होम लोन आपको अपने घर का मालिक होने और टैक्स छूट का लाभ पाने का मौका देता है. यह एक ऐसी प्रापर्टी बनाने में मदद करता है जिसका इस्तेमाल आप कई मकसद के लिए कर सकते हैं. होम लोन लेने से पहले आपको अपना बजट चेक कर लेना चाहिए और डाउन पेमेंट के लिए फंड की व्यवस्था भी कर लेनी चाहिए. डाउन पेमेंट टोटल प्रापर्टी कॉस्ट का करीब 10 से 20 फीसदी हिस्सा होता है.
एक बार डाउन पेमेंट के लिए फंड का इंतजाम और प्रापर्टी का चयन हो जाए, तो फिर आप होम लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. याद रहे लोन लेने के बाद उसे निश्चित अवधि में चुकाना बेहद जरूरी है. आप लोन अमाउंट और इंटरेस्ट रिपेमेंट पर इनकम टैक्स बेनिफिट भी हासिल कर सकते हैं. ऐसे ही कुछ अहम बातों के बारे में होम लोन के लिए अप्लाई करने से पहले आपको जान लेना चाहिए.
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उधार चुकाने की क्षमता के हिसाब से लोन लेना चाहिए
होम लोन के जरिए फंड की व्यवस्था उतनी ही करनी चाहिए जितना आप उसे आसान किस्तों यानी ईएमआई में चुका सकें. होम लोन एक लंबी अवधि का समझौता है. ऐसे में आप मंथली किस्त जमा करने में चूक नहीं कर सकते हैं या भूल नहीं कर सकते हैं. लोन डिफॉल्ट तभी होता है जब कर्ज लेने वाला शख्स चुका पाने की अपनी क्षमता से अधिक अमाउंट का लोन लेता है. बैंक आमतौर पर उधार लेने वाले शख्स के टेक-होम लोन सैलरी के 40 फीसदी तक ईएमआई की अनुमति देते हैं.
अपनी जरूरत के हिसाब से लोन अमाउंट का चुनाव करना चाहिए
आपको अपनी योग्यता के बारे में पता होनी चाहिए. अगर आप ज्यादा अमाउंट का लोन के लिए अप्लाई करते हैं जिसके लिए आप पात्र नहीं हैं, तो बैंक आपके लोन एप्लिकेशन को रिजेक्ट कर देते हैं. बैंक के इस बर्ताव से बचने के लिए आपको एक बार अपनी लोन एलिजिबिलिटी चेक कर लेनी चाहिए. ऐसा कर लेने के बाद आपको डाउन पेमेंट के लिए फंड की व्यवस्था करने में आसानी हो जाती है. और आप अपनी रिपेमेंट क्षमता और जरूरत के हिसाब से लोन अमाउंट का चुनाव कर पाते हैं.
पिछला लोन जिस बैंक से लिया गया था वहीं फिर से जाएं
अक्सर उस लेंडर से उधार लेने की सलाह दी जाती है जिसके साथ आपका पहले से ही संबंध है. दरअसल ये लेंडर (बैंक) लोन को जल्दी से प्रोसेस करने में मदद करते है क्योंकि इनके पास पहले से ही उधार लेने वाले शख्स के क्रेडिट स्कोर और पर्सनल डिटेल की जानकारी होती है. यही कारण है कि ऐसे में लोन कम समय में जारी कर दिए जाते हैं.
अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाएं रखें
बैंक अक्सर उन कस्टमर्स को लोन जारी करना पसंद करते हैं जिनका रिपेमेंट रिकॉर्ड और क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है. आपका क्रेडिट स्कोर हाई हो तो ऐसे में लोन अप्रूवल और डिसवर्सल (लोन जारी करना) में मदद मिलती है. हाई क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को बैंक ज्यादातर कम ब्याज दर पर लोन ऑफर करते हैं.
प्रापर्टी अप्रूवल चेक करें
जिस भी प्रोजेक्ट या प्रापर्टी को आप खरीदने की तैयारी कर रहे हैं उससे जुड़े सभी कानूनी अप्रूवल की जांच कर लेना जरूरी है. बाद के विवाद से बचने के लिए सभी रेगुलर और एनवायरनमेंटल क्लियरेंस के मौजूदगी को सुनिश्चित कर लेना चाहिए. बैंकों ने लोन के लिए जिस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है उसे भी चेक कर लेना चाहिए. ये सब कर लेने के बाद लोन एप्लिकेशन तेजी से अप्रूवल में मदद मिलती है.
ज्यादा अमाउंट उधार लेने के लिए ज्वॉइंट होम लोन लेने पर विचार करें
अगर आपको ज्यादा अमाउंट वाले लोन की जरूरत है, लेकिन आपकी इनकम उसके लिए अनुमति नहीं दे रही है, तो ऐसे में आप अपने माता-पिता या भाई-बहन या पत्नी के साथ ज्वॉइंट होम लोन लेने पर विचार कर सकते हैं. आप लंबी अवधि का लोन भी ले सकते हैं. ऐसा करने से आपके लोन की मंथली किस्त कम होगी लेकिन ब्याज ज्यादा देना होगा. लोन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने से पहले जल्दबाजी में फैसला करने से बचें और मंथली किस्त, टेन्योर, रिपेमेंट कैपेसिटी, डॉउन पेमेंट जैसे सभी अहम पहलुओं पर विचार कर लें.
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होम लोन पर ब्याज और मंथली ईएमआई
यहां करीब 15 बैंकों के 20 साल की अवधि वाले 50 लाख रुपये तक के होम लोन, ईएमआई और ब्याज दर की लिस्ट दी गई है. इस लिस्ट को सावधानीपूर्वक देखकर और आपस में तुलना कर आप होम लोन लेने के लिए सही फैसले ले सकते हैं.
नोट – ये सभी आकड़ें BankBazaar.com से लिये गए हैं. बैंक बाजार डॉट कॉम ने संबंधित बैंक के 50 लाख तक के होम लोन स्कीम के बारे में जानकारी उसके वेबसाइट से 09 नवंबर 2022 तक की इकट्ठा की है. अधिक जानकारी के लिए आप बैंक के वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं
(Article : Sanjeev Sinha)