ISRO report on Joshimath Sank | The Financial Express

Joshimath Sank: सिर्फ 12 दिनों में 5.4 सेमी धंसा जोशीमठ, डरा रही है ISRO की ये तस्‍वीरें, शहर का क्‍या होगा

ISRO Report: जोशीमठ की सेटेलाइट तस्‍वीरों से पता चलता है कि यह शहर सिर्फ 12 दिनों में 5.4 सेमी धंस गया है.

Joshimath Sank: सिर्फ 12 दिनों में 5.4 सेमी धंसा जोशीमठ, डरा रही है ISRO की ये तस्‍वीरें, शहर का क्‍या होगा
Joshimath Sanking: आजकल उत्तराखंड के जोशीमठ को लेकर पूरे देश में चर्चा है.

Joshimath Sank ISRO Images: आजकल उत्तराखंड के जोशीमठ को लेकर पूरे देश में चर्चा है. असल में इस शहर का कुछ एरिया लगातार धंसता जा रहा है. इस बीच इसरो की एक सेटेलाइट तस्‍वीर ने वहां के लोगों और सरकार की चिंता और बढ़ा दी है. इसरो ने जोशीमठ में जमीन धंसने की सेटेलाइट तस्‍वीरें और रिपोर्ट जारी की है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा जारी उत्तराखंड के जोशीमठ की सेटेलाइट तस्‍वीरों से पता चलता है कि यह शहर सिर्फ 12 दिनों में 5.4 सेमी धंस गया है.

क्‍या धंस जाएगा पूरा शहर

माना जा रहा है कि जमीन धंसने की यह घटना 2 जनवरी 2022 से शुरू हुई है. बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्‍थानों और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग गंतव्य औली के प्रवेश द्वार जोशीमठ को जमीन धंसने के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. जमीन धंसने की वजह से बहुत से घरों पर खतरा बन गया है. अब तक 589 सदस्यों वाले कुल 169 परिवारों को राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है. जोशीमठ और पीपलकोटी में राहत केंद्रों के रूप में 835 कमरे हैं, जिनमें कुल मिलाकर 3,630 लोग रह सकते हैं.

जनवरी में तेज हुई धंसने की प्रक्रिया

इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) की शुरूआती स्‍टडी में कहा गया है कि अप्रैल और नवंबर 2022 के बीच जमीन के धंसने की प्रक्रिया धीमी थी, इस दौरान जोशीमठ 8.9 सेमी तक धंसा था. हालांकि 27 दिसंबर, 2022 और आठ जनवरी, 2023 के बीच, इसकी तीव्रता में बढ़ोतरी हुई और इन 12 दिनों में शहर 5.4 सेंटीमीटर धंस गया. ये तस्वीरें कार्टोसैट-2एस उपग्रह से ली गई हैं.

जोशीमठ-औली रोड के पास केंद्र

एनआरएससी की रिपोर्ट में कहा गया कि यह क्षेत्र कुछ दिनों के अंदर लगभग 5 सेमी धंस गया और अवतलन की क्षेत्रीय सीमा भी बढ़ गई है. हालांकि यह जोशीमठ शहर के मध्य भाग तक ही सीमित है. इसने कहा कि एक सामान्य भूस्खलन आकार जैसे दिखने वाले एक क्षेत्र की पहचान की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि जमीन धंसने का केंद्र जोशीमठ-औली रोड के पास 2,180 मीटर की ऊंचाई पर स्थित था.

गृह मंत्री अमित शाह ने किया आकलन

तस्वीरों में सेना के हेलीपैड और नरसिंह मंदिर को जोशीमठ शहर के मध्य भाग में फैले धंसाव क्षेत्र के प्रमुख स्थलों के रूप में दिखाया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरूवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, आर के सिंह, भूपेंद्र यादव और गजेंद्र सिंह शेखावत और टॉप अधिकारियों की मौजूदगी में हुई एक बैठक में जोशीमठ की स्थिति और लोगों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों का आकलन किया था.

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First published on: 13-01-2023 at 15:17 IST

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