रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र में अगले पांच सालों में रिसर्च और इनोवेशन के लिए करीब 499 करोड़ रुपये के बजटीय समर्थन को मंजूरी दी है. रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा कि इस फंड का इस्तेमाल करीब 300 स्टार्टअप्स, सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योग (MSMEs) और इंडीविजुअल इनोवेटर्स को वित्तीय समर्थन देने के लिए किया जाएगा. इसका लक्ष्य रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के बड़े लक्ष्य को सुनिश्चित करना होगा.
सैन्य हथियारों के आयात को कम करने की दिशा में कदम
यह स्कीम सरकार के सैन्य हार्डवेयर और हथियारों के आयात में कटौती करने और भारत को रक्षा मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने के कदम के मुताबिक है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिफेंस एक्सीलेंस (iDEX)- डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइजेशन (DIO) को इनोवेशन के लिए अगले पांच सालों के लिए 498.8 करोड़ रुपये के बजटीय समर्थन की मंजूरी दी है. इसमें कहा गया है कि iDEX–DIO का प्राथमिक लक्ष्य रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर में आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण है.
मंत्रालय ने कहा कि डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस प्रोडक्शन द्वारा iDEX फ्रेमवर्क और DIO की स्थापना का लक्ष्य रक्षा और एयरोस्पेस के क्षेत्र में इनोवेशन और टेक्नोलॉजी विभाग को बढ़ावा देने के लिए इकोसिस्टम बनाना है.
मंत्रालय ने कहा कि अगले पांच सालों के लिए 498.8 करोड़ रुपये के बजटीय समर्थन के साथ इस स्कीम का मकसद DIO फ्रेमवर्क के तहत करीब 300 स्टार्टअप्स/MSMEs/ इंडिविजुअल इनोवेटर्स और 20 पार्टनर को वित्तीय समर्थन उपलब्ध कराना है. उसने कहा कि DIO इनोवेटर्स के लिए भारतीय रक्षा उत्पादन इंडस्ट्री के साथ बातचीत करने के लिए चैनल बनाने में मदद करेगा. इसमें कहा गया है कि स्कीम का मकसद भारतीय डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर के लिए नई, स्वदेशी और इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज के तेज विकास की सुविधा देना है, जिससे उनकी जरूरतें कम समयावधि में पूरी हो सकें.
पिछले कुछ सालों में, सरकार ने भारत को डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने के लिए कई सुधार के कदम और पहलों को पेश किया है. पिछले साल अगस्त में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एलान किया था कि भारत 101 हथियारों और सैन्य प्लेटफॉर्म्स जैसे ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर्स, सब्मरीन्स, मिसाइलों और सोनार सिस्टम का 2024 तक आयात बंद कर देगा.