाताधारक का मृत्यु प्रमाण पत्र संबंधित डाकघर में जमा करना होगा.
3. अगर नॉमिनेशन व कानूनी साक्ष्य नहीं है
अगर खाताधारक अपने डाकघर खाते के लिए नॉमिनी नहीं बनाकर गया है और जमा रकम 5 लाख रुपये तक है तो दावेदार को क्लेम फॉर्म के साथ खाताधारक का मृत्यु प्रमाण पत्र, फॉर्म-15 में क्षतिपूर्ति पत्र (लेटर ऑफ इंडेम्निटी), फॉर्म-13 में शपथ पत्र (एफिडेविट) और फॉर्म 14 में लेटर ऑफ डिस्क्लेमर ऑफ एफिडेविट, केवाईसी दस्तावेज, गवाह, जमानत आदि देने होंगे. नॉमिनेशन के बिना 5 लाख रुपये तक की जमा के मामले में दावा, जमाकर्ता की मृत्यु के 6 महीने बाद किया जा सकता है. अगर डाकघर सेविंग्स में जमा रकम 5 लाख रुपये से ज्यादा है और कोई नॉमिनेशन नहीं है तो तो दावा केवल उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के माध्यम से किया जा सकता है. 5 लाख रुपये की सीमा अलग-अलग प्रमाणपत्र के मामले में प्रत्येक खाते/पंजीकरण संख्या पर लागू होगी.
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ये फैक्ट भी जान लें
- अगर एक से ज्यादा नॉमिनी हैं और उनमें से किसी एक की मौत हो जाती है तो क्लेम करने वाले को दूसरे नॉमिनी का डेथ सर्टिफिकेट भी प्रस्तुत करना होगा.
- अगर सभी नॉमिनी की मौत हो चुकी है तो क्लेम को अंतिम नॉमिनी के कानूनी वारिस के पक्ष में सेटल किया जाएगा, न कि मृत डिपॉजिटर के कानूनी वारिस के पक्ष में.
- सभी फॉर्म और दस्तावेजों के साथ दावाकर्ता को अकाउंट/अकाउंट्स की ओरिजनल पासबुक/सर्टिफिकेट भी साथ लेकर जाने होंगे. अगर ओरिजनल पासबुक/सर्टिफिकेट खो गए हैं तो संबंधित अथॉरिटी से क्लेम स्वीकार होने के बाद उन्हें अपने नाम पर पासबुक/सर्टिफिकेट जारी करने के लिए आवेदन करना होगा.
डाकघर बचत योजनाओं में क्लेम से संबंधित विभिन्न फॉर्म, लेटर और बॉन्ड यहां देखे जा सकते हैं..
https://www.indiapost.gov.in/VAS/Pages/Form.aspx#SavingBank
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