Five Easy Steps to Demystify Your Financial Goal : लुईस कैरोल (Lewis Carroll) की पुस्तक एलिस इन वंडरलैंड (Alice in Wonderland) का एक पापुलर वाक्या है. जिसमें कैट (Cheshire Cat) ऐलिस (Alice) को बताती है ‘अगर यह तय नहीं है कि आप कहां जाना चाहते हैं, तो कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन सा रास्ता पकड़ते हैं’. यही वाक्या फाइनेंशियल प्लानिंग पर भी लागू होता है. इसलिए जरूरी है कि फाइनेंशियल टार्गेट तय करें और उसे पूरा करने लिए बेहतर प्लानिंग समय पर बनाएं. जब आप सही तरीके से फाइनेंशियल प्लानिंग करते हैं, तो इससे आप फाइनेंशियल तौर पर फिट रहते हैं. कहने का मतलब ये है कि समय पर सही फाइनेंशियल प्लानिंग करके लाइफ में आने वाली चुनौतियों से मुकाबला आसानी से किया जा सकता है. आप ज्यादातर चुनौतियों से निपटने में सक्षम होते हैं. और आपको अपनी कड़ी मेहनत के फल हर चीजों को एंज्वॉय करने के लिए सक्षम बनाता है, नतीजतन आप सिक्योर लाइफ जीते हैं और बिना वित्तीय परेशानी के आप समय पर हर काम को पूरा कर पाते हैं साथ जीवन में तरक्की की ओर बढ़ पाते हैं. इसके लिए आपको इन 5 बातों पर ध्यान रखने की जरूरत होती है.
1. सपने देखें और उसे एक डिजिट दें
हर एक टार्गेट सपना है और सपने के साथ एक नंबर जुड़ा होता है. मिसाल के तौर अगर आप 50 साल की उम्र में रिटायर होना चाहते हैं, ये आपका एक सपना हो सकता है. और फिर यही एक टार्गेट में तब्दील हो जाता है. जब आप यह कैलकुलेट करते हैं कि 50 साल की उम्र में रिटायरमेंट का फैसला करने और बाकी बचे लाइफ का गुजारा करने के लिए आपके बैंक एकाउंट में कितने पैसे होने चाहिए. इसके अलावा, आपको यह सोचने की जरूरत है कि उस सेविंग में से दूसरे टार्गेट को पूरा करने के लिए कितने पैसे खर्च होंगे. बढ़ती महंगाई का बोझ आपकी सेविंग को कितना कम कर देगी. आखिर में रिटायरमेंट के बाद आपको अगले 30 या 40 सालो के लिए हर महीने कितने पैसे की जरूरत होगी. हालांकि यह आकड़ा 2 करोड़ या 10 रुपये कुछ भी हो सकता है यह इंसान पर निर्भर करता है. लेकिन सपने के साथ आपके पास वह नंबर होने से पता चलता है कि आपको टार्गेट तक पहुंचने के लिए किन चीजों और कितने पैसे की जरूरत है.
2. ज्यादा ब्याज दर वाले लोन लेने से बचें
लोन लेना मतलब अपनी प्रापर्टी वित्तीय संस्थान के पास गिरवी रख देना है. इसे ऐसे समझिए कि आज आपको सिर्फ 3 आम चाहिए और आपने लोन लेकर अपने पूरे बागीचे को वित्तीय संस्थान के पास गिरवी रख दिया है. अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड पर 35 फीसदी और पर्सनल लोन पर 22 फीसदी ब्याज चुकाते हैं, तो आपके लिए टार्गेट तक पहुंच पाना काफी मुश्किल है. दरअसल लोन पर 22 फीसदी ब्याज चुकाना आपको अपने सेविंग के निवश किए गए हिस्से पर मिले 22 फीसदी रिटर्न हासिल करने के जैसा है. ऐसे में आप किसी उपयुक्त निवेश स्कीम के बारे में सोचें जो आपको 22 फीसदी रिटर्न की गारंटी दे? कोई भी फिटनेस प्लान खराब आदतों की वजह से फेल हो जाती है और पैसे की फिटनेस प्लानिंग भी इससे अलग नहीं है. ऐसे में बुरी आदतों को छोड़कर ही आप खुद के फाइनेंशियल फिटनेस को सही रुप दे सकते हैं.
