केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को एलान किया कि सरकार ने टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) सर्टिफिकेट की वैधता अवधि को 7 साल से बढ़ाकर जीवनकाल कर दिया गया है. यह साल 2011 से प्रभावी होगा. साल 2020 में, नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने अपनी 50वीं बैठक में TET सर्टिफिकेट की अवधि को सात साल से बढ़ाकर जीवनभर के लिए करने की मंजूरी दे दी.
राज्य सरकार जारी करेगी नए सर्टिफिकेट
उन्होंने आगे कहा कि संबंधित राज्य सरकार/ केंद्र शासित प्रदेश उन आवेदकों के TET सर्टिफिकेट को रैविलिडेट या नए जारी करेंगी, जिनकी सात साल की अवधि पहले से खत्म हो चुकी है. NCTE की 11 फरवरी 2011 की तारीख वाली गाइडलाइंस में बताया गया है कि TET का संचालन राज्य सरकारों द्वारा किया जाएगा. और TET सर्टिफिकेट की वैधता TET को पास करने की तारीख से लेकर सात साल तक की थी.
पोखरियाल ने कहा कि यह आवेदकों के लिए नौकरी के अवसर बढ़ाने में सकारात्मक कदम होगा, जिससे पढ़ाने के क्षेत्र में करियर बनाने में मदद मिलेगी. भारत में प्राथमिक पढ़ाने के पेशे में करियर बनाने के लिए, TET को पास करना अनिवार्य है. राष्ट्रीय स्तर का सेंट्रल टीचर एलिबिलिटी टेस्ट (CTET) CBSE द्वारा लिया जाएगा और प्राथमिक स्कूलों में अध्यापक के पद के लिए आवेदन करते समय CTET सर्टिफिकेट जरूरी होता है. TET परीक्षाएं राज्य स्तर पर ज्यादा राज्य भी लेते हैं.
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राज्य स्तर पर, जहां कुछ राज्यों ने पहले ही परीक्षा का संचालन कर लिया है. वहीं दूसरे राज्य जैसे यूपी और राजस्थान परीक्षा का संचालन करने के लिए महामारी की स्थिति ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं.