देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच भारतीय रेलवे ने 31 मार्च तक ट्रेनों के संचालन पर रोक लगा दी है. इस दौरान रेलवे की कई सर्विस भी बंद कर दी गई है. लेकिन इस बीच रेलवे ने अपने कांट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए बड़ा एलान किया है. रेलवे ने कहा है कि कांट्रैक्ट कर्मचारियों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा. 31 मार्च तक ट्रेनों के सस्पेंशन के बाद भी उन्हें पूरी सैलरी दी जाएगी.
नहीं रुकेगी सैलरी
भारतीय रेलवे ने इस बारे में मंगलवार को एक आॅर्डर जारी करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस को देखते हुए सरकार ने 31 मार्च तक ट्रेनों के संचालन पर रोक लगा दी है. रेलवे से जुड़े लाखों कांट्रैक्ट कर्मचारी हैं जो इन ट्रेनों के साथ हाउस कीपिंग सर्विस, सैनिटेशन, पैंट्री कार और कमर्शियल एक्टिविटी में जुड़े हैं. ऐसे में रेलवे के कर्मचारियों के लिए भी ये संकट की घड़ी है क्योंकि उनके सैलरी मिलने पर सवाल उठ खड़ा हुआ है. लेकिन अब रेलवे ने खुद अपने कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारियों को पूरी सैलरी देने की बात कही है.
इन कर्मचारियों को होने वाली कठिनाई को कम करने के लिए (रेलवे) बोर्ड ने रेलगाड़ियों, स्टेशनों और कार्यालयों में सेवाएं प्रदान करने में लगे निजी प्रतिष्ठानों (अस्थायी, संविदात्मक, आउटसोर्स सहित) के कर्मचारियों के लिए यह निर्णय लिया है. ये कर्मचारी रेल सेवाओं के निलंबन से सीधे प्रभावित हैं.
कॉन्ट्रेक्ट वैल्यू का 70 फीसदी
भारतीय रेलवे ने फैसला किया है कि मौजूदा रेल बंदी के दौरान कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारियों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा. इसके लिए उनको उनके कॉन्ट्रेक्ट वैल्यू का 70 फीसदी भुगतान किया जाएगा. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार रेलवे ने अपने कांट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए बड़ी घोषणा की है और इसके जरिए उन कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान होने से बचाया जाएगा.