
Gold, Silver Outlook 2021: पिछले साल 2020 में सोने-चांदी जैसी कीमती धातुओं ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिया. कोरोना महामारी के कारण फैली अनिश्चितता ने निवेशकों ने सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोने और चांदी में निवेश किया. पिछले साल 2020 में सोने में करीब 28.24 फीसदी की तेजी आई जो पिछले आठ साल के सबसे अधिक गेन्स था. इसके अलावा घरेलू बाजार में चांदी में भी 45.80 फीसदी की तेजी आई जो 2010 के बाद सबसे अधिक गेन्स था. इस साल भी सोने और चांदी से बेहतर रिटर्न की उम्मीद है. सोने में इस साल 2021 में 33 फीसदी तक का रिटर्न मिल सकता है और चांदी में 21-33 फीसदी तक का रिटर्न मिल सकता है. गोल्ड के भाव इस समय प्रति दस ग्राम 48,818 रुपये और सिल्वर के भाव प्रति किग्रा 63,850 रुपये हैं.
2020 में साल भर बना रहा उतार-चढ़ाव
कोरोना महामारी के बीच दुनिया भर में फाइनेंसियल मार्केट के लिए वर्ष 2020 कोस्टर राइड की तरह था. कोरोना महामारी के कारण ग्रोथ में गिरावट, राहत पैकेजों की घोषणा और अत्यंत ढीले मौद्रिक नीतियों के कारण 2020 में साल भर उतार-चढ़ाव बना रहा. हालांकि वैक्सीन के आने और राहत पैकेजों ने जल्द इकोनॉमिक रिकवरी की उम्मीद जताई है. इससे निवेश में बढ़ोतरी होगी और खर्च बढ़ेगा जिससे कमोडिटी प्राइसेज बढ़ सकते हैं.
पिछले साल 2020 में अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए कोरोना महामारी के कारण मंदी की आशंका के चलते अमेरिका ने 2 लाख करोड़ डॉलर (146.73 लाख करोड़ रुपये) के राहत पैकेज को मंजूरी दी थी. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2.3 लाख करोड़ डॉलर (168.74 लाख करोड़ रुपये) के अतिरिक्त पैकेज को मंजूरी दी थी. अमेरिकी फेड रिजर्व ने पिछले साल ब्याज दरें मार्च 2020 में बहुत कम कर दिया था, शून्य के एकदम करीब तक. उम्मीद लगाई जा रही है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए अमेरिकी फेड रिजर्व इसमें अगले साल 2022 तक अधिक बदलाव नहीं करेगा.
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गोल्ड
- पिछले साल 2020 में गोल्ड मार्च में 38400 रुपये प्रति दस ग्राम के भाव तक लुढ़क गया था लेकिन उसके बाद कोरोना महामारी के कारण उपजी परिस्थितियों के कारण निवेशकों ने सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोने में निवेश बढ़ाना शुरू किया और नतीजततन 2020 में गोल्ड के भाव प्रति दस ग्राम 56,191 रुपये के भाव पर पहुंच गए.
- कोरोना महामारी के कारण अनिश्चितता और कमजोर डॉलर के कारण गोल्ड के भाव को सपोर्ट मिलता रहा लेकिन कोरोना वैक्सीन की खबरों ने इसके भाव पर दबाव डाला. हालांकि पूरे साल की बात करें तो कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स पर इसने निवेशकों को पिछले साल 2020 में करीब 28.24 फीसदी का रिटर्न दिया.
- फेडरल रिजर्व ने अपनी दरें शून्य के करीब जारी रखने का फैसला किया है. इसके अलावा वैश्विक कर्ज में बढ़ोतरी हो रही है. केंद्रीय बैंक ने अर्थव्यवस्था में 15 लाख करोड़ डॉलर (1100 लाख करोड़ रुपये) पंप किए हैं और केंद्रीय सरकारो ने अतिरिक्त राहत पैकेज भी जारी किए हैं जिससे जीडीपी के 100 फीसदी के बराबर वैश्विक कर्ज पहुंच गया है जो 2019 में 83 फीसदी था. वैश्विक कर्ज में बढ़ोतरीऔर कम दरों पर ब्याज की उपलब्धता गोल्ड के प्रति निवेशकों को इस साल 2021 में भी आकर्षित करेगी.
