
Rafale Fighter Jets India: भारत को फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान की तीसरी खेप प्राप्त हो गई है. 27 अक्टूबर की शाम को फ्रांस से लगातार उड़ान भरते हुए राफेल भारत में उतरा. इस तीन राफेल के आने के बाद अब भारत के पास राफेल विमान की संख्या बढ़कर 11 हो गई है. राफेल विमान के आने से भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में ऐसे समय में बढ़ोतरी होगी, जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तीखा सीमा विवाद चल रहा है. भारतीय वायुसेना ने एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी कि तीन राफेल विमान आईएएफ बेस पर पहुंच चुके हैं. ट्वीट के मुताबिक ये तीनों लड़ाकू विमान 7 हजार किमी से अधिक का सफर पूरा करके भारत पहुंचे हैं और इस दौरान यूएई एयरफोर्स ने आसमान में ही इसमें तेल भरा जिसके लिए वायुसेना ने धन्यवाद दिया है.
The third batch of three Rafale aircraft landed at an IAF base a short while ago. They flew over 7000Km with in-flight refuelling. The aircraft got airborne earlier in the day from #IstresAirBase in France. IAF deeply appreciates the tanker support provided by UAE Air Force. pic.twitter.com/tykLthzVlx
— Indian Air Force (@IAF_MCC) January 27, 2021
सौदे के चार साल बाद मिला था पहला राफेल
फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों के लिए सौदा किए जाने के करीब चार साल बाद राफेल विमान की पहली खेप भारत में 29 जुलाई 2020 को पहुंची थी. भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए 59 हजार करोड़ में सौदा किया है. राफेल विमानों की दूसरी खेप पिछले साल 3 नवंबर 2020 को पहुंची थी. राफेल विमान का निर्माण फ्रेंच कंपनी दसाल्ट एविएशन करती है. भारत ने करीब 23 साल के बाद लड़ाकू विमानों की प्रमुख खरीदारी की है. इसके पहले भारत ने रूस से सुखोई जेट का आयात किया था.
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कितना घातक है राफेल
- राफेल दो इंजन वाला फाइटर जेट है.
- राफेल जेट कई हथियारों को कैरी करने में सक्षम हैं. यह परमाणु हथियारों को लेकर उड़ान भरने में भी सक्षम है.
- यूरोप की मिसाइल निर्माता MBDA की ‘मीटियोर बियोन्ड विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइल’ और हवा से जमीन पर मार करने में सक्षम ‘स्कैल्प क्रूज मिसाइल’ राफेल के वैपन पैकेजेस में प्रमुख हैं. राफेल की स्कैल्प मिसाइल की रेंज करीब 300 किलोमीटर है.
मिसाइल सिस्टम्स के अलावा राफेल जेट्स कई इंडिया स्पेसिफिक मॉडिफिकेशंस से लैस होंगे. इनमें इजरायली हैलमेट माउंटेड डिस्प्ले, रडार वार्निंग रिसीवर्स, लो बैंड जैमर्स, 10 घंटे के फ्लाइट डेटा की रिकॉर्डिंग, इन्फ्रा रेड सर्च व ट्रैकिंग सिस्टम्स आदि शामिल हैं. - राफेल विमान की भार वहन क्षमता 9500 किलोग्राम है और यह अधिकतम 24,500 किलोग्राम तक के वजन के भार के साथ 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भरने में सक्षम है.
- राफेल 15.27 मीटर लंबा और 5.3 मीटर ऊंचा है. इसकी फ्यूल कैपेसिटी तकरीबन 17 हजार किलोग्राम है.
- राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक की उड़ान भर सकता है. राफेल 2,223 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकता है.
- राफेल का राडार 100 किमी के भीतर एक बार में 40 टारगेट का पता लगा लगा सकता है. इससे दुश्मन के विमान को पता चले बिना भारतीय वायुसेना उन्हें देख पाएगी.
- एक साथ 40 टारगेट का पता लगाने की खासियत इस फाइटर जेट को दूसरों से और खास बना देता है.
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