SSC MTS Exams: स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन (SSC) पहली बार हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में ‘मल्टी टास्किंग स्टॉफ (नॉन-टेक्निकल) एग्जामिनेशन’, 2022 आयोजित करेगा. कमीशन ने जारी आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी है. चयन आयोग ने बताया कि 13 क्षेत्रीय भाषाओं में – उर्दू, तमिल, मलयालम, तेलुगु, कन्नड़, असमिया, बांग्ला, गुजराती, कोंकणी, मणिपुरी (मैतेई), मराठी, उड़िया और पंजाबी शामिल है.
क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा होने से उम्मीदवारों को होगा लाभ: जितेंद्र सिंह
सरकार की सबसे बड़ी भर्ती एजेंसियों में से एक एसएससी का मुख्य उद्देश्य विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में सभी ग्रुप बी (अराजपत्रित) और ग्रुप सी (गैर-तकनीकी) पदों पर भर्ती करना है. आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं का माध्यम सामान्यतः हिंदी और अंग्रेजी है. केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में ‘SSC MTS एग्जाम आयोजित होने से देश भर में बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को लाभ मिलने की संभावना है.
अवसर में बाधा न बने भाषा
राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित कराए जाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अगुवाई वाली सरकार के कदम को ऐतिहासिक बताया है. उन्होंने कहा कि यह कदम सभी नौकरी चाहने वालों को एक समान अवसर मुहैया कराएगी. केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इससे सभी नौकरी चाहने वालों को एक समान अवसर उपलब्ध कराने और किसी को भी भाषा के चलते अवसर से वंचित न करने के पीएम मोदी के नजरिए को सुनिश्चित कराया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक कदम के बाद, धीरे-धीरे संविधान की 8वीं अनुसूची में उल्लेखित सभी भाषाओं को शामिल करने की कोशिश की जा रही है.
भाषायी विविधता का मनाया जा सके उत्सव
केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि नवंबर, 2022 में वाराणसी में हुए ‘‘काशी तमिल संगमम’’ के उद्घाटन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि “दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक भाषा तमिल है लेकिन इसके बावजूद हम इसे पूरी तरह से सम्मानित करने में सफल नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि SSC निरंतर कोशिश कर रहा है कि देश के विभिन्न वर्गों को समान अवसर उपलब्ध कराया जाए, जिससे क्षेत्रीय असमानताओं को दूर किया जा सके और संविधान के आदर्शों को प्राप्त किया जा सके और साथ ही साथ हमारे देश की भाषायी विविधता का उत्सव भी मनाया जा सके.
(इनपुट : भाषा)