- कोरोना संक्रमण के मामले अभी भी अमेरिका और यूरोपीय राष्ट्रों में बढ़ रहा है. कोरोना वैक्सीन बनने के बावजूद, स्टोरेज, पोस्ट-वैक्सीनेशन इफेक्ट्स और सभी लोगों तक पहुंच जैसी चिंताओं ने गोल्ड को अभी भी इक्विटी की तुलना में बेहतर निवेश विकल्प बनाए रखा है.
- गोल्ड में हालिया गिरावट और रिस्ट्रिक्शंस में ढील दिए जाने के चलते फिजिकल गोल्ड की मांग लगातार बने रहने की उम्मीद है. चीन और भारत इसके सबसे बड़े उपभोक्ता देश हैं. इसके अलावा हालिया डेटा से संकेत मिलते हैं कि केंद्रीय बैंकों ने सोने की खरीदारी बढ़ाई है.
- इस साल 2021 की बात करें तो गोल्ड के भाव प्रति दस ग्राम 65 हजार तक के भाव पर पहुंच सकते हैं.
चांदी
- सोने के अलावा दूसरी कीमती धातु चांदी ने भी पिछले साल 2020 में निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया. कमोडिटी एक्सचेंज कोमेक्स पर पिछले साल अगस्त में मार्च 2020 में अपने निचले स्तर से 132 फीसदी तक उछल गया था और यह भाव सात साल का रिकॉर्ड भाव रहा.
- चांदी के भाव घरेलू सराफा बाजार में पिछले साल 2020 में 77,749 रुपये प्रति किग्रा के रिकॉर्ड भाव पर पहुंच गए थे. हालांकि उसके बाद भाव में गिरावट आई लेकिन साल के अंत तक उसने वर्ष 2020 में करीब 45.80 फीसदी का रिटर्न दिया.
- कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर में फैली आर्थिक अनिश्चितता के कारण निवेशकों ने सुरक्षित विकल्प तलाशना शुरू किया. पिछले साल गोल्ड सार्वकालिक रिकॉर्ड भाव पर पहुंच गए. गोल्ड के भाव बढ़ने पर सस्ते निवेश के विकल्प के तौर पर निवेशकों ने चांदी में निवेश शुरू किया. इस कारण से इसके भाव चढ़ने लगे.
- दुनिया भर के कई देशों ने राहत पैकेज का ऐलान किया और अमेरिकी फेड ने दरों में जबरदस्त कटौती की. इसके अलावा डॉलर की कमजोरी ने चांदी के कीमतों में उछाल को सीमित कर दिया लेकिन वैक्सीन आने की खबरों के बीच चांदी फिर मजबूत हुई.
- कोरोना महामारी के संकट के बीच चांदी की औद्योगिक मांग प्रभावित हुई लेकिन धीरे-धीरे इसकी मांग में बढ़ोतरी हुई और इस साल 2021 में भी इसकी मांग मजबूत बनी रहेगी. चांदी की आधे से अधिक मांग औद्योगिक क्षेत्र से आती है.
- इस साल 2021 में अमेरिका के अगले राष्ट्रपति जो बाइडेन के बनने के बाद सोलर एनर्जी इंवेस्टमेंट्स बढ़ेगा जिससे सिल्वर की आपूर्ति में गिरावट आएगी. इसके अलावा यूरोपियन ग्रीन डील और चीन के 2060 कॉर्बन-नेचुरल गोल के चलते भी इसकी आपूर्ति में गिरावट आएगी. इन कारणों से 2021 में सिल्वर के भाव में तेजी बनी रहेगी.
- साल 2021 में चांदी मीडियम टर्म में 77 हजार रुपये तक के लेवल पर पहुंच सकता है जबिक लांग टर्म में यह 85 हजार रुपये प्रति किग्रा के भाव तक पहुंच सकता है.
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