हर बैंक में रेगुलर सेविंग्स अकाउंट के लिए एक मिनिमम मंथली एवरेज बैलेंस तय होता है. ग्राहक को इस बैलेंस को अपने खाते में बरकरार रखना होता है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो बैंक जुर्माना वसूलते हैं. इस जुर्माने से बचने के लिए जरूरी है कि खाते में मिनिमम एवरेज बैलेंस की कैलकुलेशन कैसे होती है, यह जान लिया जाए और उसके आधार पर खाते में पर्याप्त बैलेंस बरकरार रखा जाए. आइए जानते हैं इसका पूरा गणित…
मान लीजिए किसी बैंक के बचत खाते के लिए मिनिमम मंथली एवरेज बैलेंस 3000 रुपये है. इसका अर्थ हुआ कि रोज दिन खत्म होने पर बचत खाते में 3000 रुपये बने रहने चाहिए. अब यह खाताधारक के ऊपर है कि वह खाते में पूरे माह केवल 3000 रुपये रखता है या फिर उससे ज्यादा. इसे उदाहरण से समझते हैं—
माना आपके बचत खाते के लिए मिनिमम मंथली एवरेज बैलेंस रिक्वायरमेंट 3000 रुपये है. आपने 1 जनवरी को अपने खाते में 3000 रुपये जमा किए. अगले एक माह तक आपने उस खाते से न कोई पैसा निकाला और न ही उसमें कुछ जमा किया. इसका अर्थ है कि आपने मिनिमम एवरेज बैलेंस रिक्वायरमेंट पूरी की यानी उसे बरकरार रखा.
जब कर रहे हों जमा-निकासी
आप अपने बचत खाते से भले ही ट्रान्जेक्शन करें या डिपॉजिट करें लेकिन आपका एवरेज 3000 रुपए से कम नहीं होना चाहिए. माना 1 जनवरी को आपने खाते में 3000 रुपये जमा किए. 10 जनवरी को आपने 2000 रुपये निकाल लिए. उसके बाद 20 जनवरी को फिर से 10,000 रुपये जमा कर दिए. महीने के अंत में आपके खाते में 11,000 रुपये होंगे. ऐसी सूरत में मिनिमम बैलेंस की कैलकुलेशन इस तरह होगी-
– 1 जनवरी से 10 जनवरी तक यानी 9 दिन आपका बैलेंस रहा- 3000×9= 27,000 रुपये
– 10 जनवरी से 20 जनवरी तक यानी 10 दिन आपका बैलेंस रहा- 1000×10=10000 रुपये
– अब 20 जनवरी से 31 जनवरी तक यानी 12 दिन आपका बैलेंस रहा- 11000×12= 1,32,000 रुपये
– अब 1 जनवरी से 31 जनवरी तक कुल बैलेंस देखें तो यह रहा- 27000+10000+132000= 1,69,000 रुपये
– अब 1 दिन का बैलेंस निकालने के लिए इसमें 31 का भाग देंगे तो आएगा 5,451.61 रुपये
इसका मतलब यह हुआ कि भले ही आपने बचत खाते से निकासी-जमा किया हो लेकिन फिर भी आपका एक दिन के आखिर में मंथली एवरेज बैलेंस 3000 रुपये से ज्यादा रहा. ऐसे में आप पर जुर्माना नहीं लगेगी. अगर यही बैलेंस 3000 से कम रहता तो बैंक आप से जुर्माना वसूलता.