वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) ने पिक-अप के मामले में एक नया रिकॉर्ड बनाया है. भारत की इस सेमी हाई स्पीड ट्रेन ने हाल ही में एक टेस्ट रन के दौरान केवल 52 सेकेंड में 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल करके बड़ी कामयाबी दर्ज की है. यह जानकारी केन्द्रीय रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे पाटिल ने दी है. इससे पहले वंदे भारत ने 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड 54.6 सेकेंड में हासिल की थी. वंदे भारत ने इस बार न सिर्फ अपने पिछले रिकॉर्ड को बेहतर किया है, बल्कि पिक-अप के मामले में बुलेट ट्रेन को भी पीछे छोड़ दिया है. जापान की बुलेट ट्रेन को 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल करने में 55 सेकेंड लगते हैं. वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को Train-18 के नाम से भी जाना जाता है.
भारतीय रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस को 15 फरवरी 2019 को लॉन्च किया था. मार्च 2022 में यह हाई स्पीड ट्रेन सर्विस दो रूटों पर शुरू हो गई, जिनमें पहला रूट नई दिल्ली से वाराणसी और दूसरा रूट नई दिल्ली से कटरा का है. अब इस फेस्टिवल सीजन के दौरान इस ट्रेन सेवा को तीसरे रूट पर भी चलाए जाने की उम्मीद है. यह तीसरा रूट अहमदाबाद से मुंबई का होगा. 9 सितंबर 2022 को रेलवे अधिकारियों की मौजूदगी में अहमदाबाद से मुंबई के बीच इस ट्रेन का ट्रायल रन हुआ. इस दौरान वंदे भारत एक्सप्रेस अधिकतम 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली थी.
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इंपोर्टेड ट्रेन के मुकाबले 40% कम खर्च में बनी वंदे भारत
वंदे भारत ट्रेन को चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी में डिजाइन करने के बाद वहीं पर बनाया भी गया है. केन्द्र सरकार के मेक इन इंडिया मिशन (Make in India Mission) के तहत इस हाई स्पीड एक्सप्रेस ट्रेन को बनाया गया है. इसे तैयार करने में 18 महीने का समय लगा है. वंदे भारत ट्रेन की पहली रैक बनाने पर 100 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. बाद के रैक पर इससे कम खर्च आने का अनुमान है. अगर ऐसी ही हाई-स्पीड ट्रेन को यूरोप के देशों से इंपोर्ट किया जाता तो उस पर काफी अधिक खर्च करना पड़ता. भारत की फैक्टरी में बनाने की वजह से कम से कम 40 फीसदी बचत हुई है.
अधिकतम स्पीड 160 किमी प्रति घंटा
रेलवे ने दावा है कि वंदे भारत एक्सप्रेस अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है. ट्रेन को इसी हिसाब से डिज़ाइन किया गया है. इतना ही नहीं, यह ट्रेन महज 140 सेकेंड में 0 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल कर सकती है. दिलचस्प बात यह है कि टेस्टिंग के दौरान यह ट्रेन 180 किमी प्रति घंटे से ज्यादा रफ्तार भी हासिल कर चुकी है. हालांकि अभी जिन रूटों पर इसे चलाया जा रहा है, वे इतनी तेज ऱफ्तार के लिए फिट नहीं हैं, इसलिए फिलहाल इसे अधिकतम 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ही चलाया जा रहा है.