How to Make Strong Portfolio After Budget: बजट 2023 में फिस्कल प्राथमिकताओं, पॉपुलिस्ट इनिशिएटिव और कैपेक्स बढ़ाने के बीच बैलेंस रखा गया है और यह उम्मीदों के अनुरूप रहा है. बजट में ग्रोथ ओरिएंटेड एक्सस्पेंडिचर से ग्रोथ की स्पीड को बनाए रखने में मदद मिलेगी. सरकार की ओवरआल आर्थिक नीतियां अब तक बेहतर रही हैं. भारत में मैक्रो कंडीशंस बेहतर हैं. कई और फैक्टर देश की अर्थव्यवस्था को सपोर्ट कर रहे हैं, जिससे घरेलू बाजार ग्लोबल निवेशकों के लिए आकर्षक बना हुआ है. इक्विटी में हालिया गिरावट से वैल्युएशन बेहतर हुआ है. ऐसे में निवेशकों को बजट के बाद किस तरह से पोर्टफोलियो बनाना चाहिए. इस बारे में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के MD & CEO, निमेश शाह ने अपनी राय दी है.
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पॉजिटिव
निमेश शाह के अनुसार क्रूड की कीमतों में गिरावट आई है, वैश्विक स्तर पर रेट हाइक साइकिल अपने पीक पर है, जहां से उसमें नरमी आएगी. ये बातें भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूत कर रही हैं. बजट में टैक्स सुधार से डायरेक्ट टैक्स रेवेन्यू और जीएसटी कलेक्शन को बढ़ावा मिलेगा, जो बेहतर संकेत है. भारत दुनिया के सबसे स्ट्रक्चरल मार्केट में से एक बना हुआ है. यह इंटरनेशनल निवेशकों के लिए और आकर्षक साबित होगा.
इक्विटी में गिरावट से बनेंगे नए मौके
भारतीय इक्विटी मार्केट ने हाल के महीनों में ग्लोबल पियर्स की तुलना में कुछ कमजोर प्रदर्शन किया है. घरेलू स्तर पर इक्विटी का कुछ और महीनों तक कमजोर प्रदर्शन जारी रहता है तो वे लंबी अवधि के लिए वैल्युएशन के लिहाज से बेहतर होंगे. लंबी अवधि के लिए निवेश के मौके बनेंगे. अगर रेपो रेट में कुछ और बढ़ोतरी भी हो तो मंदी जैसी स्थिति नहीं है.
SIP, एसेट अलोकेशन, डेट
उनका कहना है कि के पास SIP के जरिए इक्विटी में निवेश के अलावा एसेट अलोकेशन पर फोकस करने और डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सलाह है. सरकार ने पिछले 3 साल में कई पहल किए हैं, जिनसे डेट निवेश के लिए भी बेहतर माहौल बना है. डेट म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के लिए निवेश करना काफी आकर्षक हो गया है.
मल्टी-एसेट या बैलेंस एडवांटेज
उनका कहना है कि इक्विटी बाजार अभी भी सस्ते नहीं हैं. एकमुश्त निवेश पर विचार करने वाले निवेशकों के लिए एसेट अलोकेशन बेस्ड या हाइब्रिड कैटेगिरी, जैसे मल्टी-एसेट या बैलेंस एडवांटेज कैटेगरी बेहतर विकल्प हो सकते हैं. अगले 10 साल में मैक्रो निवेश महत्वपूर्ण होगा, जिससे बिजनेस साइकिल फंड जैसे प्रोडक्ट अहम हो जाएंगे. एक निवेशक के तौर पर डायनेमिक बॉन्ड फंड पर भी विचार किया जा सकता है.
लार्जकैप का वैल्युएशन मिडकैप से बेहतर
वैल्यूएशन के नजरिए से, लार्ज कैप की स्थिति मिडकैप की तुलना में बाजार पूंजीकरण के लिहाज से बेहतर है और मिडकैप की स्थिति स्मॉल-कैप से बेहतर है. अगर कोई निवेशक SIP के जरिए 3-5 साल के लिए निवेश करना चाहता है तो मिड कैप, फ्लेक्सी कैप, वैल्यू, स्पेशल सिचुएशन, या स्माल कैप जैसी एग्रेसिव कैटेगिरी में निवेश से न क्षेत्रों में संभावित अस्थिरता का लाभ उठा सकता है.
शॉर्ट टर्म निवेश बेहतर
फिलहाल आरबीआई जल्द ही दरों को कम नहीं करेगा. इस सिनेरियो को देखते हुए, हम छोटी अवधि के निवेश को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि लंबी अवधि की एसेट पर कोई अतिरिक्त यील्ड उपलब्ध नहीं है.