आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर (Masood Azhar) को लेकर भारत को बड़ी जीत हासिल हुई है. संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया. UN में भारत के राजदूत सैयद अकबरूद्दीन ने ट्वीट कर कहा कि इस फैसले में छोटे, बड़े सभी साथ आए और मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में आतंकवादी घोषित किया गया.
बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी मसूद अजहर के संगठन जैश ए मोहम्मद ने ही ली थी. इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे. मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करवाने की भारत की कोशिशों में अब तक चीन अड़ंगा डाल रहा था. लेकिन इस बार चीन ने भी अपने हाथ पीछे खींच लिए.
10 साल में चौथी कोशिश कामयाब
मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए भारत पिछले 10 साल से कोशिश कर रहा था. इतने सालों में यह चौथी कोशिश थी. भारत ने यह प्रस्ताव सबसे पहले 2009 में रखा था. इसके बाद 2016 में भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध परिषद के समक्ष दूसरी बार प्रस्ताव रखा. इसके बाद तीसरी बार यह प्रस्ताव 2017 में रखा गया. इन सभी मौकों पर चीन वीटो का इस्तेमाल कर अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित होने से रोकता आ रहा था. चीन ने मार्च में भी अजहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया था.
फ्रांस ने किया फैसले का स्वागत
मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के फैसले का फ्रांस ने स्वागित किया है. साथ ही कहा है कि यह उसके प्रयासों की सफलता को दर्शाता है. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद द्वारा फरवरी में किए गए भयानक आतंकवादी हमले के कुछ दिन बाद फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने अजहर को ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति’ में एक प्रस्ताव पेश किया था.