EMI या क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान में देरी करना आपको महंगा पड़ सकता है. इसके चलते आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है और आप पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी पड़ सकता है. बैंक उन बॉरोअर्स को आसानी से और कम ब्याज दर पर लोन देते हैं जिनका क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है. वहीं, क्रेडिट स्कोर खराब होने पर आपको जरूरत के समय लोन हासिल करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इस परेशानी से बचने के लिए यहां हमने आपको कुछ टिप्स दिए हैं. इन टिप्स की मदद से आप भुगतान में देरी करने से बच सकते हैं. आइए जानते हैं क्या हैं ये टिप्स.
ऑटोपे फीचर का करें इस्तेमाल
जब आपको कई अलग-अलग चीजों का पेमेंट करना होता है, तो अपने सभी बिलों की नियत तारीखों को याद रखना आसान नहीं होता. खासकर तब जब आप मैन्युअल रूप से भुगतान करते हैं. इन्हें याद रखने के लिए आप ऑटोपे फीचर का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऑटोपे फीचर की मदद से आपकी EMI या क्रेडिट कार्ड का भुगतान सही समय पर ऑटोमैटिक तरीके से हो जाएगा. Bankbazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा, “ईएमआई या क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान में कभी भी देरी नहीं करनी चाहिए. अलग-अलग भुगतान के चलते हो सकता है कि आप भुगतान करने से चूक जाएं. इसलिए, क्रेडिट कार्ड बिल या लोन ईएमआई जैसे अहम भुगतानों के लिए अपने खातों को ऑटोपे मोड पर रखने की सलाह दी जाती है.”
अलार्म सेट करें
अगर आपके पास पर्याप्त धनराशि नहीं है तो पेमेंट ड्यू डेट्स के लिए रिमाइंडर सेट करना एक अच्छी आदत है. ऐसा करके, आप पैसों की समय पर व्यवस्था कर सकते हैं और अपने री-पेमेंट में देरी से बच सकते हैं. यह मुख्य रूप से होम लोन के मामले में उपयोगी है, जिसका भुगतान किसी खास खाते से किसी तय तारीख को किया जा सकता है. आप अपने मोबाइल फोन या स्मार्टवॉच पर ऐप्स या फीचर्स का उपयोग करके इन अलार्मों को सेट कर सकते हैं.
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पेमेंट ड्यू डेट में कर सकते हैं बदलाव
हम अक्सर उधार लेते समय ईएमआई या अन्य री-पेमेंट के लिए एक स्पेसिफिक डेट चुनते हैं. कभी-कभी ऐसा हो सकता है कि आपको पेमेंट ड्यू डेट में बदलाव करने की जरूरत महसूस हो. पेमेंट ड्यू डेट का चुनाव इस आधार पर किया जाता है कि आपके अकाउंट में पैसे आमतौर पर महीने की किस तारीख को रहते हैं. आप हमेशा लेंडर से संपर्क करके अपना ड्यू डेट बदल सकते हैं, ताकि किसी ड्यू डेट धन की कमी के कारण आपको पेमेंट करने में देरी न हो.
(Article: Sanjeev Sinha)