हाल के वर्षो में लोग अपने हेल्थ को लेकर काफी सजग हुए हैं. कोरोना महामारी ने दुनिया भर में तबाही मचाई. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग शारीरिक बीमारियों की चपेट में आए, साथ ही कई लोग मानसिक रूप से पीड़ित हुए. शारीरिक रुप से बीमार होने पर लक्षण नजर आते हैं, लेकिन मानसिक रुप से जूझ रहे ज्यादातर मामलों में लक्षण नहीं दिखाई देते हैं ऐसे में लोगों का ध्यान नहीं जाता है. या फिर जो लोग इस परेशानी से जूझ रहे होते हैं वे खुद इसे नजरअंदाज करते हैं.
ऐसे में जरूरी है कि हम दोनों ही मामलों में सजग रहें. मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानियों को रोकने के लिए जरूरी कार्रवाई करें. हमारे मेंटल हेल्थ को प्रभावित करने वाले कई फैक्टर है. हालांकि हम सभी परेशानी से खुद को नहीं बचा सकते हैं, लेकिन अपनी दिनचर्या में कुछ अहम रुटीन को शामिलकर मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से निश्चित रूप से बच सकते हैं. इसके लिए समय पर भरपूर नींद, बैलेंस डाइट, फिजिकली फिट और एक्टिव, फैमिली और दोस्तों के बीच रहने और अपनी खुशी के लिए मनमुताबिक अच्छे काम करके मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानियों से बचा जा सकता है. साथ ही, हमें एक सहायक समाज को आकार देने की दिशा में काम करना चाहिए जो मानसिक कल्याण के बारे में उचित ज्ञान के साथ अच्छी तरह से जागरूक हो. यह आगे मानसिक बीमारी से निपटने की प्रक्रिया को कम ज़ोरदार बना देता है.
दुर्भाग्य से कई मामलों में, मेंटल हेल्थ की परेशानियों को लेकर बेबुनियाद मान्यताएं और मंहगी हेल्थकेयर फैसिलिटी के कारण प्रभावित होती है. दोनों ही मामलों में होने वाले खर्चों से बचाने में कंप्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी बीमाधारक के लिए मददगार साबित होती है. ये पॉलिसी बीमाधारक को फाइनेशिंयल सेफ्टी मुहैया कराती है.
अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों बीमारियों को कवर करने वाली हेल्थ इंश्योरेंस पर विचार करने के कुछ कारण यहां बताए गए हैं.
1. मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानियों के दौरान उपयुक्त डॉक्टर की उपलब्धता
मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानियों में थिरैपी, मेडिकल काउंसलिंग या फिर लंबे दिनों तक उपचार की जरूरत पड़ सकती हैं. खराब मेंटल हेल्थ के दौरान महीनों और सालों तक थिरैपी, मेडिकल काउंसलिंग और उपचार चल सकते हैं. ऐसी स्थिति में मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानी और उसकी गंभीरता के आधार पर हर बार मरीज के उपचार पर 800 रुपये से 4,000 रुपये के बीच मेडिकल खर्च आ सकता है. इसके अलावा, मरीज को हर हफ्ते एक या उससे अधिक मेडिकल काउंसलिंग की जरूरत पड़ सकती है. ऐसी स्थिति में एक अच्छा डॉक्टर ढूंढना चुनौतीपूर्ण काम है. मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानियों में उपचार के लिए लंबा समय और धैर्य की जरूरत होती है. ऐसे में कंप्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले आपको इंश्योरेंस फील्ड से जुड़े प्रोफेशनल की सलाह ले लेनी चाहिए.
ऑनलाइन या ऑफलाइन मेडिकल काउंसलिंग का खर्च भी भुगतान करने के लिए उचित हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को खरीदा जा सकता है. जिससे बिनी किसी झंझट के अतिरिक्त वित्तीय बोझ से छुटकारा और बीमाधारक को मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ने पर हेल्प मिल जाती है. मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानियों में उपचार खर्च काफी हो सकता है और ये आपके मंथली खर्च और फाइनेंशियल टार्गेट को भी प्रभावित कर सकती हैं.
2. लगातार महंगे हो रहे मेडिकल खर्च से राहत
खराब मेंटल हेल्थ के ट्राटमेंट लागत के अलावा, लगातार मंहगी मेडिकल सुविधा भी एक गंभीर समस्या है इसके बारे में भी बीमाधारक को सोचना चाहिए. हाल के वर्षों में कोरोना महामारी ने वित्तीय चुनौतियां बढ़ा दी है इसके कारण महंगाई भी बढ़ी है. इस महामारी न हेल्थ सेक्टर को काफी प्रभावित किया है. खराब मेंटल हेल्थ को कवर करने वाली एक कंप्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदकर बढ़ती महंगाई से राहत पाई जा सकती है. संबंधित इंश्योरेंस पॉलिसी का कवर खरीद लेने के बाद उपचार लागत में वृद्धि से कोई फर्क नहीं पड़ता. खराब मेंटल हेल्थ के मरीजों को जरूरत पड़ने ये इंश्योरेंस पॉलिसी वित्तीय सहायता प्रदान कराने में मददगार होती है.
3. प्रीवेंटीव टेस्ट को मुहैया करान के सुविधा
मेंटल हेल्थ ट्रिगर्स को नजरअंदाज करना आज के समय में सबसे बड़ी परेशानी में से एक है. ऐसे में एक कंप्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत बीमाधारक को समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराने की सुविधा मिलती है. बीमाधारक की बेहतरी के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी में एनुअल एक्सपर्ट वेलनेश एसेसमेंट, स्ट्रेस एंड हैप्पीनेस इंडेक्स स्कोर, वेलनेस रिलेटेड कंटेंट, कुछ इवेंट जैसे तमाम स्वास्थ्य जांच कराने की सुविधा मिलती है. साथ ही समय पर उस ट्रिगर्स की पहचान की जाती है जिसकी वजह से बीमाधारक को मेंटल बीमारी हुई होती है. प्रीवेंटीव टेस्ट बीमारी से जल्द से जल्द निजात दिलाने में मदद करते हैं. ऐसे में शुरूआती चरण और सही समय पर इलाज जरूरी है. बाद के चरण में बीमारी की पता लगने पर फाइनेशियल बोझ काफी ज्यादा होती है. इनसे बचने के लिए प्रीवेंटीव टेस्ट काफी अहम साबित होता है.
4. शारिरिक हेल्थ जुड़े परेशानियों को कवर करना
मेंटल हेल्थ से जुड़े मामलों के अलावा, एक कंप्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में शारीरिक स्वास्थ्य के जुड़े बीमारियों में उपचार की सुविधा होनी चाहिए. इसमें न केवल अस्पताल में भर्ती बल्कि ओपीडी और वेलनेस की सुविधा भी मिलनी चाहिए. आमतौर पर एक सामान्य इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत इन सुविधाओं का कवर नहीं मिलता है, लेकिन रिकरिंग इश्यू शामिल होते हैं. एक कंप्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में स्वास्थ्य की स्थिति का पता लगाने और बीमाधारक को फिट रहने के लिए पहले से की जाने वाली सुविधाएं प्रदान कराई जीती हैं. जिसमें स्वास्थ्य जोखिम मूल्यांकन परीक्षण, लाइफ स्टाइल डिजीज मॉनिटरिंग और फिटनेस ट्रैकिंग शामिल है.
5. मानसिक शांति
कंप्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का कवर होना बेहद जरूरी है. दरअसल ये आपके प्रियजनों के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों बीमारियों को कवर करेगा. साथ ही ये ढेर सारी मानसिक शांति भी देने में मदद करेगा. मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में आपको फंड जुटाने के बारे में परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ती है.
पूरी तरह से स्वस्थ और फिट रहने के लिए अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है. शारीरिक स्वास्थ्य में गड़बड़ी को पहचानना आसान है. लेकिन मानसिक स्वास्थ्य में गड़बड़ी को अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसे में आपकी सेहत के लिए कंप्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना काफी अहम साबित सकता है. इसके अलावा, ये पूरे परिवार की सुरक्षा के लिए काफी मददगार साबित होता है. अधिकांश बीमा कंपनियां कंप्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को आजीवन रिनुअल की सुविधा देते हैं. आप इसे खुद और अपने प्रियजनों के लिए खरीद सकते हैं.
(Article : Ruchika Malhan Varma, Chief Marketing Officer, Future Generali India Insurance)