
Galwan Valley clash: चीन ने पहली बार दुनिया के सामने यह कबूल किया है कि पिछले साल जून में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में PLA के पांच सैन्य अधिकारी और जवान मारे गए. चीनी सेना के आधिकारिक समाचार पत्र PLA डेली की शुक्रवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच चीनी फ्रंटियर अधिकारी और सैनिकों की काराकोरम पर्वत रेंज में जून 2020 में भारतीय सेना के साथ हुई झड़प में मौत हुई है. सेंट्रल मिलिट्री कमीशन आफ इंडिया (CMC) ने इस बात को स्वीकार किया है.
PLA डेली की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी सेना जो सैनिक मारे गए हैं, उनमें पीएलए झिंजियांग सैन्य कमान से रेजिमेंटल कमांडर कि फाबाओ भी शामिल है. CMC ने कि फाबाओ को ‘हीरो रेजिमेंटल कमांडर आफ डिफेडिंग द बॉर्डर’ अवार्ड से सम्मानित किया है. इसके अलावा, चीन ने मारे गए 4 सैनिकों के नाम भी सार्वजनिक किए हैं. इनमें चेन होंगजून, चेन शिआंगरोंग, शियाओ सियुआन, वांग झुओरान भी शामिल हैं. इनमें चेन होंगजून को ‘हीरो टू डिफेंड दा बॉर्डर,’ और चेन शिआंगरोंग, शियाओ सियुआन, वांग झुओरान को फर्स्ट क्लास मेरिट अवार्ड दिया है.
15 जून को हुई हिंसक झड़प
भारतीय और चीनी सेना के बीच पिछले साल 5 मई को पैंगोग लेक के क्षेत्र में झड़प हुई थी. इसके बाद दोनों तरफ से सेना की तैनाती बढ़ा दी गई. इसमें भारी सैन्य हथियारों की भी तैनाती हुई. गलवान घाटी में 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच आमने सामने हिसंक झड़प हो गई, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. यह दोनों देशों के बीच दशकों बाद एक गंभीर सैन्य विवाद हुआ था.
चीन ने पहली बार गलवान हिंसा में अपने नुकसान को स्वीकार किया है और अपने 5 अधिकारियों व जवानों की मौत को माना है. रिपोर्ट में चीन का आरोप लगाया कि गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय सेना ने अवैध तरीके से गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया था. इस घटना के बाद भारत ने अपने नुकसान की तुरंत जानकारी दी. जबकि चीन ने अधिकारिक तौर पर अभी तक अपने नुकसान को कबूल नहीं किया था.
तास ने 45 चीनी सैनिकों की मौत बताई
रूस की अधिकारिक न्यूज एजेंसी TAAS ने 10 फरवरी को रिपोर्ट दी थी कि गलवान घाटी हिंसा में चीन के 45 सैनिक मारे गए थे. पिछले साल एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, इस हिंसा में चीन की तरफ से 35 लोगों की जान गई थी. बता दें, सीएमसी चीन की पीएलए का सर्वोच्च कमांड है. इसके प्रमुख चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग हैं.
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