
भारत सरकार ब्रिटेन से आने वाली और ब्रिटेन जानी वाली यात्री उड़ानों पर लगाए गए प्रतिबंध को आगे बढ़ा सकती है. हालांकि यह प्रतिबंध लंबा नहीं होगा. यह बात केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कही. भारत ने ब्रिटेन में कोविड19 का नया प्रकार सामने आने के बाद इसे भारत में फैलने से रोकने के लिए दोनों देशों के बीच यात्री उड़ानों पर प्रतिबंध लगाया है. यह प्रतिबंध 23 दिसंबर से 31 दिसंबर तक लागू है.
मंत्री ने कहा कि मुझे भारत-ब्रिटेन के बीच उड़ानों पर लगे अस्थायी प्रतिबंध को कुछ और वक्त के लिए आगे बढ़ाए जाने का अनुमान है. ऐसा नहीं लगता कि यह लंबा या अनिश्चित काल के लिए होगा. एक या दो दिन में हम पता लगा लेंगे कि क्या किसी अतिरिक्त कदम की जरूरत है या फिर इस अस्थायी रोक में कब से ढील दी जा सकती है.
6 लोग हुए पॉजिटिव
इससे पहले मंगलवार को ही दिन में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि ब्रिटेन से भारत लौटे 6 लोग कोविड पॉजिटिव निकले हैं. वे महामारी के नए प्रकार से संक्रमित हैं. नए प्रकार के कोरोनावायरस ने ब्रिटेन के अलावा डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन आदि देशों में भी दस्तक दे दी है.
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एयरपोर्ट्स के निजीकरण का अगला दौर कब
इस बीच एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के चेयरमैन अरविंद सिंह ने कहा है कि सरकार एयरपोर्ट्स के निजीकरण के अगले चरण को 2021 की पहली छमाही में प्लान कर रही है. हम सरकारी मंजूरियों को लेने के आखिरी दौर में हैं. जैसे ही मंजूरियां मिल जाती हैं, हम 2021 की पहली छमाही में बिडिंग की प्रक्रिया शुरू कर देंगे. AAI ने सितंबर में अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्वर, इंदौर, रायपुर और त्रिची के एयरपोर्ट्स के निजीकरण की सिफारिश सरकार से की थी. मोदी सरकार में एयरपोर्ट्स के निजीकरण के पहले दौर में फरवरी में अडाणी ग्रुप ने 6 एयरपोर्ट्स के लिए कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया था. ये एयरपोर्ट लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलुरू, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी हैं.
Input: PTI
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