3. इमरजेंसी फंड के लिए भी व्यवस्था बनाएं रखें
शिक्षा से हमनें सिखा है कि कोई चीज परमानेंट नहीं है. अनिश्चितता हर जगह है. कोरोना महामारी इसे आपके दरवाजे पर ले आई. आप इमरजेंसी जैसी स्थिति को आने से रोक नहीं सकते हैं, लेकिन इस तरह की अनचाहे चुनौतियों के लिए पहले से समय पर प्लानिंग कर सकते हैं. अब सवाल है कि इमरजेंसी फंड को कैसे बनाएं? इसके लिए आपको अपनी मंथली इनकम के कुछ हिस्से को करीब एक साल की इमरजेंसी जैसी स्थिति से निपटने के लिए इमरजेंसी फंड के रूप में अलग से सेविंग रखने की जरूरत है. आप इसके लिए मंथली इनकम के कुछ हिस्से को लिक्विड डिपॉजिट या लिक्विड फंड में निवेश कर सकते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर उसे आसानी से इस्तेमाल कर सके. इमरजेंसी फंड के लिए रखा गया पैसा आपको रेगुलर इनकम के कुछ हिस्से से इतर आजादी से निवेश करने के लिए सेफ्टी देता है. बिना कैपिटल गंवाए आप अपने इमरजेंसी फंड पर थोड़ा बहुत रिटर्न भी हासिल कर सकते हैं. अगर अचानक पड़े काम की वजह से आपका इमरजेंसी फंड खर्च हो गया है तो उसके लिए पहले इंतजाम करें.
4. इंश्योरेंस कवर लें
आम तौर पर हम इंश्योरेंस पॉलिसी को लाइफ और हेल्थ कवर के रूप में ही जानते समझते हैं. लेकिन वास्तव में ये उससे कही ज्यादा है. दरअसल बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटना आपकी सेविंग को एक झटके में खत्म सकती है, जिससे आप और आपका परिवार दिवालिया हो सकता है. ऐसे में खुद और फैमिली के पास इंश्योरेंस कवर होना चाहिए. बेशक, आपके पास जो पहला इंश्योरेंस होना चाहिए वह आपके लाइफ के लिए एक टर्म कवर होना चाहिए. ऐसे में खुद या परिवार के सदस्यों को खराब स्थिति में जरूरत पड़ने पर कवर मिल जाती हैं. इसलिए सुनिश्चित कर लें कि आपके परिवार के सभी सदस्यों के पास स्वास्थ्य बीमा है. इस चरण के बाद ये सुनिश्चित करें कि आपके पास मौजूद वाहन जैसी संपत्ति के लिए इंश्योरेंस कवर है. इसके अलावा होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन जैसी देनदारियों का इंश्योरेंस कवर होना चाहिए.
5. टार्गेट पूरा करने के लिए SIP इंस्ट्रूमेंट में निवेश करें
जब आप फाइनेंशियल टार्गेट के हासिल करने के लिए प्लानिंग करते हैं, तो ऐसे में दो बातों का ध्यान रखना जरूरी है. मध्यम अवधि और लंबी अवधि के टार्गेट को पूरा करने प्लानिंग करने के लिए SIP के जरिए निवेश करना का फैसला ले सकते हैं. हर एक एसआईपी को एक खास टार्गेट लक्ष्य के लिए तय करें, ताकि एलिस इन वंडरलैंड के किरदार की तरह आपके साथ न होने पाए.
अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके सामने सवाल आता है कि कितनी सेविंग करनी चाहिए? पहले टार्गेट बनाएं और फिर उसके लिए काम करें. टार्गेट को पूरा करने के लिए सिद्धांतों का पालन करें. पहले बचत बाद में खर्च करें. अपनी जरूरतों के ऊपर पैसे खर्च करने पर ध्यान दें, लेकिन चाहतों में कटौती करें. निवेश के लिए उस वक्त का इंतजार न करें कि जब तक आपके पास बचत शुरू करने के लिए पर्याप्त धन न होंगे तब तक आप निवेश करना शुरू नहीं करेंगे. अगर आप SIP के जरिए इक्विटी फंड्स में 25 साल तक मंथली 20,000 रुपये निवेश करते हैं तो उस स्कीम पर सालाना 14 फीसदी रिटर्न के आधार पर 25 साल के बाद आपके पास 5.50 करोड़ रुपये हो जाते हैं. हालांकि फाइनेंशियल टार्गेट को पूरा करने के लिए मनी के लिहाज से अधिक मेहनत करनी होगी.
अगर आप समय पर सावधानीपूर्वक फाइनेंशियल प्लानिंग करके चलते हैं, तो आप भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला बड़े आसानी से करने समक्ष हो पाते हैं. फाइनेंशियल फिटनेस का मतलब सिर्फ निवेश करना नहीं है. समय पर लोन रिपेमेंट, लिक्विडिटी और इंश्योरेंस की अहमियत को ध्यान में रखें और आप अपने सपनों को साकार करने के लिए खुद को तैयार करें!
(Article By Nehal Mota, Co-Founder & CEO, Finnovate)