Agniveer News: इंडियन स्टील एसोसिएशन (ISA) ने सेना में भर्ती की नई योजना ‘Agnipath’ का नया स्वागत किया है. एसोसिएशन के मुताबिक स्टील इंडस्ट्री को अग्निवीर जैसे टैलेंट की जरूरत है जो देश के 30 करोड़ टन स्टील उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने में मदद कर सकते हैं. नेशनल स्टील पॉलिसी 2017 के तहत सरकार ने देश की स्टील उत्पादन की क्षमता को बढ़ाकर 30 करोड़ टन करने का लक्ष्य रखा है.
इंडस्ट्री को लाखों प्रशिक्षित और अनुशासित कर्मियों की जरूरत
आईएसए के प्रेसिडेंट Dilip Oommen के मुताबिक सैन्य भर्ती की यह योजना सभी के लिए फायदेमंद है. उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारतीय स्टील इंडस्ट्री को लाखों प्रशिक्षित और अनुशासित कामगारों की जरूरत है. ओमान आर्सेलरमित्तल निप्पन स्टील के सीईओ भी हैं. ओमान का कहना है कि स्टील उत्पादन का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसके लिए अग्निपथ स्कीम के तहत प्रशिक्षित किए जाने वाले हाईली स्किल्ड अग्निवीरों से बेहतर कोई नहीं हो सकता है.
अग्निवीरों में कंपनियों के लिए जरूरी क्वालिटी का विकास
एसोसिएशन के सेक्रेटरी-जनरल आलोक सहाय के मुताबिक यह स्किल इंडिया-सिक्योर इंडिया का मूवमेंट है. अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों में राष्ट्र के प्रति समर्पण, काम को लेकर प्रतिबद्धता, काम को लेकर ईमानदारी व अनुशासित जैसे गुण विकसित होंगे जोकि कंपनियों के लिए किसी कर्मी में बहुत जरूरी क्वालिटीज हैं. सहाय के मुताबिक हर कंपनी अपने कर्मियों में ऐसे गुण चाहती है जो अग्निवीरों में डेवलप होगा.
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क्या है अग्निपथ योजना?
पिछले हफ्ते 17 जून को सैन्य भर्ती के लिए अग्निपथ योजना का ऐलान किया गया. इसके तहत चार साल के लिए 17.5-21 वर्ष के युवाओं की भर्ती की जाएगी और चार साल के बाद 25 फीसदी को सेना में 15 साल के लिए सेवा विस्तार दिया जाएगा. चार साल के बाद जो 75 फीसदी अग्निवीर सेना से बाहर होंगे, उन्हें ग्रेच्यूटी और पेंशन का फायदा नहीं मिलेगा. इस योजना को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध हो रहा है. इसके बाद सरकार ने इस साल की भर्ती के लिए अधिकतम उम्र सीमा को 21 साल की बजाय 23 साल कर दिया है.
(इनपुट: पीटीआई)