Supreme Court dismisses Kerala government’s Plea: सुप्रीम कोर्ट से अडाणी ग्रुप को बड़ी राहत मिली है. केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मैनेजमेंट अडाणी ग्रुप को सौंपे जाने के खिलाफ दायर राज्य सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सोमवार को सुनाए गए अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो एयरपोर्ट्स के निजीकरण के सरकार के नीतिगत फैसले में दखल नहीं दे सकता. केरल सरकार ने केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ नवंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका में तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट का संचालन अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) को सौंपने की इजाजत देने वाले हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
केरल सरकार और एयरपोर्ट कर्मचारियों की याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ ने सोमवार को अपना फैसला सुनाते हुए केरल सरकार और एयरपोर्ट कर्मचारियों के संगठनों की तरफ से दायर स्पेशल लीव पिटीशन्स यानी विशेष अनुमति याचिकाओं को खारिज कर दिया. इन याचिकाओं में केरल हाईकोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए उस पर रोक लगाने की मांग की गई थी. दरअसल, केरल हाईकोर्ट ने अपने फैसले में एयरपोर्ट का संचालन लीज़ के आधार पर अडाणी एंटरप्राइजेज को सौंपे जाने को सही ठहराया था.
करीब दो साल पुराना है मसला
ये मसला करीब दो साल पुराना है, जब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मैनेजमेंट लीज के आधार पर गुजरात के अहमदाबाद की कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज को सौंपने का फैसला किया था. अक्टूबर 2020 में AEL ने तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट के संचालन का काम संभाल भी लिया था. लेकिन केरल सरकार और एयरपोर्ट के कर्मचारियों के संगठनों ने एयरपोर्ट के संचालन, प्रबंधन और डेवलपमेंट का काम AEL को सौंपे जाने का विरोध करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
हाईकोर्ट ने भी अडाणी ग्रुप के पक्ष में फैसला दिया था
केरल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 19 अक्टूबर 2020 को सुनाए अपने फैसले में AAI द्वारा एयरपोर्ट का टेंडर अडाणी समूह को दिए जाने के फैसले के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था. उस वक्त हाईकोर्ट के जस्टिस के विनोद चंद्रन (K Vinod Chandran) और जस्टिस सीएस डायस (CS Dias) की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा था कि एयरपोर्ट्स के निजीकरण के बारे में लिए गए सरकार के नीतिगत फैसले में अदालतों को दखल नहीं देना चाहिए. इसके बाद केरल सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगाने की मांग करते हुए नवंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी. लेकिन करीब दो साल बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ-साफ कहा है कि केरल हाईकोर्ट ने बिलकुल सही फैसला सुनाया था और उसमें बदलाव करने या उस पर रोक लगाने की कोई जरूरत नहीं है.