Home loan: लेंडर्स आमतौर पर बॉरोअर्स की इनकम, क्रेडिट स्कोर, चुकौती क्षमता समेत कई अन्य चीजों को ध्यान में रखते हुए होम लोन अप्रुव करते हैं. लेंडर्स द्वारा तय क्राइटेरिया को पूरा नहीं करने पर आपका होम लोन एप्लिकेशन रिजेक्ट हो सकता है. होम लोन खरीदने से पहले केवल यह जानना पर्याप्त नहीं है कि ब्याज दर कितनी है और आपको इसके लिए कितनी EMI चुकानी होगी. होम लोन की चुकौती प्रक्रिया लंबी अवधि तक चलती है, इसलिए होम लोन के साथ आने वाले फीचर्स और विकल्पों को पूरी तरह समझना जरूरी है ताकि आपको एक बेहतर डील मिल सके.
अगर आप पहली बार होम लोन लेने जा रहे हैं तो हमने आपको यहां कुछ जरूरी सलाह दिए हैं. आइए जानते हैं कि होम लोन के लिए अप्लाई करने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
नियमित अंतराल पर क्रेडिट स्कोर को करें चेक
बैंक लोन देने से पहले आपका क्रेडिट स्कोर देखते हैं. अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 या उससे अधिक है तो आपके लोन के अप्रुव होने की संभावना बढ़ जाती है. क्रेडिट स्कोर बेहतर होने पर हो सकता है कि आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल जाए. इसलिए, अगर आप भविष्य में होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो नियमित अंतराल पर अपने क्रेडिट स्कोर को चेक करना शुरू कर दें. इस तरह, कम क्रेडिट स्कोर वाले लोग अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार के लिए जरूरी उपाय कर सकेंगे. बेहतर क्रेडिट स्कोर से कम ब्याज दरों पर होम लोन मिलने की संभावना बढ़ जाएगी.
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ज्यादा डाउन पेमेंट करने में है फायदा
ज्यादा डाउन पेमेंट क्रेडिट रिस्क को कम करता है और इससे लोन अप्रुव होने संभावना बढ़ जाती है. कुछ लेंडर कम एलटीवी रेश्यो का चयन करने वाले बॉरोअर्स को कम ब्याज दरों की पेशकश करते हैं. इसलिए, अपनी ब्याज लागत को कम करने के इच्छुक होम लोन आवेदकों को अपने होम लोन डाउन पेमेंट में बड़ी रकम देना चाहिए. हालांकि, ज्यादा डाउन पेमेंट देने के लिए अपने अन्य अहम फाइनेंशियल गोल्स जैसे इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल करने से बचें. ऐसा करने पर आपको अपनी अन्य जरूरतों से निपटने के लिए ज्यादा ब्याज दरों पर लोन लेने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.
कितना लेना चाहिए लोन
होम लोन लेंडर्स अपने होम लोन आवेदनों का मूल्यांकन करते समय आवेदकों की चुकौती क्षमता पर भी विचार करते हैं. आपको यह हिसाब लगा लेना चाहिए कि अपनी अन्य देनदारियों और जरूरतों के साथ आप कितनी EMI का भुगतान कर सकते हैं. एक सरल नियम यह है कि आपकी EMI आपके टेक-होम वेतन के 40% से अधिक नहीं होनी चाहिए. अगर आपके पास घर खरीदने के लिए धन की कमी है, तो आप राशि बढ़ाने के लिए जॉइंट होम लोन ले सकते हैं. हालांकि, हमेशा इसका आकलन करें कि आप बिना किसी आर्थिक बोझ के ईएमआई के रूप में कितना भुगतान कर सकते हैं.
आवेदक अपनी चुकौती क्षमता के आधार पर अपनी ईएमआई जानने के लिए ऑनलाइन होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर की मदद ले सकते हैं. इससे भविष्य में ईएमआई पर डिफॉल्ट होने की संभावना कम हो जाती है.
इमरजेंसी फंड में 6 माह की EMI को करें शामिल
कई बार नौकरी छूटने या अन्य परिस्थितियों के चलते आपकी इनकम प्रभावित हो जाती है. इससे आपको लोन चुकाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही, होम लोन ईएमआई पर चूक करने पर पेनल्टी लग सकती है और क्रेडिट स्कोर में गिरावट आ सकती है. जब आप होम लोन की ईएमआई का भुगतान करने के लिए अपने अन्य फाइनेंशियल गोल्स को नज़रअंदाज करते हैं, तो लॉन्ग टर्म में इससे आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए, अपने इमरजेंसी फंड में कम से कम छह महीने के लिए अनुमानित होम लोन ईएमआई को शामिल करना बेहतर है. इससे आपको किसी तरह की इमरजेंसी की स्थिति में भी अपनी EMI को जारी रखने में मदद मिलेगी.
लेंडर्स के होम लोन ऑफ़र की करें तुलना
अलग-अलग बैंक के इंटरेस्ट रेट्स, लोन अमाउंट, एलटीवी रेश्यो, लोन टेन्योर और प्रोसेसिंग चार्ज में अंतर होता है. होम लोन लंबे समय का लोन होता है इसलिए ब्याज दर में कम अंतर के चलते भी लंबे में समय में आपको ज्यादा भुगतान करना पड़ सकता है. इसलिए, होम लोन के लिए अप्लाई करने से पहले बॉरोअर्स को अलग-अलग बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) द्वारा दी जाने वाली होम लोन फीचर्स की ठीक से तुलना कर लेनी चाहिए.
(By Ratan Chaudhary – Head of Home Loans, Paisabazaar)