Stan Swamy Dead: एलगार परिषद केस में गिरफ्तार पादरी स्टेन स्वामी का सोमवार को मुंबई के होली फैमिली अस्पताल में निधन हो गया. 84 साल के स्वामी को अक्टूबर 2020 में आतंकवाद विरोधी कठोर कानून UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था. मुंबई जेल रखे जाने के दौरान ही स्टेन स्वामी को कोरोना भी हो गया था. उनके निधन की जानकारी सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में उस वक्त दी गई, जब उनकी अंतरिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई होनी थी.
सोमवार को जमानत की अर्जी पर सुनवाई शुरू होने से पहले ही स्टेन स्वामी के वकील और होली फैमिली अस्पताल की तरफ से जानकारी दी गई कि स्टेन स्वामी का निधन हो गया है. वकील ने बताया कि स्टेन स्वामी की सेहत रविवार की रात से ही काफी खराब हो गई थी. सुबह करीब 4.30 बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका. स्टेन स्वामी को पार्किंसन्स जैसी गंभीर बीमारी भी थी. उनके वकील ने आरोप लगाया है कि स्टेन स्वामी के निधन के लिए तलोजा जेल के अधिकारियों की लापरवाही जिम्मेदार है, जिनके रुख के कारण उन्हें बीमारी के शुरुआती दौर में सही इलाज नहीं मिल सका.
हाईकोर्ट के आदेश पर होली फैमिली अस्पताल में भर्ती हुए थे
स्टेन स्वामी की सेहत लगातार बिगड़ने के बाद हाइकोर्ट के आदेश पर ही उन्हें 29 मई को मुंबई के होली फेमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इससे पहले मई में उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई एक सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच से कहा था कि तलोजा जेल में रखे जाने के दौरान उनकी सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है. स्टेन स्वामी ने मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत और बेहतर इलाज की सुविधा दिए जाने की मांग करते हुए कहा था कि अगर हालात जैसे हैं, वैसे ही बने रहे, तो जल्द ही उनकी मौत हो जाएगी.
NIA ने कहा था स्टेन स्वामी की बीमारियों का ठोस सबूत नहीं है
हालांकि NIA ने पिछले महीने हाईकोर्ट में दायर एक हलफनामे में स्टेन स्वामी की जमानत की अर्जी का विरोध करते हुए कहा था कि उनकी बीमारियों का कोई ठोस सबूत नहीं है. एजेंसी ने आरोप लगाया था कि 84 साल के स्टेन स्वामी एक माओवादी हैं, जिन्होंने देश में अशांति फैलाने की साजिश रची है. झारखंड में आदिवासियों के लिए काम करने वाले बुजुर्ग पादरी और एक्टिविस्ट स्टेन स्वामी को NIA ने अक्टूबर 2020 में एलगार परिषद केस में आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया था.
विपक्षी नेताओं ने स्टेन स्वामी के निधन पर दुख और नाराजगी जाहिर की
विपक्ष के कई नेताओं ने स्टेन स्वामी के निधन पर दुख और नाराजगी का इजहार किया है. तृणमूल कांग्रेस के नेता यशवंत सिन्हा ने स्टेन स्वामी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके निधन से जुड़े हालात पर तीखे सवाल उठाए हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में देश के केंद्रीय मंत्री रहे सिन्हा ने ट्विटर पर लिखा, “फादर स्टेन स्वामी को मेरी तरफ से अश्रुपूरित विदाई. उनकी मौत एक हत्या है और हमें पता है कि गुनाहगार कौन है. RIP.”
My tearful farewell to Father Stan Swami. His death is a murder and we know who is responsible. RIP.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) July 5, 2021
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लिखा, “फादर स्टेन स्वामी के निधन पर हार्दिक संवेदनाएं श्रद्धांजलि. उन्हें न्याय और मानवीय बर्ताव मिलना चाहिए था.”
Heartfelt condolences on the passing of Father Stan Swamy.
He deserved justice and humaneness.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 5, 2021
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ट्विटर पर लिखा, “फॉदर स्टेन स्वामी का पूरा जीवन आदिवासी व वंचित वर्गों की सेवा में गया। दुख इस बात का है कि मोदीशाह सरकार ने इस निर्दोष समाज सेवी को झूठे प्रकरण में जेल भेज दिया जहां उनकी मृत्यु हो गई। उन्हें हमारी विनम्र श्रद्धांजलि।”
फॉदर स्टेन स्वामी का पूरा जीवन आदिवासी व वंचित वर्गों की सेवा में गया। दुख इस बात का है कि मोदीशाह सरकार ने इस निर्दोष समाज सेवी को झूठे प्रकरण में जेल भेज दिया जहां उनकी मृत्यु हो गई। उन्हें हमारी विनम्र श्रद्धांजलि। https://t.co/ZWWozmeyCZ
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 5, 2021
सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी स्टेन स्वामी के निधन पर गहरा दुख और गुस्सा जाहिर किया है. येचुरी ने ट्वीट किया है,”फादर स्टेन स्वामी का निधन गहरे दुख और नाराजगी का एहसास हो रहा है. एक पादरी और सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर वे लगातार वंचित तबकों की मदद करने में लगे रहे. अक्टूबर 2020 में UAPA जैसे क्रूरतापूर्ण कानून के तहत गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही उनके साथ अमानवीय बर्ताव होता रहा, जबकि उनके खिलाफ कोई आरोप तय नहीं हुआ था. कस्टडी में हुई इस हत्या के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए.”
Deeply pained & outraged at the death of Father Stan Swamy.
A jesuit priest & social activist he tirelessly helped the marginalised.
Draconian UAPA custody, inhuman treatment since October 2020 with no charge established.
Accountability must be fixed for this murder in custody. pic.twitter.com/iQ8XrfRb9n— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) July 5, 2021
झारखंड के सीएम ने केंद्र को जवाबदेह बताया
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने फादर स्टेन स्वामी के निधन पर दुख जाहिर करते हुए केंद्र सरकार को जवाबदेह बताया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “फादर स्टेन स्वामी के निधन की खबर सुनकर गहरा धक्का लगा. उन्होंने अपना पूरा जीवन आदिवासियों के अधिकारों के लिए काम करने में समर्पित कर दिया था. उनकी गिरफ्तारी और जेल में रखे जाने का मैंने कड़ा विरोध किया था. उनकी मौत घोर असंवेदनशीलता दिखाए जाने और वक्त पर मेडिकल सुविधाएं न मिलने की वजह से हुई, जिसके लिए केंद्र सरकार जवाबदेह है.” फादर स्टेन स्वामी ने अपने जीवन का ज्यादातर वक्त झारखंड में ही आदिवासियों के लिए काम करते हुए बिताया था.
Shocked to learn about the demise of Father Stan Swamy. He dedicated his life working for tribal rights. I had strongly opposed his arrest & incarceration. The Union Govt should be answerable for absolute apathy & non provision of timely medical services, leading to his death.
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) July 5, 2021
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी स्टेन स्वामी के निधन पर दुख जाहिर करते हुए ट्विटर पर लिखा है, “84 साल के आदिवासी एक्टिविस्ट स्टेन स्वामी के निधन से गहरा आघात लगा है. उनका खून एक ऐसी क्रूर और निर्दयी सरकार के हाथों पर लगा है, जिसने उनके जीवनकाल में ही उनकी गरिमा और मर्यादा को छीन लिया था. बेहद दुखी और स्तब्ध हूं. उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना.”