Post Lockdown Strategy: देशभर में लॉकडाउन समाप्त होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) समेत प्रमुख मंत्रियों के साथ ‘एग्जिट स्ट्रैटजी’ पर चर्चा की. एग्जिट स्ट्रैटजी से मतलब है कि लॉकडाउन के बाद देश में सभी तरह की गतिविधियों खासकर आर्थिक एक्टिविटी कैसे सुचारू किया जाए. इस बारे में आधिकारिक रूप से अभी कुछ भी नहीं कहा गया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री पिछले कुछ दिनों से पोस्ट लॉकडाउन स्ट्रैटजी को लेकर अलग-अलग तरह की संभावनाओं पर लगातार चर्चा कर रहे हैं. शुक्रवार सुबह हुई बैठक में रेल एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे. लॉकडाउन 3 मई को खत्म हो रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को निवेशी निवेश आकर्षित करने, घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को प्रमोट करने और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की स्ट्रैटजी पर कई बैठकें की. कोविड-19 महामारी और देशभर में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है. उन्होंने निवेश की स्थिति, रक्षा, एयरोस्पेस सेक्टर और माइन एंड मिनरल सेकटर की समीक्षा की.
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GDP को लगेगा झटका, दूसरा पैकेज जल्द
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते कमोबेश आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हो गई हैं. जिसके चलते अप्रैल—जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट में गिरावट आएगी. मार्च के आखिर में सरकार ने गरीबों, किसानों, मजबूरों, असहायों के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज जारी किया था. इसके तहत मुफ्त अनाज से लेकर, फ्री गैस सिलिंडर और डीबीटी के जरिए कैश सपोर्ट शामिल है.
अब जल्द ही सरकार दूसरा राहत पैकेज जारी कर सकती है. यह खासक छोटे और मझोले कारोबारियों को केंद्र में रखकर आ सकता है. लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर एमएसएमई सेक्टर को हुआ है. माना जा रहा है सरकार जल्द दूसरे राहत पैकेज का एलान कर सकती है.
पहली बार 25 मार्च को लगा लॉकडाउन
केंद्र सरकार ने पहली बार 25 मार्च को 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन का एलान किया था. जिसकी समय सीमा 14 अप्रैल को समाप्त हो रही थी. लेकिन, देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाकर 3 मई कर दिया था. लॉकडाउन के चलते कारोबार ठप हो गए. रेल, सड़क एवं हवाई परिवहन पूरी तरब बंद है. सिर्फ जरूरी सेवाओं और सामानों की आपूर्ति के लिए अनुमति दी गई है. हालांकि, गृह मंत्रालय की ओर से समय-समय पर समीक्षा के बाद नियमों में ढील जा रही है.