BJP MP Sushil Modi Urges Centre to Ban Rs 2,000 Notes: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने 2000 रुपये के नोटों को बंद किए जाने की मांग की है. सुशील मोदी ने दावा किया है कि दो हजार रुपये के नोटों का इस्तेमाल अवैध कामों के लिए किया जा रहा है, लिहाजा इसे बंद कर दिया जाना चाहिए. हालांकि उन्होंने इन नोटों को अचानक नहीं, बल्कि धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से बंद किए जाने की मांग की. बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने यह मांग सोमवार को राज्यसभा में शून्य काल (Zero Hour) के दौरान उठाई और उसके बाद मीडिया से बातचीत में भी अपनी इस बात को दोहराया.
यूरोपीय यूनियन और सिंगापुर ने बंद किए बड़े नोट : मोदी
सुशील मोदी ने राज्यसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यूरोपीय यूनियन ने 500 यूरो के करेंसी नोट्स 2018 में बंद कर दिए. सिंगापुर भी 10 हजार डॉलर के नोट जारी करना 2010 में ही बंद कर चुका है. उन्होंने कहा कि इन देशों ने ड्रग्स की तस्करी, मनी लॉन्डरिंग, आतंकवाद की फंडिंग और टैक्स चोरी जैसी अवैध गतिविधियों पर काबू पाने के लिए ही बड़ी रकम के करेंसी नोट्स बंद किए हैं. उन्होंने कहा कि भारत अब डिजिटल लेन-देन का बड़ा केंद्र बन चुका है, जिसके जरिए बड़ी रकम का भुगतान किया जाता है. लिहाजा 2000 रुपये जैसे बड़ी रकम वाले करेंसी नोट्स की अब बहुत कम जरूरत रह गई है.
नोटों की कमी दूर करने के लिए लाए गए थे 2000 के नोट : मोदी
सुशील मोदी का कहना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 2016 में 2000 रुपये के नोटों को इसलिए शुरू किया था, क्योंकि उस वक्त 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट अचानक बंद कर दिए जाने से हुई नोटों की कमी की जल्द से जल्द भरपाई करनी थी. लेकिन इन नोटों के सर्कुलेशन से जुड़ी कई समस्याओं की वजह से पिछले तीन सालों के दौरान इनकी छपाई बंद कर दी गई है. उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी मिल रही है कि कुछ लोगों ने 2000 रुपये के नोटों को जमा करके रख लिया है और उनका इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग, ड्रग्स की तस्करी और काला धन छिपाने के लिए किया जा रहा है.
अमीर देशों में 100 से बड़े नोट नहीं : सुशील मोदी
लंबे समय तक बिहार के वित्त मंत्री रह चुके बीजेपी सांसद ने कहा कि अमेरिका, जर्मनी और जापान जैसे अमीर देशों में भी 100 से बड़ी इकाई के करेंसी नोट नहीं होते, लिहाजा भारत सरकार को भी दो हजार के नोट बंद करने के बारे में सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को इसे धीरे-धीरे करके चरणबद्ध तरीके से बंद करना चाहिए ताकि लोगों को 2000 के नोटों में रखी अपनी वैध कमाई को छोटे नोटों में बदलने का वक्त मिल जाए.
2016 में नोटबंदी के बाद लाए गए 2000 के नोट
गौरतलब है कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को एक झटके में बंद कर दिया था, जिससे देश की करीब 86 फीसदी करेंसी अचानक ही रद्द हो गई थी और देश के लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. इसके बाद देश में करेंसी नोटों की भारी किल्लत को कम समय में पूरा करने के लिए 2000 रुपये के नोटों की शुरुआत की गई थी.