नए बजट के पेश होने से कुछ दिन पहले दुनिया के जानेमाने अर्थशास्त्री और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने भारत सरकार को कई अहम सुझाव दिए हैं. राजन ने कहा है कि भारत सरकार को अपने घाटे को काबू में रखने के लिए खर्चों में सावधानी बरतनी चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि ‘भारतीय अर्थव्यवस्था में ब्राइट स्पॉट्स के साथ कुछ काले धब्बे’ भी हैं. प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने यह भी कहा कि सरकार को अर्थव्यवस्था में रिकवरी के दौरान आर्थिक गैर-बराबरी को और बढ़ने से रोकने के लिए ज्यादा उपाय करने चाहिए. अर्थशास्त्र की भाषा में इस तरह की गैर-बराबरी वाली रिकवरी को “K शेप रिकवरी” कहते हैं.
क्या है K शेप रिकवरी
किसी अर्थव्यवस्था में K शेप रिकवरी का रुझान आम तौर पर तब देखने को मिलता है, जब मंदी के बाद नई तकनीक या बड़ी पूंजी वाली मजबूत कंपनियों की स्थिति छोटे कारोबारियों और लघु उद्योगों की तुलना में ज्यादा तेज़ी से सुधरती है. इस तरह की रिकवरी को K-शेप इसलिए कहते हैं, क्योंकि इकॉनमी के पिछड़े और मजबूत सेक्टर्स का ग्रोथ चार्ट एक साथ बनाने पर यह रोमन के “K” अक्षर जैसा दिखता है, जिसमें एक हिस्सा तेजी से ऊपर की ओर बढ़ रहा होता है, जबकि दूसरे में गिरावट का सिलसिला अब तक खत्म नहीं हुआ होता.
इस तरह की रिकवरी में आर्थिक तौर पर कमजोर सेक्टर और उनसे जुड़ी आबादी की माली हालत चिंताजनक हो जाती है. भारतीय अर्थव्यवस्था में ऐसी स्थिति के खतरे के बारे में आगाह करते हुए राजन ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था के बारे में मेरी सबसे बड़ी चिंता मिडिल क्लास, स्मॉल और मीडियम सेक्टर और हमारे बच्चों को लेकर है.” राजन फिलहाल शिकागो यूनिवर्सिटी के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर हैं. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में हमेशा ब्राइट स्पॉट्स के साथ गहरे काले धब्बे होते हैं.
रघुराम राजन की सलाह
- इंडियन इकॉनमी के ब्राइट स्पॉट्स की बात की जाए, तो इसमें हेल्थ सर्विस कंपनियां हैं. इनके अलावा इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) और आईटी-संबद्ध क्षेत्र जबर्दस्त कारोबार कर रहे हैं. कई क्षेत्रों में यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन) बने हैं और वित्तीय क्षेत्र के कुछ हिस्से भी मजबूत हैं.
- रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने कहा, ‘‘काले धब्बों (dark stains) की बात की जाए, तो बेरोजगारी, कम क्रय शक्ति (खासकर लोवर मिडिल क्लास), स्मॉल और मीडियम आकार की कंपनियों की कमजोर वित्तीय हालत इसमें शामिल हैं.’’ इनके अलावा क्रेडिट ग्रोथ की सुस्ती और हमारे स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई पर पड़ा बुरा असर भी गहरे काले धब्बों (very dark stains) में शामिल हैं.
- राजन ने कहा कि कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन मेडिकल और आर्थिक गतिविधियों के लिए झटका है. इसके साथ ही उन्होंने सरकार को K शेप्ड रिकवरी को लेकर आगाह किया है. राजन ने कहा कि हमें K शेप्ड रिकवरी को रोकने के लिए हरसंभव उपाय करने चाहिए.
- रघुराम राजन ने कहा कि महामारी के आने से पहले भी भारत सरकार की राजकोषीय हालत बहुत अच्छी नहीं थी. यही वजह है कि वित्त मंत्री खुले हाथों से खर्च नहीं कर सकतीं. उन्हें राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के लिए संभल कर खर्च करना होगा.
चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 9 प्रतिशत के आसपास रहने का अनुमान है. बीते वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी. वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा. रघुराम राजन ने कहा कि बजट-दस्तावेज एक ‘विज़न’ होता है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत के लिए 5 या 10 साल का विज़न देखना चाहता हूं.’’ उन्होंने कहा कि जहां जरूरत है, वहां सरकार खर्च करे. लेकिन हमें खर्च सावधानी से करने की जरूरत है, ताकि राजकोषीय घाटा बहुत ज्यादा न बढ़ जाए. महंगाई दर के बारे में राजन ने कहा कि आज दुनिया के सभी देशों के लिए महंगाई चिंता का विषय है और भारत इसका अपवाद नहीं हो सकता.