
ट्रंप प्रशासन ने मंगलवार को विदेश से आने वाले स्किल वाले कर्मियों को जारी वीजा को सीमित करने के लिए योजना का एलान किया. अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से नौकरियों में नुकसान के बीच यह कदम प्राथमिकता थी. भारतीयों के बीच H1B वीजा काफी लोकप्रिय है. खासकर आईटी के पेशेवरों के बीच यह वीजा बेहद अहम है. ऐसे में निश्चित रूप से यह भारतीयों के एक झटका है.
डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी एंड डिपार्टमेंट ऑफ लेबर के अधिकारियों ने कहा कि कौन वीजा ले सकता है और उन्हें कितना भुगतान किया जाना चाहिए, इस पर नए नियम जल्द जारी किए जाएंगे, जिससे H-1B प्रोग्राम के इस्तेमाल पर सीमा तय होगी.
जुलाई में हुआ था अस्थाई तौर पर निलंबित करने का आदेश
एक्टिंग डिप्टी सेक्रेटरी Ken Cuccinelli ने कहा कि DHS का आंकलन कि एक तिहाई आवेदकों को नए नियम के तहत इनकार कर दिया जाएगा जिनमें H-1B धारकों के लिए मौजूद खास व्यवसायों की संख्या और उन जरूरतों को सीमित किया जाएगा कि नियोक्ता को प्रोग्राम के तहत ज्यादा वेतन का भुगतान करना होता है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जुलाई में इस साल के आखिर तक H-1B प्रोग्राम को अस्थाई तौर पर निलंबित करने का आदेश जारी किया था. Cuccinelli और लेबर के डिप्टी सेक्रेटरी Patrick Pizzella ने कहा कि प्रोग्राम का कंपनियों ने अमेरिकी कर्मियों की जगह विदेश से आए कम महंगे कर्मचारियों को रखने के लिए गलत इस्तेमाल किया गया है.
Pizzella ने कहा कि अमेरिकी कर्मियों को अच्छी सैलरी वाली मिडिल क्लास नौकरियों से बाहर रखकर उनकी जगह गैर-अमेरिकी कर्मियों को दी जा रही है. उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में इससे वेतन कम हो रहा है जो गलत है. H-1B प्रोग्राम को राष्ट्रपति जॉर्ज HW बुश के अंदर बनाया गया था. जिससे कंपनियों को विशेष नौकरियों को भरने में मदद करना था क्योंकि टेक सेक्टर में बढ़ोतरी की शुरुआत हो गई थी और योग्य कर्मियों को खोजना मुश्किल था. बहुत सी कंपनियों ने जोर दिया कि उन्हें मुख्य पदों को भरने के लिए अब भी प्रोग्राम की जरूरत है.
H-1B वीजा क्या है?
अमेरिका में कार्यरत कंपनियां अगर किसी विदेशी व्यक्ति को नियुक्त करना चाहती हैं तो इम्प्लाई के लिए H-1B वीजा लेना अनिवार्य है. इस वर्क परमिट के बिना वह अमेरिका में किसी कंपनी में काम नहीं कर सकता है. भारत से बड़ी संख्या में आईटी पेशेवर इस चीजा पर अमेरिका काम करने जाते हैं. H1B Visa के लिए कोई भी व्यक्ति आवेदन नहीं कर सकता है बल्कि किसी व्यक्ति की तरफ से कंपनी को आवेदन करना होता है. H-1B वीजा 3 साल के लिए जारी होता है, जिसे अधिकतम 6 साल तक बढ़ाया जा सकता है.
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