WHO Meeting On Covid-19: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में जल्द ही एक खास मुद्दे पर बैठक होने जा रही है. चर्चा का विषय है कि क्या कोविड-19 वायरस अब भी दुनिया के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है? डब्ल्यूएचओ जिस बीमारी को गंभीर और खतरनाक मानता है उसे वह पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ़ इंटरनेशनल कंसर्न (PHEIC) की कैटेगरी में डाल देता है. संगठन की इंटरनेशनल हेल्थ रेगुलेशन कमेटी की इस बैठक में यह भी चर्चा होगी कि क्या कोरोना महामारी को अब भी PHEIC की कैटेगरी में ही रखना चाहिए या नहीं?
कोविड के बढ़ रहे मामलों से WHO चिंतित
WHO के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कमेटी की बैठक से पहले पत्रकारों से कहा, “मैं इमरजेंसी कमेटी की सलाह सामने आने से पहले कोई अंतिम राय देना नहीं चाहूंगा, लेकिन कई देशों में कोरोना की स्थिति और मौत के बढ़ते आंकड़ों से मैं बेहद चिंतित हूं.” चीन द्वारा अपनी जीरो-कोविड पॉलिसी को हटाने के बाद उनकी यह पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया है. WHO ने जनवरी 2020 में पहली बार कोरोनो वायरस महामारी की पहचान की थी, जबकि 11 मार्च 2020 को कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया गया था.
चीन में 8 हफ्ते में हुई 170,000 मौतें
WHO प्रमुख ने अपने बयान में चीन में बढ़ते कोविड मामलों का जिक्र इसलिए किया, क्योंकि पिछले आठ हफ्तों में वहां कोविड के कारण कम से कम 1 लाख 70 हजार लोगों की मौत होने की खबर है. रिपोर्टों के अनुसार समिति PHEIC की ख़ास सलाहों पर ध्यान देगी. हालांकि अभी यह पता लगाया जाना बाकी है कि कोविड की स्थिति कितनी “गंभीर और असामान्य” है.
कोविड टीका सबसे कारगर
गौरतलब है कि कोविड-19 और इसका प्रभाव लगातार गंभीर बना हुआ है, लेकिन रैपिड एंटीजन टेस्ट, एंटीवायरल पिल जैसे उपचार और विश्व स्तर पर टीकों के माध्यम से लोगों को वायरस से बचाने में सफलता मिली है. WHO के अनुसार दुनिया की दो-तिहाई से अधिक आबादी को अब तक कोविड वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिल चुकी है. उम्मीद है कि WHO की बैठक में लिए गए फैसलों का एलान 30 जनवरी को किया जाएगा.